Madhya Pradesh News : रेलवे कर्मचारी ही फैलाते थे ट्रेन में बम होने की अफवाह, वजह जान कर हो जाएंगे हैरान
Madhya Pradesh News : मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh News) के उज्जैन (Ujjain) में ट्रेन में बम होने की सूचना के मामले में पुलिस की जांच में सामने आया है कि रेलवे कर्मचारी ही ट्रेन में बम होने की अफवाह फैलते थे...
Madhya Pradesh News : मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh News) के उज्जैन (Ujjain) में ट्रेन में बम होने की सूचना के मामले में चौंकाने वाला खुलासा हुआ है। पुलिस की जांच में सामने आया है कि रेलवे कर्मचारी ही ट्रेन में बम (Madhya Pradesh News) होने की अफवाह फैलते थे। फिलहाल पुलिस ने दोनों आरोपियों को हिरासत में ले लिया है। पुलिस पूछताछ में इनके यह अफवाह फैलाने की दिलचस्प सामने आई है। पुलिस के अनुसार इन दोनों ने ट्रेन में बम होने की अफवाह इसलिए फैलाई थी, ताकि ट्रेन लेट हो जाए और दोनों परिवार के साथ अतिरिक्त समय बिता सकें।
गिरफ्तार किए गए आरोपियों के नाम मिलन (पिता संतलाल रजक, निवासी शांताक्रूज मुंबई) और प्रमोद (पिता विनोद माली निवासी वेस्ट शिवाजी नगर) बताए रहे हैं। मिलन रजक की उम्र 44 वर्ष है और उसके साथी प्रमोद की उम्र 24 साल है। जीआरपी इंदौर में उज्जैन में गोरखपुर- बांद्रा ट्रेनसे पहले विनोद माली को गिरफ्तार किया। जिसने बताया कि मिलन रजक ही ट्वीट करता है।
जांच में हुआ हैरान करने वाला खुलासा
पुलिस के अनुसार मुंबई (Mumbai) निवासी मिलन और प्रमोद प्राइवेट कंपनी के ठेके पर रेलवे में सफाई कर्मी का काम करते हैं। एक ट्रेन से दूसरी ट्रेन में सफाई के काम के चलते घर पर समय नहीं दे पाते। दोनों ने पहले 12 मई को ट्विटर के जरिए ट्रेन में बम होने की झूठी सुचना दी। जब लोकल पुलिस और रेलवे पुलिस द्वारा संबंधित ट्रेनों की जांच कराई कई तो सूचना सिर्फ अफवाह निकली थी। इसके बाद से पुलिस उस अकाउंट को ट्रेस कर रही थी, जिससे यह ट्वीट किया गया था।
ठीक 6 दिन बाद यानी 18 मई को एक बार फिर उसी ट्विटर हैंडल से रतलाम डीआरएम को हमसफर एक्सप्रेस में उज्जैन आने से 1 घंटे पहले बम होने की सूचना दी गई लेकिन इस बार उज्जैन स्टेशन पर ट्रेन आने से पहले ही साइबर एक्सपर्ट्स ने अकाउंट ट्रेस कर लिया। साथ ही यह भी पता लगा लिया बम की सूचना देने वाला भी ट्रेन में है। साथ ही आरोपी की फोटो भी उज्जैन पुलिस से शेयर कर दी गई। रात 11:00 बजे जैसे ही गाड़ी उज्जैन स्टेशन पर पहुंची और बम स्कवॉड ने ट्रेन की सर्चिंग की। इस दौरान विस्फोटक तो नहीं मिला लेकिन दोनों आरोपी जरूर पकड़ में आ गए।
आरोपियों ने इसलिए फैलाई थी बम की अफवाह
रेलवे एसपी निवेदिता गुप्ता ने बताया है कि दोनों आरोपियों ने 12 मई को रतलाम में और 18 मई को उज्जैन और बड़ौदा में भी ट्रेन में बम होने की अफवाह फैलाई थी। दोनों सफाई कर्मी है और काम के चलते अपनी फैमिली को टाइम नहीं दे पाते थे। इस वजह से दोनों ने ट्रेन लेट करने का प्लान बनाया।
उनकी मंशा थी कि इस अफवाह के चलते अंतिम स्टेशन पर ट्रेन देर से पहुंचेगी तो उन्हें घर के लिए कुछ समय मिल जाएगा। रेलवे एसपी के अनुसार दोनों ने 18 मई को हमसफर एक्सप्रेस ट्रेन में बम होने की झूठी सूचना सिर्फ इसलिए दी थी, क्योंकि मुंबई पहुंचने के 20 मिनट बाद ही दोनों को पश्चिम एक्सप्रेस में काम पर जुट जाना था। इसके चलते दोनों घर नहीं जा सकते थे। दोनों ने सोचा कि अगर ट्रेन 20 मिनट लेट हो जाएगी तो पश्चिम एक्सप्रेस बांद्रा से निकल जाएगी। शाम तक गाड़ी के आने तक वह परिवार के साथ समय बिता सकते थे। बता दें कि अब दोनों ही आरोपियों पर आईपीसी, साइबर क्राइम और रेल अधिनियम के तहत प्रकरण दर्ज किया गया है।