जानें कौन हैं बसवराज बोम्मई, जिन्होंने आज ली है कर्नाटक के मुख्यमंत्री पद की शपथ

बसवराज बोम्मई उसी लिंगायत समाज से आते हैं जिस समाज के येदुरप्पा हैं, एक अनुभवी नेता रहे बोम्मई येदियुरप्पा सरकार में गृह मंत्री रह चुके हैं..

Update: 2021-07-28 06:01 GMT

(बसवराज बोम्मई ने बुधवार को मुख्यमंत्री पद का शपथ ग्रहण किया)

जनज्वार। बीएस येदियुरप्पा के इस्तीफे के बाद आज बुधवार को बसवराज बोम्मई ने कर्नाटक के नए मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ग्रहण कर लिया है। राज्यपाल थावरचंद गहलोत ने उन्हें पद और गोपनीयता की शपथ दिलाई। जनता दल से अपने राजनीतिक कैरियर की शुरुआत करने वाले बोम्मई 13 वर्ष पहले वर्ष 2008 में भारतीय जनता पार्टी में शामिल हुए थे। यह भी एक अनोखा तथ्य है कि अबतक कर्नाटक के 22 मुख्यमन्त्रियों में से सिर्फ 3 ही अपना कार्यकाल पूरा कर सके हैं।

बसवराज बोम्मई उसी लिंगायत समाज से आते हैं, जिस समाज से येदुरप्पा आते हैं। एक अनुभवी नेता रहे बोम्मई येदियुरप्पा सरकार में गृह मंत्री रह चुके हैं।

बसवराज बोम्मई का जन्म 28 जनवरी 1960 को हुआ। उनके पिता एसआर बोम्मई भी कर्नाटक के मुख्यमंत्री रह चुके हैं। बसवराज बोम्मई 2008 में जनता दल छोड़ भारतीय जनता पार्टी में शामिल हुए और तब से लगातार पार्टी में आगे बढ़ते रहे। वे कर्नाटक सरकार में जल संसाधन मंत्री भी रह चुके हैं।

बोम्मई पेशे से मैकेनिकल इंजीनियर रहे हैं और उन्होंने अपने करियर की शुरुआत टाटा समूह के साथ की थी। बोम्मई दो बार एमएलसी और तीन बार विधायक रह चुके हैं।वे 1998 और 2004 में धारवाड़ स्थानीय प्राधिकरण निर्वाचन क्षेत्र से कर्नाटक विधानपरिषद के सदस्य बने थे। बोम्मई पूर्व प्रधानमंत्री एचडी देवेगौड़ा और रामकृष्ण हेगड़े के साथ भी कम कर चुके हैं।

बसवराज बोम्मई कर्नाटक के 23वें मुख्यमंत्री बन गए हैं। शपथ ग्रहण से पहले मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई सुबह भगवान श्री मारुति मंदिर में दर्शन करने पहुंचे थे। सीएम बसवराज बोम्मई ने शपथ ग्रहण से पहले बेंगलुरु में केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान और पूर्व सीएम बीएस येदियुरप्पा से मुलाकात की थी।

बता दें कि बीएस येदियुरप्पा के इस्तीफे को लेकर लंबे समय से कयास लगाए जा रहे थ। सोमवार को बीएस येदियुरप्पा ने हफ्तों की अनिश्चितता के बाद कर्नाटक के मुख्यमंत्री के तौर पर अपने पद से इस्तीफा दे दिया था। उन्होंने उस दिन अपना इस्तीफा दिया जिस दिन उनकी सरकार के कार्यकाल को दो साल पूरे हुए। इस्तीफा देते समय येदियुरप्पा भावुक हो गए थे।

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