Kisan Andolan : 'केंद्र सरकार को 26 नवंबर तक का समय है' राकेश टिकैत ने दिया सरकार को दिया अल्टीमेटम

Kisan Andolan : 26 नवंबर तक अगर सरकार उनकी मांगें नहीं मानेगी तो गावों से प्रदर्शनकारी ट्रैक्टरों से दिल्ली पहुंचकर आंदोलन और मजबूत करेंगे।

Update: 2021-11-01 09:35 GMT

राकेश टिकैत हुए हमलावर, बोले- ईमानदारी से परिणाम आए तो BJP को होगा काफी नुकसान

Kisan Andolan : भारतीय किसान संघ (Bharatiya Kisan Union) के राष्ट्रीय प्रवक्ता और किसान नेता राकेश टिकैत (Rakesh Tikait) ने सरकार पर ताजा हमला किया है। राकेश टिकैत का कहना है कि प्रदर्शनकारी किसान सीमा छोड़कर नहीं जाएंगे। साथ ही उन्होंने 26 नवंबर तक का केंद्र सरकार को अल्टीमेटम दिया है। राकेश टिकैत ने कहा कि 26 नवंबर तक यदि सरकार द्वारा हमारी मांगे नहीं मानी गई तो पक्की किलेबंदी की जाएगी।

ट्वीट कर दिया अल्टीमेटम

राकेश टिकैत ने सोमवार को सुबह करीब 10:00 बजे ट्विटर पर ट्वीट किया और सीधे तौर पर सरकार को चेताया है। उन्होंने सरकार को अल्टीमेटम दिया है। जिसकी समय सीमा 26 नवंबर तय की गई है। बता दें कि राकेश टिकैत ने यह चेतावनी देने से 1 दिन पहले कहा था कि अगर प्रदर्शनकारियों को सीमाओं से जबरन हटाने का प्रयास किया गया तो किसान देशभर के पुलिस थानों के साथ-साथ जिला मजिस्ट्रेट कार्यालय का भी घेराव करेंगे।

राकेश टिकैत का ट्वीट

राकेश टिकैत ने ट्विटर पर ट्वीट कर लिखा कि ' केंद्र सरकार को 26 नवंबर तक का समय है। उसके बाद 27 नवंबर से किसान गावों से ट्रैक्टरों से दिल्ली के चारों तरफ आंदोलन स्थलों पर बॉर्डर पर पहुंचेगा और पक्की किलेबंदी के साथ आंदोलन और आंदोलन स्थल पर तंबुओं को मजबूत करेगा।'

राकेश टिकैत ने अपने इस ट्वीट से साफ कर दिया है कि प्रदर्शनकारी सीमा छोड़कर नहीं जाएंगे। 26 नवंबर तक अगर सरकार उनकी मांगें नहीं मानेगी तो गावों से प्रदर्शनकारी ट्रैक्टरों से दिल्ली पहुंचकर आंदोलन (Kisan Andolan) और मजबूत करेंगे। बता दें कि इससे पहले 29 अक्टूबर को भी स्पष्ट कर दिया गया था कि यूपी गेट पर प्रदर्शन जारी रहेगा। भारतीय किसान संघ (बीकेयू) के नेता ने अपने ट्वीट में इस बात का जिक्र नहीं किया कि क्या केंद्र के लिए कृषि कानूनों को रद्द करने की समय सीमा 26 नवंबर है या अगले दौर की बातचीत के लिए किसानों को आमंत्रित करना है।

सुप्रीम कोर्ट ने की थी टिप्पणी

किसान आंदोलन (Kisan Andolan) पर सुप्रीम कोर्ट ने टिप्पणी की थी। जिसके बाद कृषि कानून विरोधी धरना स्थल गाजीपुर बॉर्डर से दिल्ली जाने वाले रास्तों की खुलने की उम्मीद थी।

बीते 21 अक्टूबर को राकेश टिकैत ने यूपी के प्रदर्शन स्थल पर लगे हुए एक तंबू के परदे और कुछ बल्लियों को खोलकर दिल्ली पुलिस पर रास्ता बंद करने का आरोप लगाया था। जिसके बाद दिल्ली पुलिस ने भी 29 अक्टूबर को फ्लाईओवर के ऊपर का रास्ता खोल कर बता दिया था कि उन्होंने रास्ता नहीं रोका है।

बता दें कि अब तक केंद्र सरकार और किसानों के बीच कुल 11 दौर की बातचीत हो चुकी है। दोनों पक्षों के बीच आखिरी बैठक 22 जनवरी को हुई थी लेकिन समस्या का हल नहीं निकल रहा है। एक तरफ के किसान चाहते हैं कि कृषि कानूनों को रद्द कर दिया जाए। वहीं दूसरी ओर सरकार इस बात पर अटल है कि कानूनों को वापस नहीं लिया जाएगा। बता दें कि केंद्र सरकार के तीन कृषि कानूनों का देश भर में किसानों ने विरोध किया। दिल्ली के टिकरी, गाजीपुर और सिंधु बॉर्डर पर किसानों का आंदोलन अभी भी जारी है।

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