Lohia Statue Row in UP : योगी सरकार में मंत्री संजय निषाद ने अपने सरकारी बंगले में लगी लोहिया की मूर्ति को ढंककर करवा दिया हरा और भगवा पेंट

Lohia Statue Row in UP : इस विवाद पर अब कई नेता राजनीति करने में जुट गए हैं। संजय निषाद पर आरोप लग रहे हैं कि उन्होंने डॉ. लोहिया की प्रतिमा को लकड़ी के बोर्ड से कवर करने के बाद हरा और भगवा रंग का पेंट कर दिया गया है। उत्तर प्रदेश की प्रमुख विपक्षी पार्टी समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party) ने इसका विरोध करते हुए भाजपा गठबंधन पर एक महापुरुष और एक विचारधारा का अपमान करने आरोप लगाया है...

Update: 2022-06-07 11:31 GMT

Lohia Statue Row in UP : योगी सरकार में मंत्री संजय निषाद ने अपने सरकारी बंगले में लगी लोहिया की मूर्ति को ढंक कर करवा दिया हरा और भगवा पेंट

Lohia Statue Row in UP : योगी सरकार में मंत्री संजय निषाद (Sanjay Nishad) इन दिनों एक विवाद में घिर गए हैं। यह विवाद प्रसिद्ध समाजवादी नेता राममनोहर लोहिया की मूर्ति से जुड़ा है। संजय निषाद पर आरोप लग रहे हैं कि उन्होंने अपने आवास पर लगे डॉ. राम मनोहर लोहिया (Dr. Ram Manohar Lohia) की प्रतिमा को ढंकवा दिया है। अब यह मामला विपक्षी दलों को सरकार पर हमला करने का मौका दे रहा है।

इस विवाद (Lohia Statue Row in UP) पर अब कई नेता राजनीति करने में जुट गए हैं। संजय निषाद पर आरोप लग रहे हैं कि उन्होंने डॉ. लोहिया की प्रतिमा को लकड़ी के बोर्ड से कवर करने (Lohia Statue Row in UP) के बाद हरा और भगवा रंग का पेंट कर दिया गया है। उत्तर प्रदेश की प्रमुख विपक्षी पार्टी समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party) ने इसका विरोध करते हुए भाजपा गठबंधन पर एक महापुरुष और एक विचारधारा का अपमान करने आरोप लगाया है।

आपको बता दें कि यूपी सरकार में मत्स्य मंत्री और निषाद पार्टी सुप्रीमो संजय निषाद को लखनऊ के विक्रमादित्य मार्ग पर स्थित बंगला नंबर एक आवंटित किया गया है। इस बंगले के बगीचे में समाजवादी चिंतक और राजनेता डॉ. राम मनोहर लोहिया की प्रतिमा लगी है, खबरों के मुताबिक बंगले में संजय निषाद के शिफ्ट होने के बाद इस मूर्ति को ढंक (Lohia Statue Row in UP) दिया गया है। यह बंगला दो दशक तक लोहिया ट्रस्ट के नाम पर आवंटित था।

इस प्रतिमा को एक लकड़ी के बोर्ड से कवर (Lohia Statue Row in UP) किया गया है, जिस पर हरा और भगवा पेंट कर दिया गया है। प्रतिमा को चारों तरफ से लकड़ी के बोर्ड से ढका गया है, जिसके बाद यह प्रतिमा बिल्कुल नजर नहीं आ रही है। जहां पर यह प्रतिमा मौजूद है, यह पहले कार्यालय था। लोहिया ट्रस्ट का कार्यालय पहले यहीं हुआ करता था, जिसे बाद में संजय निषाद को आवास के तौर पर आवंटित कर दिया गया। प्रतिमा को कवर करने का यह मामला सोशल मीडिया पर खूब सुर्खियों में है।

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