हिजाब पर आज आ सकता है सुप्रीम कोर्ट का फैसला, हाईकोर्ट ने इसे इस्लाम का जरूरी हिस्सा मानने से कर दिया था इनकार

Karnataka Hijab Controversy : कर्नाटक हाईकोर्ट ने उडुपी के सरकारी प्री-यूनिवर्सिटी गर्ल्स कॉलेज की कुछ मुस्लिम छात्राओं की तरफ से क्लास में हिजाब पहनने की मांग करने वाली याचिका खारिज करते हुए कहा था कि हिजाब पहनना इस्लाम में जरूरी प्रैक्टिस का हिस्सा नहीं है।

Update: 2022-10-13 02:20 GMT

कर्नाटक हिजाब विवाद :हाईकोर्ट ने हिजाब को इस्लाम का जरूरी हिस्सा माने से कर दिया था इनकार

Karnataka Hijab Controversy : ईरान में हिजाब को लेकर जारी विरोध-प्रदर्शन के बीच भारत ( India ) में इस मसले पर आज सुप्रीम कोर्ट ( Supreme Court ) का अहम फैसला आ सकता है। जस्टिस हेमंत गुप्ता और जस्टिस सुधांशु धुलिया की पीठ ने 10 दिनों तक लगातार सुनवाई के बाद इस मामले में 22 सितंबर को अपना फैसला आज के लिए सुरक्षित रख लिया था। इससे पहले कर्नाटक हाईकोर्ट ( Karnataka High court ) ने ​इस मसले पर हिजाब ( Hijab ) के समर्थन दायर याचिका को खारिज कर दिया था।

बता दें कि सुप्रीम कोर्ट में हिजाब विवाद ( Hijab dispute ) पर कर्नाटक हाईकोर्ट के फैसले के खिलाफ 23 याचिकाएं दाखिल हैं। इन सभी को क्लब कर एक साथ सुनवाई हुई। याचिकाकर्ताओं की ओर से सीनियर एडवोकेट राजीव धवन, दुष्यंत दवे, संजय हेगड़े और कपिल सिब्बल सहित अन्य अधिवक्ताओं ने अदालत के सामने अपना-अपना पक्ष रखा था।

कर्नाटक हाईकोर्ट ने दिया था ये फैसला

हिजाब विवाद ( Karnataka Hijab controversy ) पर 15 मार्च को कर्नाटक हाईकोर्ट ने उडुपी के सरकारी प्री-यूनिवर्सिटी गर्ल्स कॉलेज की कुछ मुस्लिम छात्राओं की तरफ से क्लास में हिजाब पहनने की मांग करने वाली याचिका खारिज कर दी थी। हाईकोर्ट ने अपने पुराने आदेश को बरकरार रखते हुए कहा कि हिजाब ( Hijab ) पहनना इस्लाम की जरूरी प्रैक्टिस का हिस्सा नहीं है। इसे संविधान के आर्टिकल 25 के तहत संरक्षण देने की जरूरत नहीं है। कोर्ट के इसी फैसले को चुनौती देते हुए कुछ लड़कियों ने सुप्रीम कोर्ट ( Supreme court ) में याचिका दाखिल की थी, जिस पर सुनवाई हो रही है।

उडुपी से शुरू हुआ था विवाद

Karnataka Hijab Controversy : कर्नाटक में हिजाब विवाद जनवरी में एक सरकारी कॉलेज से शुरू हुआ था। उडुपी के एक सरकारी कॉलेज में मुस्लिम लड़कियों को हिजाब पहनकर आने से रोका गया था। स्कूल मैनेजमेंट ने इसे यूनिफॉर्म कोड के खिलाफ बताया था। इसके बाद दूसरे शहरों में भी यह विवाद फैल गया था। मुस्लिम लड़कियां इसका विरोध कर रही हैं, जिसके खिलाफ हिंदू संगठनों से जुड़े युवकों ने भी भगवा शॉल पहनकर जवाबी विरोध शुरू कर दिया था। एक कॉलेज में यह विरोध हिंसक झड़प में बदल गया था, जहां पुलिस को सिचुएशन कंट्रोल करने के लिए टियर गैस छोड़नी पड़ी थी।इस मसले पर सुप्रीम कोर्ट ने 22 सितंबर को हिजाब बैन पर फैसला सुरक्षित रख लिया था। कर्नाटक हाईकोर्ट के फैसले के खिलाफ दायर याचिकाओं पर लगातार 10 दिन से सुनवाई चली। सुनवाई के शुरुआती 6 दिन मुस्लिम पक्ष की दलीलों के बाद कर्नाटक सरकार ने अपना पक्ष रखा। इसमें हिंदू, सिख, ईसाई प्रतीकों को पहनकर आने की तरह ही हिजाब को भी परमिशन दिए जाने की मांग की गई थी। 

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