जानिए आज कितने बजे अंबाला में होगी 5 राफेल जेट की लैंडिंग, किले में बदला शहर

इंडियन एयरफोर्स (आईएएफ) के लिए तैयार फ्रेंच फाइटर जेट राफेल की लैंडिंग आज अंबाला में होगी। पांच राफेल का पहला बैच आज भारत पहुंचेगा। फ्रांस के साथ सन् 2015 में 36 राफेल की डील भारत ने साइन की थी। भारत के राफेल खरीदने के बाद अब कुछ और देशों ने भी फ्रांस से इसकी मांग की है।

Update: 2020-07-29 05:29 GMT

जनज्वार। इंडियन एयरफोर्स (आईएएफ) के लिए तैयार फ्रेंच फाइटर जेट राफेल की लैंडिंग आज अंबाला में होगी। पांच राफेल का पहला बैच आज भारत पहुंचेगा। फ्रांस के साथ सन् 2015 में 36 राफेल की डील भारत ने साइन की थी। भारत के राफेल खरीदने के बाद अब कुछ और देशों ने भी फ्रांस से इसकी मांग की है। अभी तक भारत के अलावा इजिप्‍ट और कतर की वायुसेनाएं इसका प्रयोग कर रही हैं। सोमवार को राफेल फ्रांस के मेरीनेक से भारत के लिए रवाना हुए थे।

आईएएफ के सूत्रों के मुताबिक राफेल जेट दोपहर करीब एक बजे अंबाला में लैंड कर सकते हैं। राफेल की भारत तक उड़ान के दौरान एक स्‍टॉप यूनाइटेड अरब एमीरेट्स (यूएई) का अल दाफ्रा एयरबेस था। अबू धाबी के करीब यह एयरबेस अमेरिकी सेनाओं का अहम बेस है और यहां से फ्रांस की सेनाएं भी ऑपरेट करती हैं। राफेल करीब 7,000 किलोमीटर की दूरी तय करके अंबाला पहुंचेंगे। राफेल की लैंडिंग से पहले अंबाला में सुरक्षा के कड़े इंतजाम हैं और पूरे शहर में धारा 144 लगा दी गई है। आईएएफ ने फोटो और वीडियो लेने पर पाबंदी लगा दी है।

अंबाला में राफेल आईएएफ की उसी स्‍क्‍वाड्रन नंबर 17 का हिस्‍सा होगा जिसने कारगिल की जंग में अहम भूमिका अदा की थी। इस स्‍क्‍वाड्रन को गोल्‍डन एरो के नाम से भी जानते हैं। राफेल उड़ा कर ला रहे आईएएफ के पायलट्स करीब दो वर्षों तक कड़ी ट्रेनिंग से गुजरे हैं। उन्‍हें इस जेट के वेपन सिस्‍टम से लेकर दूसरी जरूरी बातों के बारे में ट्रेनिंग दी गई है। पांच राफेल के इस क्रू को ग्रुप कैप्‍टन हरकीरत सिंह लीड कर रहे हैं। वह आईएएफ के एक सम्‍मानित ऑफिसर और शौर्य चक्र विजेता हैं। ग्रुप कैप्‍टन हरकीरत ही इस समय नंबर 17 स्‍क्‍वाड्रन के कमांडिंग ऑफिसर (सीओ) हैं।

राफेल एक बार में करीब 26 टन (26 हजार किलोग्राम) वजन के साथ उड़ान भरने में सक्षम है। यह जेट 3,700 किलोमीटर के दायरे में कहीं भी हमला कर सकता है। इसके अलावा यह 36,000 से 60,000 फीट की अधिकतम ऊंचाई तक उड़ान भर सकता है और यहां तक महज एक मिनट में पहुंच सकता है। एक बार टैंक फुल होने के बाद यह लगातार 10 घंटे तक हवा में रह सकता है। राफेल को हवा से जमीन और हवा से हवा में दोनों में हमला करने में प्रयोग किया जा सकता है। राफेल पर लगी गन एक मिनट में 125 फायर कर सकती है। यह हर मौसम में लंबी दूरी के खतरे का अंदाजा लगाया जा सकता है।

सोमवार को फ्रेंच एयरफोर्स के एयरबस A330 मल्‍टी रोल टैंकर ट्रांसपोर्ट (एमआरटीटी) एयरक्राफ्ट में रि-फ्यूलिंग की थी। अल दाफ्रा से अंबाला तक राफेल की दूसरी उड़ान के दौरान अब आईएएफ का रशियन एयरक्राफ्ट आईएल-78 इसके रि-फ्यूलर्स के तौर पर रहेगा। आईएएफ को 23 साल बाद कोई विदेशी फाइटर जेट मिल रहा है। जून 1997 में सुखोई-30 आखिरी जेट थे जिन्‍हें आईएएफ में शामिल किया था। फ्रांस की कंपनी दसॉल्‍ट के साथ सरकार ने सितंबर 2016 में डील को 59,000 करोड़ रुपए में फाइनल किया था। फ्रेंच कंपनी ने 36 राफेल की डील में इन फाइटर जेट्स को खास तौर पर आईएएफ की जरूरतों को ध्यान में रखकर तैयार किया है।

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