किसान आंदोलन: हरियाणा में आज खाप महापंचायतों की सभा, राकेश टिकैत भी होंगे शामिल

महापंचायत हरियाण के उसी कंडोला गांव में होनेवाली है, जो साल 2002 में बिजली बिल माफी आंदोलन को लेकर सुर्खियों में रहा था..

Update: 2021-02-03 03:32 GMT

जनज्वार। तीन नए कृषि कानूनों के विरुद्ध जारी किसान आंदोलन अब 71 वें दिन में प्रवेश कर चुका है।इस बीच हरियाणा के जींद में खाप महापंचायत होने जा रही है। इस महापंचायत में भारतीय किसान यूनियन के नेता राकेश टिकैत भी भाग लेने जा रहे हैं।

बताया जा रहा है कि इस महापंचायत में हरियाणा के करीब 50 खापों के प्रतिनिधि शामिल होने वाले हैं। महापंचायत में किसान आंदोलन की आगे की रणनीति तय करने की बात कही जा रही है।

महापंचायत में भाग लेने के लिए जा रहे राकेश टिकैत ने कहा कि ऐसी पंचायतें देशभर में आयोजित की जाएंगी और ऐसा तबतक होगा, जबतक सरकार हमारी मांगें मान नहीं लेती।

महापंचायत हरियाण के उसी कंडोला गांव में होनेवाली है, जो साल 2002 में बिजली बिल माफी आंदोलन को लेकर सुर्खियों में रहा था। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, कंडेला खाप के प्रधान टेक राम कंडेला ने महापंचायत की जानकारी देते हुए कहा है कि कार्यक्रम के लिए जींद के कंडेला गांव में पर्याप्त व्यवस्था की गई है। महापंचायत में राकेश टिकैत के अतिरिक्त कई खाप नेता भी शामिल होंगे।

बताया जाता है कि महापंचायत में किसानों के आंदोलन का समर्थन करने के लिए रणनीति बनाई जाएगी। महापंचायत में कृषि कानूनों को निरस्त करने और न्यूनतम समर्थन मूल्य पर कानूनी गारंटी की मांग भी की जाएगी।

उधर भारतीय किसान यूनियन में नेता गुरनाम सिंह चढूनी मंगलवार को हरियाणा के हिसार जिले के उकलाना पहुंचे और वहां उन्होंने किसानों को संबोधित किया।

उन्होंने किसान यूनियनों द्वारा आगामी 6 फरवरी को आहूत राष्ट्रव्यापी चक्का जाम का समर्थन करने की अपील की। चढूनी ने गाजीपुर बॉर्डर पर प्रवेश रोकने के लिए अवरोधक लगाए जाने की आलोचना की।

किसानों के प्रदर्शन स्थलों और उसके आसपास कई स्तर की अवरोधक, सड़कों पर लोहे की कीलें, कंटीले तार, सीमेंट के अवरोधकों के बीच लोहे की छड़ें लगाने, डीटीसी बसों एवं अतिरिक्त सुरक्षा कर्मियों की तैनाती जैसी भारी सुरक्षा व्यवस्था की गयी है।

इस बीच नये कृषि कानूनों को लेकर विपक्ष ने मंगलवार को संसद में हंगामा किया। पिछले साल सितंबर में लागू किये गये केंद्र के तीन नये कृषि कानूनों पर चर्चा कराने की मांग करते हुए विपक्ष के सदस्यों ने आज संसद की कार्यवाही में बाधा डाली, जिसके चलते दोनों सदनों की कार्यवाही बार-बार स्थगित करनी पड़ी।

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