Kaun Hai Allu Arjun: कौन हैं अल्लु अर्जुन, 'पुष्पा: द राइज' में जिनके डॉयलाग्स और डांस मूव्स ने मचा रखी है गदर
Kaun Hai Allu Arjun: अर्जुन बचपन से पियानो टीचर बनना चाहते थे। थोड़े बड़े हुए तो मार्शल आर्ट्स में दिलचस्पी जगी। फिर सोचा कि अमेरिकन स्पेस एजेंसी NASA में काम करना है...
Kaun Hai Allu Arjun: दक्षिण भारत की फिल्म 'पुष्पा: द राइज' (Pushpa: The Rise) इन दिनों खासी चर्चा में है। इस फिल्म में लीड रोल निभाने वाले अभिनेता अल्लु अर्जुन अपनी दमदार एक्टिंग के अलावा डॉयलाग्स और बेहतरीन डांस मूव्स के लिए दर्शकों की पहली पसंद बने हुए हैं। यह फिल्म हिंदी में भी डब की जा चुकी है। बता दें कि तेलुगु फिल्म इंडस्ट्री आज के समय में इंडिया की सबसे बड़ी फिल्म इंडस्ट्रीज़ में से एक है। यहां हर साल 200 से ज़्यादा फिल्में बनती हैं। लेकिन आज हम फोकस करेंगे अल्लु अर्जुन पर।
अल्लु अर्जुन की फैमिली
सिनेमा के क्षेत्र में अपने योगदान के लिए पद्मश्री से नवाज़े गए डॉ. अल्लु रामा लिंगय्या को चार बच्चे हुए- अल्लू अरविंद, सुरेखा कोनिडेला, वसंत लक्ष्मी और नव भारती। वसंत और भारती फिल्मों से दूर रहे। लेकिन उनके भाई अल्लू अरविंद ने फिल्म प्रोडक्शन और डिस्ट्रिब्यूशन में कदम रखा। 1972 में उन्होंने गीता आर्ट्स नाम की प्रोडक्शन कंपनी शुरू की। इस कंपनी के तले वो पहले छोटी फिल्में प्रोड्यूस किया करते थे।
आगे चलकर आमिर खान स्टारर 'गज़नी' समेत कई बड़े लेवल की तेलुगु फिल्में भी बनाईं। समय के साथ अरविंद तेलुगु इंडस्ट्री के प्रॉमिनेंट फिगर के तौर पर देखे जाने लगे। 1980 में अरविंद की बहन सुरेखा ने सुपरस्टार चिरंजीवी से शादी कर ली। सुरेखा ही वो कड़ी हैं, जो अल्लू और चिरंजीवी परिवार को आपस जोड़ती हैं।
अल्लू अरविंद और उनकी पत्नी निर्मला को तीन बच्चे हुए- वेंकटेश, अर्जुन और शिरीष। वेंकटेश और अर्जुन ने बतौर चाइल्ड आर्टिस्ट अपने करियर की शुरुआत 1985 में आई फिल्म 'विजेता' से की थी। इस फिल्म को उनके पिता अल्लू अरविंद ने प्रोड्यूस किया था और लीड एक्टर थे, फूफा चिरंजीवी। ये इकलौती फिल्म रही, जिसमें वेंकटेश ने बतौर एक्टर काम किया। मगर अल्लू अर्जुन ने आगे उसी फील्ड में कंटिन्यू किया और आज के समय में वो तेलुगु इंडस्ट्री के बोनाफाइड सुपरस्टार माने जाते हैं।
अल्लु के कुछ रोचक तथ्य
पिछले दिनों अल्लू अर्जुन (Allu Arjun) 'पुष्पा' नाम की फिल्म में दिखाई दिए। ये उनकी पहली फिल्म थी, जिसे हिंदी भाषा में भी रिलीज़ किया गया। इस फिल्म ने एक तरह से उन्हें तेलुगु से उठाकर पैन-इंडिया लेवल पर लॉन्च कर दिया। अल्लू अर्जुन का जन्म 8 अप्रैल, 1982 को चेन्नई में हुआ था। उनका बचपन वहीं गुज़रा। काफी समय के बाद वो हैदराबाद शिफ्ट हुए। तब तक उनका फिल्मों में जाने का कोई इरादा नहीं था।
अर्जुन बचपन से पियानो टीचर बनना चाहते थे। थोड़े बड़े हुए तो मार्शल आर्ट्स में दिलचस्पी जगी। फिर सोचा कि अमेरिकन स्पेस एजेंसी NASA में काम करना है। मगर बीतते समय के साथ इन चीज़ों का फितूर भी सिर से उतरता चला गया। फाइनल हुआ कि एनिमेशन की फील्ड में जाएंगे। इसके लिए कोर्स वगैरह किया और विज़ुअल इफेक्ट सुपरवाइज़र के तौर पर काम करने लगे।
फिल्मों में आने से पहले क्या कहा?
वो एक ऐसी फिल्म फैमिली से आते हैं, जिसमें ऑलरेडी 12 स्टार्स हैं। इसमें चिरंजीवी और अल्लू दोनों परिवारों की नई-पुरानी दोनों जेनरेशन के लोग शामिल हैं। फिल्म कंपैनियन के लिए अनुपमा चोपड़ा को दिए इंटरव्यू में अर्जुन बताते हैं कि उन्हें लगा कि फिल्म लाइन में आना उनके लिए अच्छा ऑप्शन रहेगा। यहां उन्हें चीज़ें बिल्कुल बुनियादी लेवल से शुरू नहीं करनी पड़ेंगी। क्योंकि उनके दादा, पिता और फूफा ने एक बेस बनाकर रखा है। इसलिए वो एक्टिंग में आ गए। मगर अर्जुन बताते हैं कि जब उन्होंने कैमरे के सामने परफॉर्म करना शुरू किया, तो उन्हें अलग टाइप की फीलिंग आने लगी। बेसिकली वो उसे एंजॉय करने लगे।
अल्लु अर्जुन की सक्सेसफुल मूवी
अल्लू अर्जुन के करियर की पहली सक्सेसफुल फिल्म रही सुकुमार डायरेक्टेड 'आर्या।' 4 करोड़ रुपए के बजट में बनी इस फिल्म ने 30 करोड़ रुपए का कारोबार किया। कई फिल्ममेकर 'आर्या' को हिंदी में रीमेक करना चाहते थे, मगर अब तक ऐसा हो नहीं पाया है वो आगे अपने करियर में 'देसामुंदुरु', 'वरुडू', 'वेदम', 'येवडु' और 'रेस गुर्रम' जैसी कमर्शियली सक्सेसफुल फिल्मों में नज़र आए। जिससे मार्केट में अर्जुन की इमेज एक बैंकेबल स्टार की बन गई, जिसे एक्टिंग और डांस भी आता है। इसके अलावा उनकी डीजे और सन ऑफ सत्यमूर्ति काफी सफल फिलमों में शुमार हैं।