Lakhimpur Kheri Violence : लखीमपुर हिंसा मामले में सुप्रीम कोर्ट ने लगाई फटकार, लोगों ने दी प्रतिक्रिया, कहा योगी नहीं ढोंगी सरकार

Lakhimpur Kheri Violence : आज सुनवाई के दौरान यूपी सरकार को लखीमपुर हिंसा मामले में सुप्रीम कोर्ट ने काफी फटकार लगाई है और कहा कि आप ऐसे गवाह पेश कर रहे हैं जो अपराधियों को बेकसूर बता रहे हैं। साफ है कि आपकी जांच अपराधियों को छोड़ने वाली है। इस पर जनज्वार के पाठकों ने दी अपनी राय।

Update: 2021-11-17 12:45 GMT

(लखीमपुर हिंसा मामले में सुप्रीम कोर्ट ने लगाई फटकार)


Lakhimpur Kheri Violence : लखीमपुर खीरी (Lakhimpur Khiri) हिंसा मामले में आज सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने योगी सरकार को फटकार लगाई है। खीरी हिंसा जांच में यूपी के योगी सरकार के सुस्त रवैये को देखकर सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि, "लगता है यूपी सरकार (Uttar Pradesh Government) अपराधियों के साथ है।" यूपी सरकार को फटकार लगाते हुए सुप्रीम कोर्ट ने खीरी हिंसा (Lakhimpur Khiri Violence) की जांच के लिए रिटायर्ड जज राकेश जैन को नियुक्त किया है। सुप्रीम कोर्ट ने विशेष जांच दल (एसआईटी) का पुनर्गठन किया है। इसमें 3 वरिष्ठ आइपीएस अधिकारियों, एसबी शिरोडकर, दीपिंदर सिंह और पद्मजा चौहान को शामिल किया गया है। सुप्रीम कोर्ट मामले में चार्जशीट दाखिल होने और सेवानिवृत्त जज से रिपोर्ट मिलने के बाद मामले की अगली सुनवाई करेगा।

बता दें कि इससे पहले भी कई सुप्रीम कोर्ट इस मामले में सरकार को फटकार लग्गा चुकी है। आज यानी 17 नवंबर को मामले की सुनवाई के दौरान सर्वोच्च न्यायालय ने यूपी सरकार को फिर से फटकार लगाई और कहा कि, "ऐसा लगा रहा है कि यूपी सरकार हिंसा में शामिल अपराधियों को बचाने का प्रयास कर रही है।" कोर्ट ने कहा कि, "आप (यूपी सरकार) ऐसे गवाह पेश कर रहे हैं जो अपराधियों को बेकसूर बता रहे हैं।" पीठ ने मामले की जांच रिटायर्ड जज को सौंपते हुए कहा कि, "मामले में निष्पक्ष जांच और पारदर्शिता बनाए रखने के लिए यह जरूरी कदम उठाए गए हैं।"

पाठकों की प्रतिक्रिया

सुप्रीम कोर्ट की इस फटकार पर और इस विषय पर जनज्वार ने जनता से प्रतिक्रिया मांगी तो पाठकों ने अलग-अलग राय सामने रखी है। हम ऐसे ही पाठकों के कुछ रोचक कमेंट निकाल कर लाए है। आप भी पढ़िए और जानिए कि इस मामले में किसने क्या कहा।

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प्रकाश राज ने लिखा कि 'योगी सरकार नहीं, ढोंगी सरकार है।' मलिक कैसार ने कहा कि 'योगी सरकार किसानों के हत्यारों को सजा दिलाने में नाकाम साबित हो रही है इसलिए सुप्रीम कोर्ट से अपील है कि जल्द से जल्द कोई सख्त कदम उठाए।' देव भारद्वाज लिखते है कि 'गुंडे लोग ही सर्कार बने बैठे हैं जो देश का दुर्भाग्य है।' प्रकाश शर्मा ने लिखा कि 'जब तक बाप मंत्री, तब तक जांच ऐसे ही होगी।' अशोक कुमार ने लिखा कि 'राजनीति का अपराधीकरण हो चुका है।' असलम सरदार ने कमेंट किया कि 'हमारी प्रतिक्रिया hahahhhah हम हंस सकते है। बेबस है हम।' अजय महावर ने कहा कि 'बाबा 420 है।'

दशरथ सिंह का कहना है कि 'अब सरकार को कोर्ट की फटकार का असर नहीं होता है। कोर्ट को इस पर विचार करना चाहिए।' अन्य पाठक बृजेश्वर निषाद ने लिखा कि 'इस विषय पर यही कहना है कि यही है, प्रचंड रामराज।' शेर बहादुर नाम के पाठक ने लिखा कि 'बेशर्म सरकार है।' अन्य पाठक राजदीप सिंह का कहना है कि 'फटकार खाने की आदत बन चुकी है।'

अन्य पाठक पंकज तिवारी का कहना है कि 'सुप्रीम कोर्ट पर गर्व है ओर सर्वोच्च न्यायालय तक यह मान रहा है और कह रहा है। चिंता व्यक्त कर रहा है कि योगी सरकार लखिमपुरी खीरी में किसान नरसंहार करने वाले किसानो के हत्यारों को बचा रही है तो फिर इससे शर्मनाक बात क्या हो सकती है। योगी सरकार सर्वोच्च न्यायालय की भी नही मान रहा है। मोदी-शाह योगी का फासिज्मवाद सर चढ़कर बोल रहा है। सर्वोच्च न्यायपालिका की बात को मुख्यमंत्री सरकार द्वारा गम्भीरता से नही लेना, न्यायपालिका का अपमान है।' सुधीर अग्रवाल ने लिखा है कि 'फटकार खाने की आदत बन चुकी है।' अहमदशाह ने कहा कि 'जबतक यूपी में चुनाव नही होते, मीडिया पर कंगना की बकवास ही दिखेगी। रोज बढ़ती महँगाई, बेरोजगारी, भुखमरी, किसान आंदोलन जैसे मूल मुद्दे गायब कर दिये जाएंगे।

नोट : बाकी और भी कई रोचक कमेंट हैं। उपर दिए गये 'लिंक' पर जाकर पढ़ा जा सकता है।

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