Madhya Pradesh News: तेंदुए के मुंह से खींच लाई बेटे की जिंदगी, अपनी जान जोखिम में डाल मां ने बचाई बच्चे की जान
Madhya Pradesh News: किरण ने तेंदुए का करीब एक किलोमीटर तक पीछा किया। दूर झाड़ियों में तेंदुआ बच्चे को अपने पंजे में दबोचे बैठा हुआ था। महिला डंडा लेकर तेंदुए से अकेले भीड़ गई...
Madhya Pradesh News: एक बच्चे की जान की परवाह उसकी मां से ज्यादा कोई नहीं कर सकता। बच्चे की जान पर आफत देख एक मां किसी भी हद तक गुजर सकती है। मां की हिम्मत और अपार ममता को बयान करती एक ऐसी ही घटना मध्य प्रदेश के सीधी से सामने आई है, जहां एक मां अपने 6 साल के बेटे की जान के खातिर तेदुंए से जा भिड़ी और मौत के मुंह से अपने बच्चे को सही सलामत लेकर आ गई।
दरअसल, मां के जज्बे को सलाम करने वाली यह घटना मध्य प्रदेश के सीधी जिले (Sidhi District) के कुसमी ब्लॉक के बाड़ीझरिया गांव की है। संजय टाइगर बफर जोन टमसार रेंज अंतर्गत बाड़ीझरिया गांव में एक बैगा आदिवासी परिवार की महिला किरण बैगा ठंड से बचने के लिए शाम सात बजे घर के सामने अलाव जलाकर तीन बच्चों के साथ बैठी हुई थी। इसी दौरान पीछे से अचानक तेंदुआ आ आया और बगल में बैठे 6 वर्षीय बेटे राहुल को मुंह में दबोचकर जंगल की ओर भाग गया।
एक किलोमीटर तक तेंदुए का किया पीछा
जैसे ही तेंदुआ बच्चे को उठाकर भागा तो किरण उसके पीछे-पीछे दौड़ी। जंगल में फैले अंधेरे के बीच वह तेंदुए के पीछे दौड़ती रही। किरण ने तेंदुए का करीब एक किलोमीटर तक पीछा किया। दूर झाड़ियों में तेंदुआ छोटे बच्चे को अपने पंजे में दबोचे बैठा हुआ था। महिला ने डंडा उठाया और तेंदुए से अकेले भीड़ गई। काफी देर तक वह उसे मारती रही। चारों तरफ घूम घूम कर उसे ललकारती रही ताकि वो उसके बच्चे को छोड़े दे। इस दौरान तेंदुआ ने भी महिला पर दो बार वार किया। तभी तेंदुआ के पंजे से बच्चा किसी तरह गिर गया तो महिला ने अपने बच्चे को उठा लिया और शोर मचाने लगी। इसके बाद मौके पर ग्रामीण जमा हो गए। लोगों की भीड़ को देख तेंदुआ जंगल की तरफ भाग निकला।
महिला के साहस की हो रही चर्चा
घटना के बाद ग्रामीणों ने इस मामले की जानकारी संजय टाइगर रिजर्व के अमले को दी। सूचना मिलते ही वन विभाग की टीम मौके पर पहुंची और घायल महिला को तत्काल अस्पताल पहुंचाया। संजय टइगर बफर जोन के सर्किल ऑफिसर असीम भूरिया ने बताया कि तेंदुए के वार से बच्चे की पीठ, गाल और आंख में चोटें आई हैं। महिला को भी चोटें आई है। दोनों को कुसमी अस्पताल में भर्ती करा दिया गया है। परिवार को तत्काल आर्थिक सहायता देने के साथ इलाज का पूरा खर्च भी वन विभाग उठाएगा। इधर, महिला की बहादुरी की कहानी सुन वन विभाग के अधिकारी समेत गांव के सभी लोग सलाम कर रहे हैं। मां के हौसले की दूर दूर तक चर्चा हो रही है।
ग्रामीणों में दहशत का माहौल
वहीं, इस घटना के बाद से बाड़ीझरिया गांव के आदिवासियों में दहशत का माहौल है। साल भर के भीतर यह दूसरी घटना है। यहां के लोग जंगली जानवरों के खौफ से दिन में भी डर के साए में रहते हैं। ग्रामीणों का कहना है कि हम संजय टाइगर रिजर्व के बफर जोन में रहते हैं। यहां आए दिन इस तरह की घटनाएं होती हैं, अक्सर जंगली तेंदुआ, चीता या भालू मिलते रहते हैं और गांव वाले इनका शिकार होते हैं। इस घटना के बाद से डर और अधिक हो गया है।