Lucknow News : मोदीजी ने जगाया माफियाओं का इमान, कहा भाग गये तभी लखनऊ में 40 करोड़ के 18 भूखंडों की हो गई फर्जी रजिस्ट्री
Lucknow News : कुशीनगर में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा की भूमाफिया भाग गये हैं। प्रधानमंत्री के मुंह घुमाते ही राजधानी लखनऊ में जमीनो के फर्जीवाड़े को लेकर बड़ा खुलासा हुआ है...
Lucknow News (जनज्वार) : यूपी के कुशीनगर में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा की भूमाफिया भाग गये हैं। प्रधानमंत्री के मुंह घुमाते ही राजधानी लखनऊ में जमीनो के फर्जीवाड़े को लेकर बड़ा खुलासा हुआ है। यहां लखनऊ विकास प्राधिकरण (LDA) के कर्मचारियों और प्रॉपर्टी डीलरों की सांठगांठ कई जमीनो का सौदा कराने की बात सामने आई है। बताया जा रहा कि, गोमतीनगर में प्राधिकरण के 40 करोड़ के 18 भूखंडों की फर्जी रजिस्ट्री करा दी।
मामले की जानकारी के बाद प्राधिकरण के तमाम अफसरों में खलबली मची हुई है। एलडीए सचिव और अपर सचिव ने पूरे प्रकरण की जांच शुरू कर दी है। आरोपियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई के लिए अफसर मुकदमा दर्ज करने की तैयारी में है। इन सभी रजिस्ट्री के दस्तावेज जुटाए जा रहे हैं।
बता दें कि अभी गोमती नगर के 13 फर्जी भूखंडों की रजिस्ट्री का मामला शांत भी नहीं हो पाया कि 18 और भूखंडों की फर्जी रजिस्ट्री का खुलासा हुआ है। इन मामलों ने प्राधिकरण अफसरों की नींद उड़ा दी हैं। यह पूरा फर्जीवाड़ा पिछले दो वर्षों के भीतर हुआ है। एक तरफ अधिकारी फर्जीवाड़ा रोकने के इंतजाम करने में लगे हैं, तो दूसरी तरफ भूमाफिया तथा प्रॉपर्टी डीलर बेखौफ फर्जीवाड़े में लगे हैं। जिन 18 नए भूखंडों के फर्जीवाड़े की जानकारी हुई है। ये सभी पॉश इलाके गोमती नगर योजना के हैं।
आखिर भूखंड मिल कहां से रहे?
आधिकारिक तौर पर एलडीए के पास कोई भूखंड रिक्त नहीं है। यह बात प्राधिकरण अदालत को भी बता चुका है, इसीलिए वह उन आवंटियों के भूखंडों का भी समायोजन नहीं कर रहा है जिनके प्लॉट विवादों में फंसे हैं। प्राधिकरण खुद प्लाट नहीं होने की बात कहता है लेकिन हर महीने उसके दर्जनों भूखंडों की फर्जी रजिस्ट्री हो रही है। सवाल उठता है जब एलडीए के पास भूखंड नहीं हैं तो आखिर यह भूखंड आ कहां से रहे हैं। जो प्रॉपर्टी डीलर इनकी फर्जी रजिस्ट्री करा रहे हैं। एलडीए के किसी अधिकारी के पास इन सवालों के जवाब नहीं है।
प्रापर्टी डीलर क्यों नहीं पकड़ रहे अफसर
फर्जीवाड़े की जड़ें मूल रूप से प्रॉपर्टी डीलरों से ही जुड़ी हैं। प्राधिकरण इन्हें नहीं पकड़ रहा है। जिसकी वजह से अभी तक एलडीए की संपत्तियों की फर्जी रजिस्ट्री पर अंकुश नहीं लग पाया है। मौका पाते ही प्रॉपर्टी डीलर फर्जी रजिस्ट्री करा लेते हैं। पवन कुमार गंगवार, सचिव, लखनऊ विकास प्राधिकरण कहते हैं कि कुछ भूखंडों के मामले संज्ञान में आए हैं। जांच होने में अभी कुछ दिन लगेंगे। इसके बाद जिम्मेदारों पर कठोर कार्रवाई की जाएगी। इस बार और कड़ी कार्रवाई होगी। प्रॉपर्टी डीलरों पर भी एफआईआर दर्ज होगी।