Lucknow News : माता-पिता लगाते हैं सब्जी का ठेला लेकिन बेटी मुमताज खान को बना दिया जूनियर वर्ल्ड कप का स्टार
Lucknow News : तंगहाली में पली बढ़ी मुमताज खान के पिता सब्जी का ठेला लगाते हैं, विपरीत हालातों में आगे बढ़कर आज मुमताज खान ने देश के युवाओं के लिए एक बहुत बड़ी मिसाल पेश की है...
Lucknow News : उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) की राजधानी लखनऊ (Lucknow) की 19 वर्षीय मुमताज खान (Mumtaz Khan) पूरी दुनिया में भारत (India) का नाम रोशन कर रही है। एक सब्जी वाले दुकानदार की बेटी अपना नाम भारतीय जूनियर महिला हॉकी (Inidan Junior Woman Hockey) में दर्ज कराया है। मुमताज खान इस समय दक्षिण अफ्रीका (South Africa) में चल रहे जूनियर वुमन हॉकी वर्ल्ड कप (Junior woman Hockey World Cup) खेल रही है।
इस वर्ल्ड कप में भारत की टीम कवार्टर फाइनल में पहुंच गई है। तंगहाली में पली बढ़ी मुमताज खान के पिता सब्जी का ठेला लगाते हैं। विपरीत हालातों में आगे बढ़कर आज मुमताज खान ने देश के युवाओं के लिए एक बहुत बड़ी मिसाल पेश की है।
मुमताज खान के पिता लगाते है सब्जी का ठेला
बता दें कि एक बेहद ही गरीब परिवार से आने वाली मुमताज के पिता सब्जी का ठेला लगाते हैं और मां कम पैसों में किसी तरह घर का खर्च चलाती हैं। गरीबी की दीवार लांघ कर हॉकी स्टिक थामने वाली मुमताज कड़े संघर्षों और मेहनत की मिसाल है। भारतीय महिला जूनियर हॉकी टीम की सदस्य मुमताज खान ने जिन हालातों में यह सफर तय किया है उसे शब्दों में बयां करना आसान नहीं है।
मुमताज के लिए आसान नहीं था यह सफर
मुमताज खान के हॉकी खेलने के लिए भेजना परिवार के लिए एक बेहद ही मुश्किल काम था, क्योंकि परिवार में 6 बेटियां पैदा हो गई थी। समाज भी कहीं न कहीं इस बात का ताना देता रहता था। यह सब बर्दाश्त करना उनके लिए आसान नहीं था।
परिवार वाले पहले नहीं करते थे सपोर्ट
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार मुमताज के परिवार वाले पहले तो उसे डांटते और मारते थे लेकिन जब उन्होंने मुमताज का जज्बा देखा तो उसे खेलने से नहीं रोका। साल 2014 में 12वीं पास करने के बाद केडी सिंह बाबू स्टेडियम में मुमताज का एडमिशन करा दिया गया और उस दिन से मुमताज खान का हॉकी में करियर बनाने का सफर शुरू हो गया।
देश के लिए खेलना चाहती थी हॉकी
मुमताज खान की मां कैंसर जहां और बहन फरहा खान बताती हैं कि उन्हें मुमताज पर बहुत नाज है। मुमताज खान की बड़ी बहन का कहना है कि जब वह कहती थी कि उसे एक बार तो जरूर देश के लिए खेलना है तो उसकी बातों पर यकीन नहीं होता था लेकिन आज मुमताज पर फक्र है।
मुस्लिम कट्टरपंथियों के मुंह पर तमाचा
बता दें कि मुमताज खान उन सभी मुस्लिम महिलाओं और लड़कियों के लिए मिसाल है जो कुछ करना चाहती है लेकिन समाज और घर के दायरों में बंधी हुई हैं। कई मुस्लिम कट्टरपंथियों का कहना है कि मुस्लिम महिलाओं को घर से बाहर नहीं निकलने देना चाहिए। उन्हें छार दीवारी के अंदर बंद कर बाहरी सुविधाओं से वंचित कर के रखना चाहिए। ऐसे लोगों के मुंह पर मुमताज कहाँ ने करारा तमाचा जड़ा है। जो मुस्लिम कट्टरपंथी महिलाओं को लेकर ये सोच रखते हैं उनके लिए यह किसी सबक से कम नहीं हैं क्योंकि मुमताज खान ने भारतीय महिला हॉकी टीम के जूनियर विश्व कप के सेमीफाइनल में 'द प्लेयर और द मैच' सम्मानित किया गया है।
वहीं एक तरह तो देश में मुस्लिम धर्म को लेकर कई पाबंदियां लगाई जा रही हैं। साथ ही उनके धर्म समुदायों को लेकर अलग अलग टिप्पणियां सामने आ रही हैं। वहीं दूसरी तरह इन बातों और धर्म और जात को पीची छोड़ मुमताज खान जैसी लड़कियां देश का नाम रोशन कर रही हैं।