ट्रैक्टर रैली में हुई हिंसा से किसान मोर्चा ने खुद को किया अलग, कहा आंदोलन में घुस गये हैं कुछ अराजक तत्व
किसान नेताओं ने कहा कि कुछ संगठनों व लोगों ने तय रूट का उल्लंघन किया और निंदनीय कृत्य किया, रैली में असामाजिक तत्वों ने घुसपैठ कर ली, अन्यथा आंदोलन शांतिपूर्ण था..
जनज्वार। तीन नए केंद्रीय कृषि कानूनों के विरोध में पिछले लगभग दो महीने से शांति एवं अनुशासन पूर्वक चल रहा किसान आंदोलन मंगलवार को ट्रैक्टर रैली के दौरान अराजक हो गया। आंदोलनकारियों की कई जगहों पर पुलिस के साथ झड़प हो गई। इस बीच ट्रैक्टर रैली के दौरान हुई हिंसा से किसान मोर्चा ने खुद को अलग कर लिया। किसान नेताओं ने कहा कि आंदोलन में कुछ अराजक तत्व घुस गए हैं।
दिल्ली की सीमाओं पर स्थित बॉर्डर पर जमे किसानों ने मंगलवार को ट्रैक्टर रैली निकाली, इस दौरान पुलिस और किसानों के बीच कई जगहों पर जमकर हिंसक झड़प हुई। प्रदर्शनकारी कई जगहों पर बैरेकेडिंग तोड़ते हुए दिल्ली के अंदर घुस गए। इस क्रम में पुलिस द्वारा कई जगहों पर लाठीचार्ज किया गया और आंसू गैस के गोले छोड़े गए।
इस दौरान पुलिस के साथ कई झड़प के कई दृश्य सामने आए। सेंट्रल दिल्ली स्थित आईटीओ में प्रदर्शनकारी किसानों को रोकने के लिए पुलिस की तरफ से आंसू गैस के गोले छोड़े गए। पुलिस का आरोप है कि प्रदर्शनकारियों ने बैरिकेड को तोड़कर पुलिसकर्मियों पर हमला कर दिया और पुलिस की गाड़ियों में तोड़फोड़ की।
उधर भारतीय किसान यूनियन के प्रवक्ता राकेश टिकैत ने कहा कि उन्हें हिंसक घटना के बारे में कोई जानकारी नहीं है। राकेश टिकैत ने कहा कि रैली शांतिपूर्ण हो रही है। मुझे हिंसा के बारे में जानकारी नहीं है।
किसान रैली के दौरान दिल्ली के कुछ इलाकों में हिंसा और अराजकता का माहौल बना। संयुक्त किसान मोर्चे ने इस हिंसा और अराजकता से अपना पल्ला झाड़ लिया है।
उन्होंने बयान जारी किया कि कुछ संगठनों व लोगों ने तय रूट का उल्लंघन किया और निंदनीय कृत्य किया। रैली में असामाजिक तत्वों ने घुसपैठ कर ली, अन्यथा आंदोलन शांतिपूर्ण था।
किसान नेताओं ने कहा कि हमने हमेशा कहा है कि शांति हमारी सबसे बड़ी ताकत है और इसका उल्लंघन आंदोलन को आघात पहुंचाएगा। इसके साथ ही कहा गया कि हम गणतंत्र दिवस के मौके पर आयोजित ट्रैक्टर रैली में किसानों के अभूतपूर्व समर्थन के लिए उन्हें धन्यवाद देते हैं।
किसान संयुक्त मोर्चा के नेताओं ने कहा कि अवाांछित व अस्वीकार्य घटनाओं की हम निंदा करते हैं और खेद प्रकट करते हैं। किसान संगठनों ने इन घटनाओं से वह खुद का अलग कर रहा है। उसका इनसे कोई संबंध नहीं है।