Lakhimpur Kheri : पहले किसानों को कुचला, अब कानून और संविधान कुचलने की तैयारी है, अखिलेश यादव का BJP पर बड़ा हमला

Lakhimpur Kheri : समाजवादी पार्टी प्रमुख अखिलेश ने कहा किसान न्याय का इंतजार कर रहे हैं। उन्होंने यह भी कहा कि भाजपा के दबाव में पुलिस ने आशीष मिश्रा को समन नहीं गुलदस्ता भेजा है...

Update: 2021-10-09 08:03 GMT

सपा चीफ अखिलेश यादव-योगी आदित्यनाथ (फाइल फोटो/जनज्वार)

Lakhimpur Kheri Violence Update (जनज्वार) : लखीमपुर हिंसा को लेकर आरोपी गृहराज्य मंत्री का पुत्र आशीष टेनी पुलिस लाइन स्थित क्राइम ब्रांच के दफ्तर में पेश हो चुका है। इस बीच पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) ने भारतीय जनता पार्टी पर बड़ा हमला बोला है। 

अखिलेश यादव ने न्यूज 24 से बात करते हुए भाजपा पर किसान कानुन और अब संविधान कुचल देने का आरोप लगाया है। अखिलेश ने कहा किसान न्याय का इंतजार कर रहे हैं। उन्हें अब तक भाजपा न्याय नहीं दे पाई है। समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party) प्रमुख अखिलेश ने यह भी कहा कि भाजपा के दबाव में पुलिस ने आशीष मिश्रा को समन नहीं गुलदस्ता भेजा है। 

गौरतलब है कि कई धाराओं में मुकदमा दर्ज करने के बाद पुलिस ने आशीष टेनी को गिरफ्तार न करते हुए घर पर नोटिस चस्पा किया था। लेकिन इस नोटिस पर भी वह पेश नहीं हुआ। पुलिस ने फिर नोटिस लगाया। तमाम उहापोह के बीच आशीष टेनी अपने दिए समय के मुताबिक पुलिस लाइन पहुँचा था। जिसको लेकर अखिलेश ने समन नहीं गुलदस्ता लेने की बात लिखी है।

इस बीच पूरे देश ने देख लिया है कि हिंसा में आरोप तय होने वाले आरोपी की क्या भूमिका है। तिसपर पुलिस की भूमिका बेहद लचीली व हास्यास्पद रही। हास्यास्पद इसलिए क्योंकि यही पुलिस किसी अन्य पर मौखिक आरोप लगते ही घर से उठा लाती है। और वह कथित आरोपी कभी पूछताछ में तो कभी चेकिंग करने में मर भी जाता है। अब वही पुलिस असहाय हो गई। जििसपर सवाल उठना लाजिमी है।

इन धाराओं के तहत दर्ज है केस

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आशीष मिश्रा के खिलाफ दर्ज FIR में दावा किया गया है कि आशीष मिश्रा ने किसानों पर गोलियां चलाई थीं और वह किसानों को कुचलने वाली कार में भी मौजूद थे। आशीष मिश्रा के खिलाफ बहराइच जिले निवासी जगजीत सिंह ने एफआईआर दर्ज कराई थी। आशीष मिश्रा के खिलाफ आईपीसी की धारा 147/148/149 (दंगों से संबंधित), 279 (लापरवाही से गाड़ी चलाना), 338 (किसी शख्स को चोट पहुंचाना जिससे उसकी जान को खतरा हो), 304-A (लापरवाही से मौत), 302 (हत्या) और 120 बी (आपराधिक साजिश रचना) के तहत केस दर्ज हुआ है।

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