Loudspeaker Azan Controversy: मुंबई की 26 मस्जिदों में अब बिना लाउडस्पीकर होगी सुबह की अजान, फैसले के पीछे ये है वजह

Loudspeaker Azan Controversy: लाउडस्पीकर विवाद (Loudspeaker controversy) चरम पर है, सियासी पारा हाई तो बयानबाजी भी खूब हो रही है. इस बीच मुंबई (Mumbai) एक बड़ी खबर आ रही है.

Update: 2022-05-05 03:12 GMT

Loudspeaker Azan Controversy: मुंबई की 26 मस्जिदों में अब बिना लाउडस्पीकर होगी सुबह की अजान, फैसले के पीछे ये है वजह

Loudspeaker Azan Controversy: लाउडस्पीकर विवाद (Loudspeaker controversy) चरम पर है, सियासी पारा हाई तो बयानबाजी भी खूब हो रही है. इस बीच मुंबई (Mumbai) एक बड़ी खबर आ रही है. मुस्लिम धर्मगुरुओं ने बड़ा फैसला लेते हुए कहा है कि अब सुबह की अजान बिना लाउडस्पीकर के होगी. बुधवार देर रात साउथ मुंबई में करी 26 मस्जिदों के धर्मगुरुओं ने बैठक कर यह फैसला लिया. इस बैठक में निर्णय लिया गया कि अब से सुबह की अजान बिना लाउडस्पीकर के ही की जाएगी.

दरअसल, बुधवार रात दक्षिण मुम्बई की करीब 26 मस्जिदों के के इमामों ने बैठक में यह फैसला लिया गया. इस बैठक के बाद सभी इमामों ने सर्वसम्मति से कहा कि अब सुबह की अजान बिना लाउडस्पीकर के दी जाएगी. इन मस्जिदों ने अपने इमामों के इस फैसले पर अमल भी शुरू कर दिया है. लिहाजा, मुंबई की मशहूर मिनारा मस्जिद में गुरुवार की सुबह की अजान बिना लाउडस्पीकर के दी गई.

राज ठाकरे ने लाउड स्पीकर पर अजान का विरोध करते हुए महाराष्ट्र सरकार को चेतावनी दी थी कि अगर ईद के बाद यानी 4 मई से मस्जिदों में लाउडस्पीकर से अजान हुई तो मस्जिदों के बाहर महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना हनुमान चालीसा का पाठ करेगी. इसके बाद रमजान खत्म होते ही राज ठाकरे ने बयान जारी कर कहा है कि देश के तमाम हिंदू भाइयों से मेरी विनती है कि कल यानी 4 मई के दिन जहां-जहां लाउडस्पीकर पर अजान दी जाती है, वहां आप लाउडस्पीकर पर हनुमान चालीसा लगाएं और लाउडस्पीकर से क्या तकलीफ होती है, यह उन्हें भी समझने दें.

यह है सुप्रीम कोर्ट की गाइडलाइन

सुप्रीम कोर्ट ने अपने आदेश में यह भी कहा है कि अगर राज्य सरकार चाहे तो कुछ मौकों पर इसकी छूट दे सकती है. किसी संगठन या धार्मिक कार्यक्रम के लिए लाउडस्पीकर या दूसरे यंत्रों को बजाने की अनुमति रात 10 बजे से बढ़ाकर 12 बजे तक कर सकती है. लेकिन इसमें भी एक कंडीशन जोड़ी गई है कि ऐसा एक साल में सिर्फ 15 दिन ही हो सकता है। अगर कोई भी इन नियमों के दायरे से बाहर जाता है तो उसे पांच साल की जेल या फिर एक लाख रुपए का जुर्माने दोनों की सजा मिल सकती है. इसके लिए एन्वार्यमेंट प्रोटेक्शन एक्ट, 1986 के तहत कार्रवाई की जाएगी.

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