गर्मियों में वकीलों को काला कोट पहनने में होती है बहुत परेशानी, दी जाए छूट - सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई से किया इनकार
जस्टिस इंदिरा बनर्जी और जस्टिस वी रामसुब्रमणियन की पीठ ने कहा कि अदालत इस मसले पर अनुच्छेद 32 के तहत याचिका पर विचार नहीं कर सकती।
नई दिल्ली। भीषण गर्मी में भी अधिवक्ताओं को काला कोट और गाउन ( black coat and gown ) की अनिवार्यता से छूट मिलने की उम्मीद कम है। सुप्रीम कोर्ट ( Supreme Court ) ने इस मसले को लेकर दायर याचिका को खारिज कर दिया है। यानि वकीलों को चाहे गर्मी कितनी भी क्यों न हो उन्हें काला कोट और गाउन पहनना ही होगा। हालांकि, सर्वोच्च अदालत ने याची से कहा है कि वो इस मसले को राज्य विधिक परिषद के समक्ष उठा सकते हैं।
दरअसल, उच्चतम न्यायालय ( Supreme Court ) ने उस याचिका पर विचार करने से साफ तौर से इनकार कर दिया, जिसमें अधिवक्ताओं को गर्मी के दौरान शीर्ष अदालत और उच्च न्यायालय में काला कोट और गाउन पहनने की अनिवार्यता से छूट देने की मांग की गई थी। न्यायमूर्ति इंदिरा बनर्जी और न्यायमूर्ति वी रामसुब्रमणियन की पीठ ने कहा कि अदालत इस मसले पर अनुच्छेद 32 के तहत याचिका पर विचार नहीं कर सकती।
BCI के पास जाएं
शीर्ष अदालत ( Supreme Court ) ने याचिकाकर्ता से कहा कि वह अपनी शिकायत लेकर भारतीय विधिज्ञ परिषद ( Bar Council of India ) के पास जाएं। शीर्ष अदालत ने वकील शैलेंद्र मणि त्रिपाठी को यह भी छूट दी कि यदि बीसीआई उनकी याचिका पर कार्रवाई नहीं करता है, तो वह फिर से शीर्ष अदालत का दरवाजा खटखटा सकते हैं। इसके बाद याचिकाकर्ता ने याचिका वापस ले ली। इसी के साथ यह मामला फिलहाल खारिज हो गया। इस मसले पर बहस करने याचिकाकर्ता की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता विकास सिंह पेश हुए थे।
बता दें कि याची ने एक याचिका के जरिए वकीलों के ड्रेस कोड नियमों में संशोधन करने, वकीलों को काला कोट और गाउन पहनने से छूट देने की समय अवधि तय करने का निर्देश राज्य विधिज्ञ परिषद ;बार काउंसिल को देने की मांग की थी। याचिका में कहा गया है कि भीषण गर्मी के दौरान कोट पहनने से अधिवक्ताओं के लिए एक अदालत से दूसरी अदालत में जाना मुश्किल हो जाता है। वकीलों का ड्रेस कोड अधिवक्ता अधिनियम 1961 के तहत बार काउंसिल ऑफ इंडिया के नियमों द्वारा शासित होता है। इसके अन्तर्गत एक वकील के लिए सफेद शर्ट और सफेद नेकबैंड के साथ एक काला कोट पहनना अनिवार्य है।
यहां इस बात का जिक्र करना भी जरूरी है कि नियमों के मुताबिक उच्चतम न्यायालय और उच्च न्यायालय में पेश होने के अलावा अधिवक्ता के लिए गाउन पहनना वैकल्पिक है।