चीन की पीएलए ने 15 जून के टकराव वाले स्पाॅट पर टेंट व आब्जर्वेशन पॉइंट स्थापित किए
चीन की सेना ने गलवान घाटी में टकराव वाले स्थल पर अपनी सक्रियता बढाई है। उसकी कथनी और करनी में अंतर साफ दिख रहा है...
जनज्वार, नई दिल्ली। चीनी पीपल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) के सैनिक टकराव की स्थिति से दूर हटने को लेकर बनी आपसी सहमति का उल्लंघन करते हुए पूर्वी लद्दाख में गलवान घाटी में वास्तविक नियंत्रण रेखा (पीएलए) पर स्थित पेट्रोलिंग पोस्ट 14 पर वापस लौट आए हैं। इसी जगह 15 जून को हुए हिंसक संघर्ष में 20 भारतीय सैनिक शहीद हो गए थे।
सूत्रों ने कहा है कि पीएलए ने ठीक 15 जून वाली जगह पर टेंट और एक आब्जर्वेशन पॉइंट स्थापित कर लिए हैं। सूत्र ने कहा कि चीनी सैनिक भारी दल बल के साथ लौटे हैं, जबकि वे अपने सैनिकों को वापस बुलाने और अपने सेटअप को हटाने पर सहमत हुए थे।
सूत्रों ने कहा कि 22 जून को भारत और चीन के बीच कॉर्प्स कमांडर की 11 घंटे लंबी बैठक के दौरान यह कहा गया था कि एलएसी से दूर हटने पर आपसी सहमति बन गई है। यह भी कहा गया था कि पूर्वी लद्दाख में सभी टकराव वाले इलाकों से हटने की मोडलटीज पर चर्चा हुई थी।
दोनों देशों की सेनाओं के कॉर्प्स कमांडर सीमा मुद्दे को सुलझाने और पूर्वी लद्दाख में तनाव कम करने के लिए मोलदो में मिले थे। छह जून की पहली बैठक के बाद यह दूसरी बैठक थी।
यह बैठक 14 कॉर्प्स कमांडर लेफिटनेंट जनरल हरिंदर सिंह और दक्षिण शिनजियांग मिलिट्री डिस्ट्रिक्ट के चीफ मेजर जनरल लियु लिन के बीच हुई थी।
सूत्रों ने कहा कि लेकिन चीनी सैनिक वापस उसी स्थान पर लौट आए हैं, जहां संघर्ष हुआ था। चीनी सेना की तैनाती भारत सरकार के लिए एक बड़ी चिंता का विषय है, लेकिन पूर्वी लद्दाख में मौजूद भारतीय सैनिक किसी भी संघर्ष के लिए तैयार हैं।