कुमार विश्वास के भैंस वाले बयान पर RJD नेता का जवाब- सुनें कपटी, यह देश आपके या किसी के अब्बाजान की जागीर नहीं

सुनें कपटी, यह देश आपके या किसी के अब्बाजान की जागीर नहीं है कि कब्ज़ाए रहेंगे गद्दी! अब भैंस चराने वाले, हल जोतने वाले, हजामत बनाने वाले, पॉलिश करने वालों के बाल बच्चे भी पढ़ेंगे भी और शासन भी चलाएंगे...

Update: 2022-02-21 07:13 GMT
(कुमार विश्वास के भैंस वाले बयान पर राजद नेता का करारा जवाब)

Kumar Vishwas Vivad: पूर्व नेता व कवि कुमार विश्वास के एक पुराने बयान को लेकर राजद के स्टेट कार्यकारिणी सदस्य जयंत जिज्ञासु (Jayant Jigyasu) ने ट्वीट कर विश्वास को कपटी तक बता दिया है। बता दें कुमार विश्वास ने यह बयान 2011 में हुए अन्ना आंदोलन के समय दिया था। इस बयान को लेकर बड़ा विवाद हुआ थे जिसके चलते इंडिया अगेंस्ट करप्शन को अपने फेसबुक अकाउंट से इस वीडियो को हटाना पड़ा था।

राजद नेता जयंत जिज्ञासु ने ट्वीट कर कुमार विश्वास पर निशाना साधा है। जयंत ने लिखा कि, 'जिसको भैंस चराना चाहिए, वो बिहार में राज चला रहे हैं।-कुमारविश्वास, सुनें कपटी, यह देश आपके या किसी के अब्बाजान की जागीर नहीं है कि कब्ज़ाए रहेंगे गद्दी! अब भैंस चराने वाले, हल जोतने वाले, हजामत बनाने वाले, पॉलिश करने वालों के बाल बच्चे भी पढ़ेंगे भी और शासन भी चलाएंगे। आप ऐसे ही..'

क्या था कुमार का बयान?

कुमार विश्वास का विवादों से पुराना नाता रहा है। अन्ना आंदोलन के वक्त उनपर मंच से भड़काऊ बयान देने के आरोप लगे थे। दिल्ली के रामलीला मैदान से जब उन्होने इस आशय की कविता पढ़ी कि, पटना की गलियों से ये आवाजा आती है, जिसको चरानी है भैंस वो सरकार चलाते हैं। जिसके बाद उनपर जातिवादी टिप्पणी करने के आरोप लगे। फलस्वरूप इंडिया अगेंस्ट करप्शन के फेसबुक पेज को उनकी यह कविता हटानी पड़ी थी।

क्या था इंडिया अगेंस्ट करप्शन?

बताया जाता है कि, India Against Corruption यानी भ्रष्टाचार के विरुद्ध भारत। भारत का राष्ट्र-व्यापी जन-आंदोलन था, जिसके द्वारा देश में भ्रष्टाचार के विरुद्ध कठोर कानून बनाने की मांग की गई थी। इसे लागु कराने के लिए सुप्रसिद्ध सामाजिक कार्यकर्ता और गांधीवादी अन्ना हजारे के नेतृत्व में 2011 में अनशन शुरू किया गया। 16 अगस्त में हुए जन लोकपाल बिल आंदोलन 2011 को मिले व्यापक जन समर्थन ने मनमोहन सिंह के नेतृत्व वाली भारत सरकार को संसद में प्रस्तुत सरकारी लोकपाल बिल के बदले एक सशक्त लोकपाल के गठन के लिए सहमत होना पड़ा था।

कौन-कौन था आंदोलन में शामिल?

इसमें कई जाने-माने सामाजिक कार्यकर्ता जैसे अन्ना हजारे, अरविन्द केजरीवाल, मेधा पाटेकर, किरण बेदी इत्यादि आंदोलन का नेतृत्व कर रहे थे। भ्रष्टाचार विरोधी भारत (इंडिया अगेंस्ट करप्शन) नामक गैर सरकारी सामाजिक संगठन का निर्माण किया गया था। संतोष हेगड़े, वरिष्ठ अधिवक्ता प्रशांत भूषण, मैग्सेसे पुरस्कार विजेता सामाजिक कार्यकर्ता अरविंद केजरीवाल ने यह बिल भारत के विभिन्न सामाजिक संगठनों और जनता के साथ व्यापक विचार विमर्श के बाद तैयार किया था।

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