Madhya Pradesh News : बड़े बांध को निरस्त करे सरकार, सड़क से सदन तक लड़ूंगा विस्थापन की लड़ाई - डॉ. अशोक मर्सकोले
Madhya Pradesh News : निवास विधायक मर्सकोले कहते हैं कि सरकार बड़े बांध को निरस्त कर इसकी जगह लिफ्ट सिंचाई योजना बनाए, इस सबंध में सीएम शिवराज चौहान को पत्र भी लिखा है...
Madhya Pradesh News जनज्वार। चकदेही नारायणगंज मंडला में आयोजित नर्मदा चिंतन समागम कार्यक्रम (Narmada Chintan Samagam Programme) की भूमिका को रखते हुए बरगी बांध विस्थापित एवं प्रभावित संघ के राज कुमार सिन्हा ने कहा कि राजस्थान में बाड़मेर से लेकर गुजरात के सौराष्ट्र और मध्यप्रदेश के 35 शहरों और उद्योगों की प्यास बुझाने का जिम्मा नर्मदा पर है। जबकि नर्मदा किनारे छोटे - बड़े 52 शहरों का मल-मूत्र व गंदगी नर्मदा में गिरता है। दूसरी ओर इस नदी पर बांध बनाकर पर्यावरण, जैव विविधता और लाखों हेक्टेयर उपजाऊ जमीन डूबाकर लोगों का काफी बड़ा नुकसान कर दिया है। नर्मदा किनारे थर्मल पावर प्लांट और चुटका परमाणु परियोजना प्रस्तावित है जो इसके अस्तित्व पर प्रतिकूल असर डालेगी।
चकदेही सरपंच जगदीश धुर्वे ने कहा कि बसनिया बांध (Basnia Dam) के भय से लोगों ने भवन निर्माण कार्य को रोक दिया है। सिवनी टोला सरपंच धरम लाल उददे कहते हैं कि सभी को एक साथ आना होगा तब इस जबरन विस्थापन की लड़ाई को जीत पाएंगे।
5वीं अनुसूची का हो पालन
कापा सरपंच मनीराम धुर्वे ने कहा कि हमारी जमीन डूब जाएगी तो हम दूसरी ऐसी उपजाऊ जमीन नहीं बना पाएंगे। मोहगांव जनपद सदस्य सीताराम मरावी ने कहा कि सरकार को पांचवीं अनुसूची के क्षेत्र में ग्राम सभा के निर्णय का परिपालन करना चाहिए। रमपुरी की सुषमा बाई ने कहा कि हम अपना जमीन और जंगल डूबने नहीं देंगे। जिला पंचायत सदस्य विजय सर्वटे ने कहा कि आपके ऊपर किसी तरह का अन्याय नहीं होने देंगे।
बड़ी कंपनियों को नहीं, समुदायों को मिले संसाधनों का लाभ
निवास विधायक डॉ. अशोक मर्सकोले (Dr Ashok Marskole) कहते हैं कि सरकार बड़े बांध को निरस्त कर इसकी जगह लिफ्ट सिंचाई योजना बनाए। इस सबंध में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान (Shivraj Singh Chouhan) को पत्र भी लिखा है। आदिवासी क्षेत्र के संसाधनों का ऐसा नियोजन हो कि समुदाय को उसका लाभ मिले न कि बड़ी-बड़ी कंपनियों को। उन्होने कहा कि विस्थपितों की लड़ाई सड़क से सदन तक लड़ने के लिए संकल्पित हूं।
नर्मदा बचाना सामूहिक जिम्मेदारी
शहपुरा विधायक भूपेंद्र मरावी (Bhupendra Marawi) कहते हैं कि जीवन दायनी नर्मदा को संरक्षित करना हम सबकी सामूहिक जिम्मदारी है। नर्मदा पर बनने वाले बसनिया और राघवपुर बांध (Raghavpur Dam) से हमारे विधानसभा क्षेत्र की 61 गांव प्रभावित हो रहे हैं। हम इसका विरोध करेंगे और आगामी अक्टूबर के प्रथम सप्ताह में प्रदेश के राज्यपाल (MP Governor) का डिंडोरी आगमन के समय इस विस्थापन को लेकर ज्ञापन दिया जाएगा।
आदिवासी (Adiwasi) पारम्परिक ग्राम सभा के हरी सिंह मारावी ने कहा कि हमें दलालों से बचकर रहना होगा। आपको रूपये का लालच देकर फंसाया जा सकता है।
आदिवासी समाज को मिले नैसर्गिक न्याय
निवास विधानसभा (Niwas Constituency) के पूर्व विधायक राम प्यारे कुलस्ते (Ram Pyare Kulaste) ने कहा कि विकास के साथ आदिवासी समाज को नैसर्गिक न्याय मिलना चाहिए। वर्तमान शिवराज सरकार (Madhya Pradesh Govt) विस्थपितों की बेहतर पुनर्वास व्यवस्था और न्याय करेगी। लेकिन वहां मौजूद महिलाओं ने इसका विरोध करते हुए कहा कि हमें बांध नहीं चाहिए।
कार्यक्रम में शामिल हुए इन गांवों के लोग
बसनिया बांध के प्रभावित गांव चकदेही, कापा, मरवाही, मुंडी, मटीयारी, सिवनीटोला, औढारी, फुलवाही, बेहतर, बसगढि, दुपट्टा,रमपुरी, धनगांव, चुभावल, चिमका टोला, बरझर, बालपुर, डोकरघाट आदि के सैकड़ों महिला पुरूष इस कार्यक्रम में शामिल थे।
इस कार्यक्रम को सफल बनाने में महेश मरावी, संतोष परते, दयाल सिंह धुर्वे, ललित धुर्वे, गौतम यादव, गणपत लाल बर्मन, जगत चिचाम, जियालाल, मुन्ना लाल बरकड़े और बरगी विस्थापित संघ के शारदा यादव की भूमिका उल्लेखनीय रहा। मंच का संचालन नारायणगंज जनपद सदस्य बजारी लाल सर्वटे ने किया।