Kerala News : यूपी के CM योगी का मुखौटा पहना शख्स को घसीटा-मारा, BJP ने की निंदा

बताया जा रहा है कि वीडियो को इस्लामिक ग्रुप कैंपस फ्रंट ऑफ इंडिया द्वारा की गई रैली के दौरान शूट किया गया था, जो सिद्दीकी कप्पन के खिलाफ मुकदमा चलाने को लेकर उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री के खिलाफ प्रदर्शन कर रहा है।

Update: 2021-10-26 16:34 GMT

(केरल में योगी आदित्यनाथ की तरह का मुखौटा पहनाकर एक शख्स को घसीटा और पीटा गया)

Kerala News : उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (CM Yogi Adityanath) का एक अपमानजनक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल (Video viral in social media) किया जा रहा है। बताया जाता है कि यह वीडियो केरल में बनाया गया है।

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, वीडियो में देखा जा सकता है कि सीएम योगी का मुखौटा लगाए और उन्हीं की तरह भगवा वस्त्र धारण करने वाले एक व्यक्ति को तीन लोग गाना गाते हुए रस्सी से बांधकर घसीटते हुए ले जा रहे हैं। साथ ही उस व्यक्ति को थप्पड़ लगाने का नाटक भी किया जा रहा है।

बताया जा रहा है कि वीडियो को इस्लामिक ग्रुप कैंपस फ्रंट ऑफ इंडिया (Campus front of India) द्वारा की गई रैली के दौरान शूट किया गया था, जो सिद्दीकी कप्पन के खिलाफ मुकदमा चलाने को लेकर उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री के खिलाफ प्रदर्शन कर रहा है।

वहीं, यूपी बीजेपी के प्रवक्‍ता प्रशांत उमराव (Prashant Umarav) ने सीएफआई कार्यकर्ताओं की इस हरकत पर कड़ा विरोध जताया है। उन्‍होंने यह वीडियो ट्वीट करते हुए लिखा है- "केरल में आतंकी संगठन PFI के सहयोगी संगठन कॅम्पस फ्रंट आफ इंडिया (CFI) के नाम से चलने वाले इस्लामिक संगठन की करतूत। उसने अपने प्रदर्शन में उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्‍यनाथ जी को चित्रित किया है। क्या यही इस्लाम का धरती पर प्रेम फैलाने का तरीका है?"

गौरतलब है कि यूपी पुलिस ने हाथरस (Hathras Kand) में अशांति फैलाने के आरोप में सिद्दीकी कप्‍पन (Siddiqui Kappan) नाम के एक पत्रकार को गिरफ्तार किया था। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, सिद्दीकी के खिलाफ खिलाफ यूपी की स्पेशल टास्क फोर्स ने 5,000 पेज की चार्जशीट दाखिल की थी। 

चार्जशीट में जांच अधिकारी ने उसके लेखों में शरजील इमाम, राम मंदिर, दिल्‍ली दंगे, एंटी सीएए प्रोटेस्‍ट (Anti CAA protest) जैसे मुद्दों का जिक्र किया गया था और साथ ही, चार्जशीट में यह भी बताया गया था कि कप्‍पन एक जिम्‍मेदार पत्रकार की तरह लेख नहीं लिखता था। उसका काम सिर्फ मुस्लिमों को भड़काने का था।

रिपोर्ट्स के अनुसार, चार्जशीट में कहा गया है कि कप्पन की संवेदनाएं माओवाद के साथ थीं। एएमयू में हुए सीएए प्रोटेस्ट पर लिखे लेख में उसने ऐसे दिखाया था जैसे पीटे गए मुस्लिम पीड़ित हों और पुलिस ने उन्हें पाकिस्तान जाने को कहा हो। एसटीएफ ने इस प्रकार की लेखनी को सांप्रदायिक बताया था।

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