क्या लक्ष्मण झूला पुलिस की हिरासत में हुई केदार भंडारी की मौत, 22 अगस्त से लापता है अग्निवीर भर्ती में शामिल होने गया 19 वर्षीय युवक

Kedar Bhandari missing case : इस मामले में पुलिस जहां अपनी बात के पक्ष में तमाम सीसीटीवी कैमरों की फुटेज और प्रत्यक्षदर्शियों की मौजूदगी बता रही है, तो दूसरी तरफ पुलिस पर अपनी हिरासत में केदार की मौत के बाद उसके शव को नदी में फेंकने के आरोप भी लग रहे हैं...

Update: 2022-10-04 07:48 GMT

क्या लक्ष्मण झूला पुलिस की हिरासत में हुई केदार भंडारी की मौत, 22 अगस्त से लापता है अग्निवीर भर्ती में शामिल होने गया 19 वर्षीय युवक

Kedar Bhandari death mystery : दहला देने वाले अंकिता हत्याकांड के बाद पौड़ी गढ़वाल जिले से एक और सनसनीखेज मामला सामने आ रहा है। डेढ़ महीने पहले घर से अग्निवीर बनने निकला एक युवक रहस्यमय परिस्थितियों में गायब हो गया है। लापता युवक की आखिरी समय पौड़ी जिले के लक्ष्मण झूला पुलिस की हिरासत में होने पुष्टि के बाद उसके पुलिस हिरासत में मौत की आशंका व्यक्त की जा रही है, लेकिन पुलिस युवक के स्वेच्छा से (जी हां, बिल्कुल स्वेच्छा से !) नदी में कूदने की बात कर रही है।

मामला 19 साल के उस केदार भंडारी से जुड़ा हुआ है जो आंखों में अग्निवीर बनने का सपना लिए अपने पिता से पांच और भाई से मिले दो, कुल सात हजार रुपए लेकर पहली बार अपने गांव से 18 अगस्त को कोटद्वार शहर के लिए रवाना हुआ था। बाद में 20 अगस्त तक केदार का घरवालों से संपर्क बना रहा, लेकिन 22 अगस्त से उनका केदार से कोई संपर्क नहीं है। इस बीच खबर मिली कि 20 अगस्त को केदार टिहरी जिले के मुनि की रेती थाना पुलिस की हिरासत में था, जिसके बारे में पुलिस का कहना था कि केदार से पूछताछ की गयी तो युवक केदार के पास एक बैग मिला, जिसमें तलाशी लेने पर सिक्के व कुछ नोट भरे हुये मिले। जिस पर केदार ने बताया कि उसने परमार्थ निकेतन में दानपात्र तोड़कर सिक्के व नोट चोरी किये हैं।

थाना मुनिकीरेती के अनुसार मामला लक्ष्मणझूला क्षेत्र का होने के कारण युवक केदार को लक्ष्मणझूला थाना भेज दिया गया। लक्ष्मण झूला पुलिस द्वारा परमार्थ निकेतन से चोरी की कोई तहरीर न मिलने पर पुलिस द्वारा युवक केदार को थाने पर न रखकर बैरिक में रखा गया। बैरिक में बैठने के दौरान युवक ड्यूटीरत कर्मचारी को धक्का देकर भाग गया। पीछे-पीछे पुलिसकर्मी भी वहां पर पहुंचे, तब तक युवक केदार पुल से नदी में कूद चुका था।

इस मामले में पुलिस जहां अपनी बात के पक्ष में तमाम सीसीटीवी कैमरों की फुटेज और प्रत्यक्षदर्शियों की मौजूदगी बता रही है, तो दूसरी तरफ पुलिस पर अपनी हिरासत में केदार की मौत के बाद उसके शव को नदी में फेंकने के आरोप भी लग रहे हैं। इस मामले में पुलिस जिस प्रकार से इस घटना के बारे में सोशल मीडिया पर कुछ भी लिखने बोलने को लेकर धमकी पर उतारू हो रही है, उससे पुलिस की भूमिका साफ संदिग्ध नजर आ रही है। हालांकि इस मामले में लक्ष्मण झूला पुलिस स्टेशन के थानाध्यक्ष को थाने से हटाया जा रहा है, लेकिन यह बात साफ नहीं है कि जब केदार ने खुद ही "स्वेच्छा" से नदी में छलांग लगा ही ली है तो थानाध्यक्ष को हटाया ही क्यों जा रहा है।

अपर पुलिस महानिदेशक अपराध एवं कानून व्यवस्था डॉ. वी मुरुगेशन मुख्य प्रवक्ता पुलिस मुख्यालय द्वारा बताया गया है कि केदार सिंह के प्रकरण में पुलिस मुख्यालय द्वारा एसएसपी पौड़ी यशवंत चौहान से रिपोर्ट मांगी गई, एसएसपी पौड़ी की रिपोर्ट में केदार सिंह के स्वयं नदी में कूदने की बात कही गई है, रिपोर्ट में बताया गया है कि उपरोक्त प्रकरण के पर्याप्त साक्ष्य एवं सीसीटीवी फुटेज है।

वही पौड़ी के कप्तान यशवंत सिंह द्वारा दी गयी जानकारी के अनुसार सम्बन्धित प्रकरण में अपर पुलिस अधीक्षक कोटद्वार शेखर चन्द्र सुयाल से जांच करवायी गयी तो इस प्रकरण में जनपद टिहरी गढ़वाल थाना मुनिकीरेती द्वारा युवक केदार से पूछताछ की गयी तो युवक केदार के पास एक बैग मिला, जिसमें तलाशी लेने पर सिक्के व कुछ नोट भरे हुये मिले। युवक द्वारा बताया गया कि उसने परमार्थ निकेतन में दानपात्र तोड़कर सिक्के व नोट चोरी किये हैं। थाना मुनिकीरेती द्वारा बताया गया कि मामला लक्ष्मणझूला क्षेत्र का है, जिस कारण युवक केदार को लक्ष्मणझूला थाना भेजा गया।

परमार्थ निकेतन से चोरी की कोई तहरीर न मिलने पर पुलिस द्वारा युवक केदार को थाने पर न रखकर बैरिक में रखा गया। बैरिक में बैठने के तत्तपश्चात युवक ड्यूटीरत कर्मचारी को धक्का देकर भाग गया, जिसको भागते हुये स्थानीय बाजार लक्ष्मणझूला के स्थानीय निवासियों ने भी देखा। युवक की भागते हुये लक्ष्मणझूला बाजार में लगे सीसीटीवी कैमरो में भी है। जिसके पीछे-पीछे पुलिसकर्मी भी वहां पर पहुंचे, तब तक युवक केदार पुल से नदी में कूद चुका था, जिसमें किसी भी पुलिस कर्मी का प्रत्यक्ष दोष नही है। जिसमें कि युवक केदार स्वयं अपनी स्वेच्छा से नदी में कूद गया। फिर भी दोषी कर्मचारियों के विरुद्ध नियामानुसार विभागीय कार्यवाही की जायेगी।

हालांकि इस मामले में पुलिस अधिकारियों के बयान जो भी हों, लेकिन पुलिस की कहानी में इतने झोल बताए जा रहे हैं कि इस बारे में सोशल मीडिया पर लिखने बोलने से भी पुलिस को परेशानी होने लगी है। पौड़ी पुलिस ने खुद सोशल मीडिया पर पुलिस कप्तान के बयान के साथ जो लिखा है, वह इस प्रकार है "यदि कोई व्यक्ति इस सम्बन्ध में भ्रामक पोस्ट एवं जनता के मध्य अफवाह फैलाने वाली पोस्ट डाली जाती है तो उनके विरुद्ध नियमानुसार आईपीसी एवं आईटी एक्ट की धाराओं में वैधानिक कार्यवाही की जायेगी।"

एक तरफ पुलिस यह जानकारी सोशल मीडिया पर शेयर कर केदार मामले में अपनी सफाई दे रही है, तो दूसरी तरफ पुलिस महानिदेशक अशोक कुमार ने इस मामले की जांच डीआईजी गढ़वाल को सौंपते हुए निष्पक्ष जांच हेतु थानाध्यक्ष लक्ष्मणझूला को हटाने के निर्देश दे दिए हैं। जिससे साफ है कि लक्ष्मण झूला पुलिस द्वारा केदार मामले में बनाई गई कथा और अपर पुलिस अधीक्षक कोटद्वार शेखर चन्द्र सुयाल की जांच में कुछ ज्यादा ही झोल हैं, जिन्हें डीजीपी स्तर पर भी साफ महसूस किया जा रहा है।


उत्तराखण्ड कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष रंजीत रावत इस पर सवाल उठाते हुए कहते हैं, 'केदार भंडारी मात्र 19 वर्ष का था और ऋषिकेश में अग्निवीर भर्ती से वापस घर जा रहा था कैसे पुलिस अभिरक्षा में उसकी मृत्यु हो जाती है? मुख्यमंत्री जी हमारे उत्तराखंड में नौनिहालो के साथ यह क्या हो रहा है?'

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