कश्मीर फाइल्स के निर्माता विवेक अग्निहोत्री ने दिल्ली HC से बिना शर्त मांगी माफी, गौतम नवलखा को राहत देने पर की थी टिप्पणी

फिल्म द कश्मीर फाइल्स के निर्माण विवेक अग्निहोत्री ने दिल्ली हाईकोर्ट के जस्टिस एस मुरलीधर पर पक्षपात करने का आरोप लगाया था।

Update: 2022-12-06 08:30 GMT

नई दिल्ली। फिल्म द कश्मीर फाइल्स ( The kashmir Files )  के निर्माता विवेक अग्निहोत्री ( Vivek Agnihotri ) ने दिल्ली हाईकोर्ट ( Delhi high court ) से अपने एक बयान के लिए बिना शर्त माफी ( Vivek Agnihotri apologizes ) मांग ली है। इसके बावजूद राहत नहीं मिली और उन्हें हाईकोर्ट में पेश होना पड़ेगा। दिल्ली हाईकोर्ट ने विवेक अग्निहोत्री को 16 मार्च को अदालत में पेश होने का फरमान सुनाया है।

दरअसल, महाराष्ट्र के भीमा कोरेगांव हिंसा ( Bhima Koregaon violence ) मामले में हाल ही में आरोपी और मानवाधिकार कार्यकर्ता गौतम नवलखा ( Gautam navlakha ) को राहत देने पर फिल्म निर्माता विवेक अग्निहोत्री ने दिल्ली हाईकोर्ट के खिलाफ गलत टिप्पणी की थी। उसके बाद से द कश्मीर फाइल्स के निर्माता विवेक अग्निहोत्री की कोर्ट की अवमानना की कार्रवाई का सामना कर रहे हैं। मामले की गंभीरता को देखते हुए उन्होंनेदिल्ली हाईकोर्ट से बिना शर्त माफी मांग ली है, लेकिन दिल्ली हाईकोर्ट ने उन्हें कोई राहत नहीं दी है।यह मामला भीमा कोरेगांव हिंसा के आरोपी गौतम नवलखा को राहत का आदेश देने के चलते जस्टिस मुरलीधर पर पक्षपात के आरोप लगाने से जुड़ा है।

विवेक अग्निहोत्री ने दिल्ली हाईकोर्ट के जस्टिस एस मुरलीधर ( Justice Murlidhar ) पर पक्षपात करने का आरोप लगाया था, जिसके बाद दिल्ली हाईकोर्ट ने स्वंत: संज्ञान लेते हुए 2018 में विवेक अग्निहोत्री और आनंद रंगनाथन के खिलाफ अवमानना की कार्रवाई शुरू की थी। इससे पहले की सुनवाई में दिल्ली हाईकोर्ट ने विवेक अग्निहोत्री को नोटिस जारी किया था।



बता दें कि यह मामला हाईकोर्ट ( Delhi High court ) के जस्टिस एस मुरलीधर (Justice S Murlidhar  )के खिलाफ उनकी टिप्पणी से संबंधित है। दिल्ली हाईकोर्ट ने 2018 में भीम कोरेगांव मामले में मानव अधिकार कार्यकर्ता गौतम नवलखा ( Gautam Navlakha ) के हाउस अरेस्ट ऑर्डर और ट्रांजिट रिमांड को रद्द कर दिया था।

क्या है Bhima Koregaon मामला

भीमा कोरेगांव मामला 31 दिसंबर, 2017 को पुणे में आयोजित 'एल्गार परिषद' सम्मेलन में दिये गये कथित भड़काऊ भाषणों से संबंधित है। पुणे पुलिस का दावा है कि भाषणों से अगले दिन पुणे जिले के कोरेगांव-भीमा युद्ध स्मारक के पास हिंसा भड़क गई थी। पुणे पुलिस ने दावा किया था कि प्रतिबंधित नक्सली संगठनों से जुड़े लोगों ने सम्मेलन का आयोजन किया था। इस मामले में इससे पहले भी नवलखा हाउस अरेस्ट के रूप में रह चुके हैं। अप्रैल 2020 से वह जेल में थे। अब इस मामले में पहले बॉम्बे हाईकोर्ट के बाद सुप्रीम कोर्ट ने भी एनआईए से गौतम अदलखा को एक माह के लिए हाउस अरेस्ट में रखने को कहा है।

Tags:    

Similar News