लड़की को गोद में बिठाकर केरल में इंजीनियरिंग कॉलेज के छात्रों ने जताया विरोध, स्थानीय लोग नैतिकता का पढ़ा रहे थे पाठ

Laptop Protest : सीईटी के लड़के-लड़कियों ने लैपटॉप प्रदर्शन कर साफ कर दिया कि हम अपने तरीके से जिंदगी जीने के लिए आजाद हैं। इसमें किसी को दखल देने की जरूरत नहीं है।

Update: 2022-07-22 07:58 GMT

Kerala : लड़की को गोद में बिठाकर केरल में इंजीनियरिंग कॉलेज के छात्रों ने जताया विरोध, स्थानीय लोग नैतिकता का पढ़ा रहे थे पाठ

Laptop Protest : केरल ( Kerala ) में कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग त्रिवेंद्रम ( CET ) के लड़के-लड़कियों ने नैतिक का पाठ पढ़ाने वालों को करारा जवाब दिया है। सीईटी की लड़कियों ने लड़कों के गोद में बैठकर मोरल पुलिसिंग ( Moral policing ) के खिलाफ खुल्लमखुल्ला विरोध ( Laptop Protest ) जताया। प्रदर्शन में शामिल छात्र-छात्राओं ने एक बस स्टैंड पर जोरदार प्रदर्शन कर विरोध करने वाले स्थानीय लोगों को खुली चुनौती भी दी है। साथ ही साफ-साफ कह दिया कि हम अपने तरीके से जीने के लिए आजाद हैं। इसमें किसी को दखल देने की जरूरत नहीं है।

Laptop Protest : क्या है पूरा मामला

दरअसल, केरल में कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग त्रिवेंद्रम (CET ) के पास एक बस स्टॉप है। यह तिरुवनंतपुरम में कॉलेज के छात्रों के पसंदीदा हैंगआउट स्पॉट में से एक है लेकिन बस स्टॉप पर मौज-मस्ती करने वाले युवाओं के अक्सर असहज दिखने वाले तौर तरीकों से स्थानीय लोग परेशान हैं। कई बार युवकों के खिलाफ पुलिस में शिकायत भी की गई है। स्थानीय लोगों को छात्रों की हरकत पर लगाम लगाने के लिए बस स्टैंड की बेंच को तीन हिस्सों में काट दिया। बताया जा रहा है कि कुछ स्थानीय लोगों को बस स्टॉप की बेंच पर लड़के लड़कियों का एक साथ बैठना और समय बिताना अच्छा नहीं लग रहा था। इसलिए उन्होंने बस स्टॉप की बेंच को काटकर तीन अलग अलग सीटें बना दी। कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग त्रिवेन्द्रम ( CET ) के कुछ छात्र और छात्राओं ने इसका जवाब देते हुए एक दूसरे की गोद में बैठकर फोटो खिंचवाई और उसे सोशल मीडिया ( Social Media ) पर वायरल कर दिया।

केरल के लोगों के लिहाज से अशोभनीय घटना

लैपटॉप प्रोटेस्ट ( Laptop Protest ) का फोटो सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद महापौर आर्या एस राजेंद्रन ने इलाके का दौरा किया। तिरुवनंतपुरम की महापौर ने बस स्टॉप पर बैठने की लैंगिक रूप से तटस्थ व्यवस्था करने का वादा किया है जिसमें पुरुष महिला में कोई भेदभाव नजर न आए। महापौर ने अपने फेसबुक पेज पर लिखा कि जिस तरह बेंच को काटकर तीन सीटों में बांट दिया गया वह केरल जैसे प्रगतिशील समाज में न केवल अनुपयुक्त है बल्कि अशोभनीय भी है। उन्होंने कहा कि हमारे राज्य में लड़के-लड़कियों के साथ बैठने पर कोई रोक नहीं है और जो अब भी मानते हैं कि इस पर रोक होनी चाहिए, वे अब भी पुराने जमाने में जी रहे हैं। उन्होंने कहा कि कोई भी व्यक्ति ऐसे लोगों से केवल सहानुभूति रख सकता है जो अब भी नहीं समझते हैं कि समय बदल गया है। सीईटी के विद्यार्थियों के रुख की सराहना करते हुए राजेंद्रन ने कहा कि प्रतिक्रिया देने वाली पीढ़ी भविष्य की आस है तथा स्थानीय प्रशासन इस मामले में विद्यार्थियों के साथ है।

उन्होंने कहा कि बस स्टैंड जर्जर एवं अनधिकृत था एवं लोक निर्माण विभाग से उसे अनापत्ति भी नहीं मिली है, इसलिए नगर निगम आधुनिक सुविधाओं से युक्त नयी लैंगिक तटस्थ सुविधा का निर्माण कराएगा।

मोरल पुलिसिंग समाज के लिए खतरा

Laptop Protest : माकपा की युवा शाखा डीवाईएफआई ने यह कहते हुए इस घटना पर प्रतिक्रिया दी कि जो पुरानी धारणा वाली तथाकथित नैतिक व्यवस्था थोपने का प्रयास करते हैं तथा लैंगिक न्याय में विश्वास नहीं करते, वे समाज के लिए खतरा हैं। डीवाईएफआई सचिवालय ने एक बयान में कहा कि ऐसे लोगों को यह समझने की जरूरत है कि दुनिया बदल रही है।



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