कुपोषण के लिए बदनाम MP के श्योपुर को Modi ने दिए 8 चीते, अब 27000 से ज्यादा बच्चे कुपोषण हो जाएंगे मुक्त?
एमपी के श्योपुर ( Sheopur ) जिले के लोग कुपोषण उन्मूलन योजनाओं की पीएम मोदी ( PM Modi ) से आस लगाए बैठे थे, लेकिन उन्हें विकास के नाम पर आठ चीते ( Cheetah ) मिले हैं।
Sheopur News : मध्य प्रदेश ( Madhya Pradesh ) का आदिवासी बहुल इलाका श्योपुर ( Sheopur ) कुपोषण ( malnutrition ) के लिए देश और दुनिया में बदनाम हैं। श्योपुर जिले में हजारों बच्चें कुपोषण के शिकार हैं। यहां के लोग कुपोषण से मुक्त होने के लिए शिवराज ( CM Shvraj ) और मोदी सरकार ( Modi Government ) से नई योजनाओं की उम्मीद लगा रहा थे, लेकिन उनका पीएम ( PM Modi ) पर ये भरोसा नाउम्मीदी में उस समय बदल गया जब उन्होंने श्योपुर जिले के आदिवासी बहुल आबादी को कुपोषण से निजात दिलाने में मदद करने के बदले कूनो नेशनल पार्क में आठ चीते ( Cheetah ) छोड़ दिए। अब आप समझ लीजिए ये आठ चीते वहां पर क्या करेंगे। कुपोषण दूर करेंगे या उन पर बोझ बनेंगे। बता दें कि मध्य प्रदेश में सबसे ज्यादा कुपोषित बच्चे श्योपुर जिले में ही हैं।
इतना ही नहीं श्योपुर ( Sheopur ) वो जिला है जहां अभी तक कोई पीएम ( PM Modi ) नहीं पहुंचा था। पीएम मोदी वहां पहुंचे तो सही, लेकिन लोगों की अपेक्षाओं पर खरे उतरने के बदले उनकी समस्याओं को बढ़ाने वाले साबित हुए। अब लोग यह सोच रहे हैं कि इससे तो बेहतर था कि अभी तक कोई पीएम यहां नहीं आया था। कम से कम लोग यह सोचकर तो संतोष कर लेते थे देश के पीएम के कानों तक उनकी आवाज नहीं पहुंची है।
श्योपुर एमपी का सबसे ज्यादा कुपोषित जिला
एमपी का श्योपुर जिला राजस्थान की सीमा लगती है। यह आदिवासी बाहुल्य और पिछड़ा इलाका माना जाता है। सबसे खास बात यह है कि इस जिले की पहचान कुपोषण से होती है क्योंकि मध्य प्रदेश में सबसे ज्यादा कुपोषण के मामले सबसे ज्यादा मामले वहीं से आते हैं। इस जिले में कुपोषित बच्चों की संख्या सबसे अधिक है। लगातार कुपोषित बच्चों की मौत के मामले पूरे देश भर में सुर्खियां में रहते है। प्रशासन और सरकार की ओर से लगातार कुपोषण ( malnutrition ) को रोकने के लिए प्रयास कर किए जा रहे हैं लेकिन कुपोषण है कि थमने का नाम नहीं ले रहा है।
श्योपुर के 27000 बच्चे कुपोषित
श्योपुर ( Sheopur ) जिले भर में 81 हजार 816 बच्चे आंगनबाड़ी केंद्रों में दर्ज हैं। इनमें 27 हजार से ज्यादा कुपोषित हैं। 5 हजार से ज्यादा गंभीर कुपोषित हैं। महिला एवं बाल विकास विभाग के आंकड़ों की अगर बात की जाए तो सामान्य पोषण स्तर वाले 69 हजार 738 बच्चे हैं। इनमें से 1920 मध्यम गम्भीर और 326 अति गम्भीर कुपोषित बच्चे हैं। यह हालात मौजूदा स्थिति में हैं जिन्हें देखकर लोग महिला एवं बाल विकास विभाग से लेकर जिले के उन जिम्मेदार अफसरों की कार्यप्रणाली पर सवाल उठा रहे हैं जो कुपोषण कम होने का दावा कर रहे हैं।