Karnataka textbook controversy : रोहित चक्रतीर्थ ने पेश की सफाई, पोर्न ट्विट पर बोले - '10 साल से फंसाने का जरिया ढूंढ रहे हैं लोग'

Karnataka textbook controversy : कर्नाटक ( Karnataka ) पाठ्यपुस्तक समीक्षा समिति के चीफ चक्रतीर्थ ने स्वीकार किया है कि मैंने पोर्न पर वन लाइनर पोस्ट किया था, जो पहले से ही पब्लिक डोमेन में है।;

Update: 2022-06-04 08:25 GMT

Karnataka textbook controversy : रोहित चक्रतीर्थ ने पेश की सफाई, पोर्न ट्विट पर बोले - '10 साल से फंसाने का जरिया ढूंढ रहे हैं लोग'

Karnataka textbook controversy : पोर्न सामग्री पर ट्विट को लेकर आये दिन कोई न कोई राजनेता और प्रभावी लोग विवादों में आते रहते हैं। ताजा मामले में एक पुराने पोर्न ट्विट को लेकर कर्नाटक पाठ्यपुस्तक स​मीक्षा समिति ( Karnataka textbook review committee  ) के प्रमुख रोहित चक्रतीर्थ ( Rohit Chakratirth ) बुरी तरह से विरोधियों के निशाने पर आ गए हैं। उनके इस ट्विट की वजह से भाजपा सरकार को भी किरकिरी का सामना करना पड़ रहा है। फिलहाल, चक्रतीर्थ ने पोर्न ट्विट को लेकर अपनी ओर से सफाई पेश की है। उन्होंने अपने विरोधियों को निशाने पर लेते हुए कहा कि वे लोग मुझे 10 साल से फंसाने की कोशिश में लगे हैं।

कर्नाटक पाठ्यपुस्तक समीक्षा समिति के प्रमुख रोहित चक्रतीर्थ 2014 और 2015 में ऑनलाइन पोर्न पर पोस्ट किए गए ट्वीट्स की एक श्रृंखला के बाद एक और विवाद में फंस गए हैं। अब उनका पोर्न पर एक पुराना ट्विट वायरल हो रहा है। इसका स्क्रीनशॉट को पोस्ट करते हुए एक ट्विटर यूजर ने लिखा है कि यह कर्नाटक में स्कूली पाठों के लिए पाठ्यक्रम समिति के प्रमुख का पोस्ट है।

मेरा पोस्ट जोशीला होने के लिए थे

इसके जवाब में पोर्न पर अपने ​पुराने को स्वीकार करते हुए कि चक्रतीर्थ ( Rohit Chakratirth ) ने कह है कि ये बात सही है कि वायरल ट्विट उनके खाते से थे। चक्रतीर्थ ने इंडियन एक्सप्रेस को बताया कि यह पोस्ट "जोशीला" होने के लिए थे। "यह जरूरी नहीं है कि अब आप वैसे ही हों जैसे आप एक दशक पहले थे। हम सभी जीवन में परिवर्तनकारी दौर से गुजरते हैं। हम सभी उन दिनों सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स को लेकर उत्साहित थे और मैंने सिर्फ एक-लाइनर पोस्ट किया था, जो पहले से ही पब्लिक डोमेन में था।

विरोधियों पर लगाया सलेक्टिव होने का आरोप

उन्होंने कहा कि मैंने खुद बच्चों को प्रभावित करने वाले पोर्न पर एक लेख लिखा है। यूजर उसी ट्वीट्स को माइनिंग कर रहे हैं। उन्हें मेरे द्वारा लिखे गए शिक्षा पर अन्य लेखों को भी निकालना होगा। वे पदों के बारे में इतने चयनात्मक क्यों हैं? चक्रतीर्थ ने अपने विरोधियों से सवालिया लहजे में पूजा है - "पोर्न पर सोशल मीडिया पोस्ट और पाठ्यपुस्तक समीक्षा समिति के बीच कोई संबंध नहीं है। लोग मुझे घेरने का जरिया ढूंढ रहे हैं और ऐसा पिछले 10 साल से हो रहा है। इसमें मुझे आश्चर्य नहीं है।"

हेडगेवार और कुवेम्पु को लेकर विवादों में रह चुके हैं चक्रतीर्थ

Karnataka textbook controversy : बता दें कि कक्षा 10 कन्नड़ और सामाजिक विज्ञान की पाठ्यपुस्तकों में बदलाव लाने के लिए रोहित चक्रतीर्थ ( Rohit Chakratirth ) की पुराने पोस्ट को लेकर काफी आलोचना हो रही है। इससे पहले भी वह आरएसएस के संस्थापक केबी हेडगेवार के भाषण को कन्नड़ पाठ्यपुस्तक में शामिल करने और राष्ट्रकवि कुवेम्पु द्वारा लिखे गए राष्ट्रगान की पैरोडी वाली फेसबुक पोस्ट के लिए भी सोशल मीडिया यूजर के निशाने पर आ गए हैं। दो दिन पहले बुधवार को आम आदमी पार्टी के कार्यकर्ता बीटी नागन्ना ने भी 2017 में एक फेसबुक पोस्ट में राज्यगान 'जया भारत जननिया तनुजाठे' और राष्ट्रकवि कुवेम्पु का अपमान करने के लिए कब्बन पार्क पुलिस स्टेशन में चक्रतीर्थ के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई है।


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