संयुक्त किसान मोर्चा आंदोलन को बड़े प्लेटफार्म पर ले गया, BJP-RSS पर लगाया सांप्रदायिक रंग देने का आरोप
संयुक्त किसान मोर्चा ने ट्वीट कर #ModiPlanningFarmerGenocide हैशटैग का लोगों से आज उपयोग करने की अपील की है। उसने इस ट्वीट संयुक्त राष्ट्र संघ सहित कई अंतरराष्ट्रीय संगठनों को टैग किया है...
जनज्वार। किसान संगठनों के साझा मंच संयुक्त किसान मोर्चा किसान आंदोलन को अधिक बड़े प्लेटफार्म पर ले गया है। मोर्चा ने शनिवार सुबह एक ट्वीट कर #ModiPlanningFarmerGenocide हैशटैग का उपयोग कर लोगों से ट्वीट करने की अपील की। मोर्चा के इस अपील के बाद सुबह सवा दस बजे तक एक लाख छह हजार से अधिक ट्वीट किए जा चुके थे। संयुक्त किसान मोर्चा ने अपने इस ट्वीट को संयुक्त राष्ट्र संघ, एमनेस्टी इंटरनेशनल, ह्यूमन राइट वाच और UN Special Rapporteur Freedom of Association को टैग किया है।
इसके साथ ही एक बयान के माध्यम से आरोप लगाया कि भाजपा सरकार किसान आंदोलन को अब सांप्रदायिक रंग देना चाहती है। मोर्चा के अनुसार, गाजीपुर बाॅर्डर व सिंघु बाॅर्डर पर माहौल को खराब करने का प्रयास किया जा रहा है। मोर्चा ने कहा कि सरकार द्वारा गाजीपुर व सिंघु बाॅर्डर पर पिछले तीन दिनों में माहौल को खराब करने के विफल प्रयास किए गए हैं।
मोर्चा ने शुक्रवार रात जारी प्रेस बयान में कहा है कि इससे यह साबित होती है कि सरकार पुलिस एवं भाजपा-आरएसएस के लोगों के द्वारा आंदोलन को खत्म करना चाहती है। टिकरी के धरने पर ऐसे ही असफल प्रयास किए गए हैं। मोर्चा ने कहा है कि गाजीपुर बाॅर्डर पहुंच रहे किसानों का प्यार देखकर अभिभूत है। सरकार व कई संगठनों ने यह मान लिया था कि गाजीपुर का आंदोलन खत्म हो गया है, लेकिन उत्तरप्रदेश और हरियाणा के किसानों ने फिर यह साबित कर दिया कि उनका हौसला बुलंद है।
किसान मोर्चा ने आह्वान किया है कि शनिवार को गांधी जी के शहादत दिवस के मौके को सद्भावना दिवस के रूप में मनाया जाए और सुबह नौ बजे से शाम पांच बजे तक दिल्ली के सभी बाॅर्डर व देश भर में भूख हड़ताल रखा जाए।
मोर्चा ने कहा है कि किसानों का आंदोलन शांतिपूर्ण था और शांतिपूर्ण ही रहेगा। सरकार जिस तरह सुनियोजित झूठ और हिंसा फैला रही है, उसका विरोध शांतिपूर्ण तरीके से किया जाएगा। मोर्चा ने पुलिस की हिंसा की निंदा की है और कहा है कि धरना स्थल पर आसपास के निवासियों का पूर्ण समर्थन रहा है। सरकार के लोग उन लोगों को किसानों के खिलाफ भड़का रहे हैं, लेकिन उनकी कोशिश विफल रही है।