जम्मू कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री व पीडीपी अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती की हिरासत तीन महीने बढी
महबूबा मुफ्ती पिछले करीब एक साल से हिरासत में हैं, शुक्रवार को उनकी हिरासत अवधि तीन महीने के लिए और बढा दी गई...
श्रीनगर। जम्मू कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री एवं पीडीपी अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती की हिरासत अवधि शुक्रवार (31 july 2020) को और तीन महीने बढा दी गई। इस संबंध में जिला मजिस्ट्रेट, श्रीनगर की ओर से आदेश जारी किया गया। आदेश के अनुसार, महबूबा मुफ्ती की हिरासत को पब्लिक सेफ्टी एक्ट के तहत तीन महीने के लिए बढाया गया है। उनकी मौजूदा हिरासत अवधि पांच अगस्त को खत्म होने वाली थी।
Former Jammu & Kashmir CM Mehbooba Mufti's detention under Public Safety Act extended by three months
— ANI (@ANI) July 31, 2020
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मालूम हो कि महबूबा मुफ्ती को पिछले साल पांच अगस्त को जम्मू कश्मीर के पुनर्गठन के बाद हिरासत में लिया गया था। मोदी सरकार ने पिछले साल अनुच्छेद 370 हटाया था और उसके बाद कश्मीर के कई प्रमुख नेताओं को हिरासत में लिया था। सरकार ने इसी साल 14 फरवरी को महबूबा मुफ्ती पर जनसुरक्षा अधिनियम लगा दिया था।
उन्हें सरकारी आवास को उपजेल में तब्दील कर वहीं रखा जा रहा है। महबूबा मुफ्ती पूर्व में भाजपा के साथ राज्य में सरकार चल चुकी हैं और मुख्यमंत्री रही हैं।
पब्लिक सेफ्टी एक्ट क्या है?
पब्लिक सेफ्टी एक्ट यानी सार्वजनिक अधिनियम एक ऐसा कानून है, जिसमें बिना मुकदमे के किसी भी व्यक्ति को दो साल तक गिरफ्तारी या नजरबंदी में रखा जा सकता है। इस एक्ट के जम्मू कश्मीर के बड़े नेताओं फारूक अब्दुल्ला, महबूबा मुफ्ती व उमर अब्दुल्ला सहित अन्य को हिरासत में रखा गया।
इस कानून को 1978 में लागू किया गया। इस कानून को आरंभ में जम्मू कश्मीर में लकड़ी की तसकरी रोकने के लिए लागू किया गया था, क्योंकि उस समय ऐसा करने वाले लोग मामूली हिरासत के बाद छूट आते थे. शेख अब्दुल्ला ने इसे लकड़ी तस्करों के खिलाफ एक निवारक उपाय के रूप में लाया था जिसके तहत बिना मुकदमे के के दो साल की जेल की सजा का प्रावधान है।