Lata Mangeshkar: लता मंगेशकर का वो गाना जिसे सुनकर पाकिस्तानी भी रो पड़े थे, PAK सूचना&प्रसारण मंत्री ने दी श्रद्धाजलि

Lata Mangeshkar: लता जी आप हमारे समय की एक असली महान शख्सियत हैं। RIP आप भारत, पाकिस्तान और पूरी दुनिया के संगीत प्रेमियों की रानी हैं...

Update: 2022-02-06 07:04 GMT

Lata Mangeshkar : लता मंगेशकर (1929-2022)

Lata Mangeshkar: पार्शव गायिकी की दुनिया का सबसे बड़ा सितारा चला गया। विख्यात स्वरकोकिला लता मंगेशकर का निधन (Lata Mangeshkar Death) हो गया। वह कई दिनों से अस्पताल में जिंदगी और मौत के बीच जंग लड़ रही थीं। उनके जाने से न सिर्फ भारत बल्कि पूरी दुनिया गमजदा है। लता मंगेशकर के प्रशंसक पूरी दुनिया में थे। उन्हें जितना प्यार भारत से मिलता था उतना ही पाकिस्तानी भी उनसे मोहब्बत करते थे।  

बताया जाता है कि, फिल्म क्रांति का एक गाना जिसे अभिनेत्री व अब मथुरा से सांसद हेमा मालिनी (Hema Malini) ने अपने दमदार अभिनय से जीवंत कर दिया था। गाना था..'जिंदगी की ना टूटे लड़ी...प्यार कर ले घड़ी दो घड़ी।' इस गाने को सुनकर पाकिस्तान (Pakistan) के लोग भी रो पड़े थे। बताया यह भी जाता है कि इस गाने के बाद से ही वह पाकिस्तान में मुहब्बत के तौर पर देखी जाने लगी थीं।

पाकिस्तान के सूचना एवं प्रसारण मंत्री फवाद चौधरी ने ट्विटर पर लिखा, 'एक महान शख्सियत नहीं रहीं। लता मंगेशकर सुरों की रानी थीं जिन्होंने दशकों तक संगीत की दुनिया पर राज किया। संगीत जगत में उनके जैसा कोई न था। उनकी आवाज आने वाले समय में भी लोगों के दिलों पर राज करती रहेंगी। ट्विटर पर चल रहे #RIPLataMangeshker ट्रेंड्स में लता मंगेशकर के पाकिस्तानी फैंस श्रद्धांजलि दे रहे हैं।

पाकिस्तानी पत्रकार आमिर रजा खान ने लता मंगेशकर (Lata Mangeshkar Death) की बचपन की तस्वीरें साझा करते हुए लिखा, 'हार्टब्रेकिंग, किसे पता था कि ये छोटी बच्ची संगीत की दुनिया की रानी बनेगी। लता जी आप हमारे समय की एक असली महान शख्सियत हैं। RIP आप भारत, पाकिस्तान और पूरी दुनिया के संगीत प्रेमियों की रानी हैं।'

13 साल की उम्र में करियर की शुरूवात

'भारत रत्‍न' से सम्‍मानित वेटरन गायिका ने मुंबई के ब्रीच कैंडी अस्‍पताल में अंतिम सांस ली। वह 92 वर्ष की थीं। 'भारत की नाइटिंगेल' के नाम से दुनियाभर में मशहूर लता मंगेशकर ने करीब पांच दशक तक हिंदी सिनेमा में फीमेल प्‍लेबैक सिंगिंग में एकछत्र राज किया। मंगेशकर ने 1942 में महज 13 साल की उम्र में अपने करियर की शुरुआत की थी। उन्होंने कई भारतीय भाषाओं में अब तक 30 हजार से ज्यादा गाने गाए हैं। उन्हें देश के सर्वोच्च नागरिक सम्मान भारत रत्न से भी नवाजा जा चुका है।

वेंटिलेटर पर थीं स्वर कोकिला

इसके अलावा उन्हें पद्म भूषण, पद्म विभूषण और दादा साहेब फाल्के पुरस्कार से भी सम्मानित किया जा चुका है। जनवरी में कोरोना पॉजिटिव पाए जाने के बाद उन्हें मुंबई के एक अस्पताल में भर्ती कराया गया था। बाद में वह न्यूमोनिया से पीड़ित हो गईं। हालत बिगड़ने के बाद उन्हें वेंटिलेटर सपोर्ट पर रखा गया था। उनकी हालत में सुधार के बाद वेंटिलेटर सपोर्ट भी हट गया था। लेकिन 5 फरवरी को उनकी स्थिति बिगड़ने लगी और उन्हें फिर से वेंटिलेटर सपोर्ट पर रखा गया। आखिरकार, 6 फरवरी को 'स्वर कोकिला' ने आखिरी सांस ली।

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