स्कूटर चलाते हुए वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से चल रही सुनवाई में पेश हुआ वकील, कोर्ट ने बात सुनने से किया इनकार

कोर्ट ने आदेश में कहा, "याचिकाकर्ता की ओर से पेश वकील ने स्कूटर पर सवारी करते हुए अदालत को संबोधित करने की कोशिश की। इसलिए, अदालत ने उसे सुनने से इनकार कर दिया....

Update: 2021-06-27 14:59 GMT

जनज्वार डेस्क। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने शुक्रवार 25 जून को एक मामले में वकील की सुनवाई से इसलिए इनकार कर दिया क्योंकि वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग जरिए चल रही सुनवाई के दौरान वह स्कूटर चला रहा था। इसके बाद ज‌स्टिस मनोज कुमार गुप्ता और जस्टिस सैयद आफताब हुसैन रिजवी की बेंच ने वकील को भविष्य में सावधान रहने को कहा और भविष्य में इस कृत्य को न दोहराने की सलाह दी।

लाइव लॉ की रिपोर्ट के मुताबिक कोर्ट ने आदेश में कहा, "याचिकाकर्ता की ओर से पेश वकील ने स्कूटर पर सवारी करते हुए अदालत को संबोधित करने की कोशिश की। इसलिए, अदालत ने उसे सुनने से इनकार कर दिया। उसे भविष्य में सावधान रहना चाहिए, भले ही सुनवाई वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से हो।" इसके साथ ही मामले की सुनवाई 12 जुलाई को स्थगित कर दी गई।

इस साल फरवरी में उड़ीसा उच्च न्यायालय ने वर्चुअल मोड में हुई सुनवाई में कोर्ट के सामने बहस करते हुए नेक बैंड नहीं पहनने पर एक वकील पर 500 रूपये का जुर्माना लगाया। जुर्माना लगाते हुए जस्टिस एस के पाणिग्रही की खंडपीठ ने कहा, "पेशा गंभीर प्रकृति का है और इसकी गहनता इसकी पोशाक से पूरित है। एक अधिवक्ता होने के नाते, उनसे उचित पोशाक के साथ सम्मानजनक तरीके से अदालत के सामने पेश होने की उम्मीद की जाती है, भले ही यह वर्चुअल मोड हो।"

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इसी तरह पिछले साल गुजरात उच्च न्यायालय ने एक आपराधिक विविध आवेदन की सुनवाई में पाया था कि वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए कोर्ट के समक्ष मौजूद आवेदक-आरोपी नंबर एक, अजीत कुभाभाई गोहिल खुलेआम थूक रहे थे। आरोपियों के इस प्रकार के आचरण की निंदा करते हुए जस्टिस एएस सुपेहिया की खंडपीठ ने कहा था, "यह अदालत आज आवेदक-आरोपी नंबर एक के आचरण को देखते हुए मामले को सुनने की इच्छुक नहीं है।"

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