खाकी ने तानी थी खाकी पे रिवाल्वर, दोषी दरोगाओं को सस्पेंड करने के बाद SP ने दोनो पर दर्ज कराया SC-ST का मुकदमा

एसपी केशव कुमार चौधरी ने थाने में तैनात दोनों दरोगाओं को दोषी पाते हुए तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया, साथ ही दलित युवक की बेरहमी से हुई पिटाई के चलते दलित युवक की ओर से दी गई तहरीर पर दोनों दरोगाओं पर एससी-एसटी एक्ट के तहत मुकदमा लिख दिया...

Update: 2021-09-05 07:32 GMT

(कानपुर देहात के थाना देवराहट में दलित की पिटाई करने के आरोपी दारोगा)

जनज्वार, कानपुर। यूं तो हर सिक्के के दो पहलू होते हैं एक वो जो हमें दिखाई देता है और दूसरा वो जो हमें नहीं दिखता। कुछ यही कानपुर देहात (Kanpur Dehat) पुलिस का एक पहलू सामने आया है, जिसे देखकर पूरा जनपद हैरत में है और खुद पुलिस महकमा भी। जनपद के देवराहट थाने में एक मामले को लेकर पुलिसकर्मी एक दूसरे के दुश्मन बना बैठे, और तो एक दूसरे पर रिवाल्वर तक तान दी।

उत्तर प्रदेश पुलिस की कार्यशैली से अमूमन हर शख्स पूरी तरह वाकिफ है। यूपी पुलिस (UP Police) की कार्यशैली का अंदाजा खुद ब खुद लग जाता है। ऐसे में एक बार फिर से यूपी के कानपुर देहात की पुलिस चर्चा का विषय बन गई है। सूबे के मुखिया भले ही अपनी पुलिस के कसीदे पढ़ते नहीं थकते, लेकिन उसी पुलिस ने अपनी कार्यशैली वाली तस्वीर से एक बार फिर से खुद को चर्चा में ला खड़ा कर दिया है।

मामला देवराहट (Devrahat) थाने का है, जहां लड़ाई-झगड़े के मामले में पकड़कर लाए गए एक दलित युवक प्रमोद को पहले तो बड़ी ही बेरहमी से थाने में तैनात दो दरोगा अनिल भादौरिया व दिवाकर पांडे ने जीभर पीटा। पिटाई भी ऐसी कि लोगों की रूह कांप जाए। कहते हैं की पुलिस जुर्म कुबूल करवाने में कोई भी कोर कसर नहीं बरतती, उसके लिए उसका डंडा हमेशा ऊंचा रहता है।

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लेकिन, पुलिस की बर्बरता इस कदर बढ़ी कि खुद थाने में मौजूद एक मुंशी (Munshi) से देखी नहीं गई और पुलिस की इस मार के आगे इस मुंशी ने मोर्चा खोल दिया। मोर्चा भी किसी और के लिए नहीं बल्कि अपने ही महकमे में तैनात दो दरोगाओं अनिल सिंह व दिवाकर पांडे के खिलाफ। महकमे में महकमे के खिलाफ खोले गए इस मोर्चे में एक थाने के भीतर पुलिस के दो फाड़ हो गए।

ऐसा पहली बार देखने-सुनने में आया है कि, पुलिस की बर्बरता के खिलाफ खुद पुलिस महकमे के कर्मचारी ने ही आवाज बुलंद की हो, देवराहट थाने में तैनात मुंशी रामकिशन इस समय अन्य पुलिसकर्मियों की आंख किरकिरी बन गये हैं। थाने के मुंशी ने दरोगाओं द्वारा दलित युवक की बर्बरता से की जा रही पिटाई का विरोध करना इतना भारी पड़ गया कि, थाने में तैनात दोनों दरोगाओं ने युवक को मारना छोड़ कर अपना सारा गुस्सा पिटाई का विरोध करने वाले थाने के मुंशी पर निकाल दिया।

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बात इस कदर बढ़ गई की दरोगा जी गुस्से में आ गए और उन्होंने आनन-फानन में थाने के अंदर ही अपने ही साथी कर्मचारी के ऊपर सरकारी रिवॉल्वर तान दी और जान से मारने की धमकी देकर इस मामले से किनारे रहने की बात कही। महकमे में तैनात सहयोगी दरोगा की इस हरकत से मुंशी राम किशन इतने आहत हो गए कि उन्होंने तत्काल प्रभाव से जनपद के उच्च अधिकारियों को इस पूरे प्रकरण की जानकारी दे दी।

जिसके बाद जनपद के पुलिस अधीक्षक केशव कुमार चौधरी मौके पर ही रात में थाने पहुंच गए और मामले की जांच शुरू कर दी जांच में एसपी केशव कुमार चौधरी ने थाने में तैनात दोनों दरोगाओं को दोषी पाते हुए तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया, साथ ही दलित युवक की बेरहमी से हुई पिटाई के चलते दलित युवक की ओर से दी गई तहरीर पर दोनों दरोगाओं पर एससी-एसटी एक्ट के तहत मुकदमा लिखकर एफआईआर दर्ज कर दी।

वैसे तो कई बार खाखी दागदार हुई है, वर्दी पर कई तरह के इल्जाम भी लगे हैं लेकिन, ये पहला ऐसा मामला है जिसमें खाकी के विरोध में खुद खाकी खड़ी दिखाई दे रही है। पुलिस वालों की इस बर्बरता के खिलाफ एक्शन में भी खाकी ही है। यानी की जिले के कप्तान का फैसला ऑन दा स्पॉट का प्लान भले ही पीड़ित और समाज को बेहतर पुलिस प्रणाली का संदेश दे रही हो लेकिन, जनपद पुलिस पर लगे आरोपों के दाग़ इस कार्यवाही से साफ होने वाले नहीं कतई नहीं हैं।

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