Lakhimpur Kheri Case : सुप्रीम कोर्ट ने यूपी सरकार से पूछा, घटनास्थल पर मौजूद 5000 लोगों में से आपको केवल 23 गवाह मिले?

Lakhimpur Kheri Case : आज मंगलवार को सुनवाई के दौरान उत्तर प्रदेश सरकार ने शीर्ष अदालत को बताया कि अब तक तीस लोगों के बयान दर्ज किए जा चुके हैं जिनमें 23 प्रत्यक्षदर्शी हैं।

Update: 2021-10-26 07:35 GMT

(लखीमपुर खीरी हिंसा मामले में सुप्रीम कोर्ट में हुई सुनवाई)

Lakhimpur Kheri Case : लखीमपुर खीरी की घटना (Lakhimpur Kheri Violence) के मामले में सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने मंगलवार को उत्तर प्रदेश सरकार को गवाहों को सुरक्षा देने का आदेश दिया। कोर्ट ने श्याम सुंदर और पत्रकार रमन कश्यप की मौत की जांच पर एक स्टेटस रिपोर्ट भी मांग है। इस मामले में अगली सुनवाई 8 नवंबर को होगी। बता दें कि लखीमपुर खीरी में 3 अक्टूबर को एक एसयूवी ने प्रदर्शनकारी किसानों को कुचल दिया था जिसमें पत्रकार समेत चार किसानों की मौत हो गई थी। 

सीजेआई जस्टिस एनवी रमना (Justice NV Ramana) की अध्यक्षता वाली बेंच ने उत्तर प्रदेश सरकार की ओर पेश हुए वरिष्ठ अधिवक्ता हरीश साल्वे (Harish Salve) और गरिमा प्रसाद से सीआरपीसी की धारा 164 के तहत न्यायिक मजिस्ट्रेट के समक्ष अन्य घटना से जुड़े गवाहों के बयान दर्ज करने को कहा। 

मंगलवार को सुनवाई के दौरान उत्तर प्रदेश सरकार ने शीर्ष अदालत को बताया कि अब तक तीस लोगों के बयान दर्ज किए जा चुके हैं जिनमें 23 प्रत्यक्षदर्शी हैं। इसके बाद शीर्ष अदालत ने राज्य सरकार को इलेक्ट्रॉनिक्स साक्ष्य पर रिपोर्ट तैयार करने को लेकर फोरेंसिक लैब्स को अपनी चिंताओं से अवगत कराने को कहा।

जस्टिस सूर्य कांत ने राज्य सरकार से पूछा, क्या यह आपका मामला नहीं है, उस जगह पर 4 हजार से 5 हजार लोग थे। वे स्थानीय थे.. लेकिन घटना के बाद भी वे आगे आने से हिचकिचा रहे हैं.. क्या इन लोगों तक पहुंच या उनकी पहचान बड़ी समस्या होगी?

जस्टिस सूर्यकांत ने कहा, "घटना स्थल पर 4,000 और 5,000 लोगों में से कुछ बाड़ लगाने वाले होंगे। वे गंभीर गवाह नहीं होंगे। आपको ऐसे लोगों को खोजने की जरूरत है जो खड़े हो सकें और कह सकें कि उन्होंने क्या देखा..."

इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने जांच की स्थिति पर सवाल उठाते हुए उत्तर प्रदेश सरकार से कहा था कि यह एक 'अनंत कहानी' नहीं हो सकती है। कोर्ट ने राज्य सरकार से यह छाप दूर करने के लिए कहा था कि वह मामले में अपने पैर पीछे खींच रहा है। 

जस्टिस हेमा कोहली ने राज्य सरकार की ओर से पेश हुए हुए वरिष्ठ अधिवक्ता हरीश साल्वे से कहा था कि हमें लगता है कि आप अपने पैर पीछे खींच रहे हैं। इसलिए कृपया उस धारणा को दूर करें। साल्वे ने अदालत को बताया था कि हत्या के सभी आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया गया है।

लखीमपुर खीरी कांड की जांच कर रहे उत्तर प्रदेश पुलिस के विशेष जांच दल (SIT) ने शनिवार 23 अक्टूबर को किसानों और पत्रकार की हत्या के मामले में तीन और लोगों को गिरफ्तार किया। कुल मिलाकर 13 लोगों को गिरफ्तार किया गया है। 

3 अक्टूबर को केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा के स्वामित्व वाले तीन वाहनों के काफिले ने विरोध कर रहे किसानों के एक समूह को कुचल दिया था जिसमें चार की मौत हो गई थी। इसके बाद हुई हिंसा में भाजपा के दो कार्यकर्ता और एक वाहन चाल की मौत हो गई थी। मारे गए लोगों में एक पत्रकार भी शामिल था।

इस बीच भारतीय किसान यूनियन (भाकियू) ने सोमवार 25 अक्टूबर को घोषणा की कि किसान लखीमपुर खीरी की घटना में पुलिस की निष्क्रियता के खिलाफ मंगलवार को विभिन्न राज्यों में धरना और विरोध प्रदर्शन करेगी। धरना सुबह 11 बजे से दोपहर 2 बजे तक किया जाएगा और किसान अपने-अपने स्थानों पर उपमंडल मजिस्ट्रेट, तहसीलदार या उपायुक्त को ज्ञापन सौंपेंगे।

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