Lakhimpur Kheri : सत्ता के नशे में चूर मंत्री और उनका सुपुत्र नरसंहार का जिम्मेदार, कातिल बाप-बेटे पर दर्ज हैं हत्या के 8 मुकदमे

Lakhimpur Kheri : भाजपा की पूरी सरकार किसानों को रौंदने का प्रयास करेगी। वहीं टीवी अखबारों ने भी किसानों को विलेन घोषित करने में कोई कोर-कसर नहीं छोड़ रखी है...

Update: 2021-10-04 06:12 GMT

(लखीमपुर खीरी से फिर विवादों में आए विवादित अजय टेनी)

Lakhimpur Kheri (जनज्वार) : यूपी के लखीमपुर खीरी में हुआ नरसंहार मंत्री अजय मिश्रा और उसके पुत्र की देन है। बावजूद इसके लड़का किसानों को कुचलने के बाद ABP न्यूज पर फोनो दे रहा है। इतने संगीन मामले पर भी वह अभी तक अरेस्ट नहीं हुआ? जानकारी है कि, मंत्री अजय और उनके बेटे आशीष उर्फ मोनू पर 8 हत्याओं के मुक़दमे पहले से दर्ज हैँ।

मंत्री के सुपुत्र ने ABP से फोन पर कहा कि वह घटना स्थल से 5 किलोमीटर दूर था, गाड़ी ड्राइवर चला रहा था। वह एक बार तो ये भी कह गया की किसानों ने पथराव करके गाड़ी पहले ही पलट दी, लोगो को मार दिया। थोड़ी देर बाद बेटा बनके कोइ अन्य बात करने लगा, जिसपर एंकर ने भी कहा की आप कौन हैँ? क्योंकि आपकी आवाज बदल गयी है।

एक्टिविस्ट लक्ष्मी प्रताप सिंह ने लिखा की, 'मंत्री तो कह रहें हैँ कि आश्चर्य से आज मेरा बेटा सारा समय कार्यक्रम मेँ ही रहा। अभी भी कह रहें कि उल्टा किसानों पे मुकदमा करेंगे और उन्हें कड़ी सजा दिलाएंगे। हालांकि वो ये नहीं बता रहें कि कुछ दिन पहले धमकी दी थी कि समाने आ गए तो हम सुधार देंगे। साथ मेँ ये नहीं बता रहें कि फायरिंग किस कार्यकर्त्ता ने की, यदि बेटा नहीं था तो? सनद रहे दोनो बाप बेटों पर पहले से ही हत्या के 8 मुकदमें दर्ज हैं।'

लक्ष्मी प्रताप आगे लिखते हैं, 'उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्या के आने का प्रोग्राम था। मंत्री का लड़का कह रहा है कि, कार्यकर्त्ता मौर्या को रिसीव करने गए थे। लेकिन अब इस मामले में जरूर कुछ बड़ा न्याय होगा, क्योंकि ADG लॉ एण्ड ऑर्डर प्रशांत कुमार लखीमपुर पहुँच गए हैँ। याद रखिए ये वही एडीजी हैँ जिन्होंने खुद बयान दिया था कि हाथरस मेँ लड़की का रेप हुआ ही नहीं था। जिसे न्यायिक विशेषज्ञों ने नकार दिया था।'

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फिर यहाँ तो केंद्रीय गृह राज्य मंत्री का बेटा ही आरोपी है तो आप आशा रख सकते हैँ कि क्या लॉ और क्या ऑर्डर मैनेज़ करेंगे? मामला तेजी से तूल पकड़ रहा है। भाजपा की पूरी सरकार किसानों को रौंदने का प्रयास करेगी। वहीं टीवी अखबारों ने भी किसानों को विलेन घोषित करने में कोई कोर-कसर नहीं छोड़ रखी है। 

दैनिक जागरण सहित कई अखबार और टीवी चैनल मंत्री और उसके पुत्र को गंगाजल सा पवित्र ठहरा रहे हैं। ऐसे में न्याय की उम्मीद लगाना बेईमानी है। कहा जा रहा है कि इस मामले को लेकर मंत्री के बेटे पर एक एफआईआर भी दर्ज की गई है। लेकिन पुलिस ने एफआईआर तो गोरखपुर कांड में भी दर्ज की थी। जिसमें किसी के माईबाप का नाम ही नहीं लिखा गया था। तिसपर आरोपी फरार हैं। 

लखीमपुर नरसंहार पर बुद्धजीवियों की राय

वरिष्ठ पत्रकार सुशील दुबे लिखते हैं, 'ये धुंआ निःशब्द है, लेकिन काला कलंक गहरा है, जो वक्त की सनद लिखेगा, योगी-मोदीजी। बधाई हो अजय कुमार टेनी, देश के गृह राज्यमंत्री के कुल कलंक सुपुत्र द्वारा धरती के देवता किसानों को अपने वाहन से कुचल कर 5 की हत्या और 10 को घायल करने के लिये, खबरदार जो किसी ने टेनी गुरु से इस्तीफ़ा मांगा, बल्कि अब ये कैबिनेट मंत्री लायक हो गये हैं, मोदी जी अब Adg लॉ एण्ड आर्डर का कोई नया डायलाग सुनना। लेकिन सब कुछ शर्मनाक, निंदनीय।'

मीडिया कवरेज पर वरिष्ठ पत्रकार नवीन कुमार ने निशाना साधते हुए लिखा है, 'आज के बाद दैनिक जागरण में छपने वाले हर लेखक और कवि का बहिष्कार कीजिए। उसके कार्यक्रमों में जाने वालों का बहिष्कार कीजिए। वो लेखक और कवि उन हत्यारों की टोली में शामिल हैं जिन्होंने किसानों को रौंदा है। जो लेखक और कवि दैनिक जागरण के लंपटपन का विरोध नहीं करते वो हिंदी समाज के लिए शर्म हैं। अपने रंगा सियार कवियों और लेखकों को पहचानिए।'

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