Kisan Andolan: किसान अपनी मांगों को लेकर दिल्ली-बहादुरगढ़ बॉर्डर पर डटे, सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी, भारी पुलिस फोर्स तैनात

Kisan Protest: दिल्ली-हरियाणा बॉर्डर पर टीकरी के नजदीक एक बार फिर किसानों ने प्रदर्शन शुरू कर दिया है। किसान नेताओं का कहना है कि हम एमएसपी, कर्जमाफी और किसानों पर दर्ज मामले वापस कराने की मांगों को लेकर धरना प्रदर्शन कर रहे हैं। बॉर्डर पर बड़ी संख्या में पुलिस फोर्स और सीआरपीएफ के जवानों को तैनात किया गया है।

Update: 2022-12-10 10:06 GMT

Kisan Protest: दिल्ली-हरियाणा बॉर्डर पर टीकरी के नजदीक एक बार फिर किसानों ने प्रदर्शन शुरू कर दिया है। किसान नेताओं का कहना है कि हम एमएसपी, कर्जमाफी और किसानों पर दर्ज मामले वापस कराने की मांगों को लेकर धरना प्रदर्शन कर रहे हैं। बॉर्डर पर बड़ी संख्या में पुलिस फोर्स और सीआरपीएफ के जवानों को तैनात किया गया है।

इसके अलावा संयुक्त किसान मोर्चा ने 11 दिसंबर को सिंघु बॉर्डर पर स्थित राजीव गांधी एजुकेशन सिटी (राई) के पास श्रद्धांजलि समारोह का आयोजन करके किसान आंदोलन के दौरान मारे गए किसानों को श्रद्धांजलि देंगे। इस श्रद्धांजलि समारोह में हरियाणा, पंजाब, राजस्थान, उत्तर प्रदेश, दिल्ली सहित कई राज्यों के किसान व शहीद किसानों के परिजन हिस्सा लेंगे।

भारतीय किसान एकता के अध्यक्ष लखविंद्र सिंह औलख ने बताया कि इस समारोह में भारी संख्या में भीड़ जुटेगी। इसके लिए उन्होंने अपनी टीम के साथ गांवों में जाकर किसानों को समारोह में आने का न्यौता दिया है।

बता दें कि केंद्र सरकार के तीन कृषि कानूनों के खिलाफ आंदोलन करते हुए 26 नवंबर 2020 से हजारों की संख्या में किसानों ने प्रदर्शन कर राजधानी से सटी सभी सीमाओं को करीब एक साल तक जाम रखा था। इस आंदोलन का केंद्र सिंघु बॉर्डर रहा। यह आंदोलन किसान नेता राकेश टिकैत के नेतृत्व में चला। इस आंदोलन के दौरान कई किसानों की मौत हुई। सरकार ने जब तीनों कृषि कानून वापस लिए, तो भी किसान अपनी मांगों को लेकर डटे रहे।

किसानों का कहना था कि जब तक किसान आंदोलन के दौरान मारे गए किसानों को शहीदों का दर्जा नहीं दिया जाएगा, जब तक एमएसपी की गारंटी नहीं मिलेगी और किसानों पर दर्ज केस वापस नहीं होंगे, तब तक आंदोलन चलता रहेगा। बाद में सरकार ने किसानों को भरोसा दिया था कि उनकी तमाम मांगों पर विचार किया जाएगा। पिछले काफी समय से किसान अपनी मांगों को उठा रहे हैं। इसी कड़ी में आज फिर से किसान दोबारा से दिल्ली-हरियाणा बॉर्डर पर इकट्ठा हुए हैं ताकि सरकार पर दबाव बना सकें। 

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