गोडसे को देशभक्त बताने वाली प्रज्ञा ठाकुर बोलीं, विदेशी महिला के गर्भ से जन्मा व्यक्ति नहीं हो सकता राष्ट्रभक्त

मालेगांव ब्लास्ट की आरोपी भाजपाई सांसद साध्वी प्रज्ञा ठाकुर का विवादों से रहा है चोली दामन का साथ...

Update: 2020-06-29 03:27 GMT
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भोपाल, जनज्वार। मध्यप्रदेश के भोपाल संसदीय क्षेत्र से भाजपा की सांसद प्रज्ञा सिंह ठाकुर ने कांग्रेस नेता राहुल गांधी का नाम लिए बिना उन पर बड़ा हमला बोला है। उन्होंने कहा कि "विदेशी महिला के गर्भ से जन्मा व्यक्ति राष्ट्रभक्त नहीं हो सकता।"

राजधानी में रविवार 28 जून को संवाददाताओं से चर्चा करते हुए भाजपा सांसद प्रज्ञा ठाकुर ने कहा, "कांग्रेस को अपने गिरेवान में झांककर देखना चाहिए। उनकी पार्टी (कांग्रेस) में न तो बोलने की सभ्यता है, न तो संस्कार है और न ही देशभक्ति है। मैं तो एक ही बात कहूंगी, देशभक्ति आएगी कहां से, जब दो-दो देशों की सदस्यता लिए हुए हैं।"

प्रज्ञा ठाकुर ने चाणक्य की कही बात का जिक्र करते हुए कहा, "चाणक्य ने कहा था, इस भूमि का पुत्र ही इस देश की रक्षा कर सकता है। विदेशी महिला के गर्भ से जन्मा कभी कोई राष्ट्रभक्त नहीं हो सकता।"

सांसद प्रज्ञा अपने विवादास्पद बयानों के लिए हमेशा चर्चाओं में रहती आई हैं। लोकसभा चुनाव के दौरान और फिर संसद में उन्होंने महात्मा गांधी के हत्यारे नाथूराम गोडसे को 'देशभक्त' बताया था।

अपनी बयानबाजियों को लेकर हमेशा सुर्खियों में रहने वाली भाजपा सांसद और मालेगांव ब्लास्ट मामले में प्रमुख आरोपी प्रज्ञा ठाकुर कुछ न कुछ कहती रहती हैं, जिससे बवाल मच जाता है। उनका एक और उटपटांग बयान सुर्खियों में रहा था, जिसमें वह कह रही हैं कि भाजपा के वरिष्ठ नेताओं को मारने के लिए विपक्ष ने 'मारक शक्ति' का प्रयोग किया है, जिस कारण सुषमा स्वराज, अरुण जेटली, मनोहर पर्रिकर और बाबूलाल गौर की मौत हुई है। 

भोपाल में एक चुनावी सभा के दौरान उग्र हिंदुत्व का चेहरा साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर कहा था कि, 'गांधी के हत्यारे नाथूराम गोडसे को आतंकवादी कहने वाले लोग अपने गिरेबां में झांक कर देखें। ऐसे लोगों को इस चुनाव में जवाब दे दिया जाएगा। गोडसे देशभक्त थे, हैं और हमेशा रहेंगे...'

वहीं शहीद हेमंत करकरे की शहादत पर कड़वे बोल बोलते हुए साध्वी ने कहा था, 'पूर्व एटीएस चीफ हेमंत करकरे को संन्यासियों का श्राप लगा था। जिस दिन मैं जेल गई थी, उसके 45 दिन के अंदर ही आतंकियों ने उन्हें मौत के घाट उतार दिया। हेमंत करकरे ने मुझे गलत तरीके से फंसाया था, इसलिए मैंने उनसे कहा था कि तुम्हारा पूरा खानदान खत्म हो जाएगा। कहा था तेरा सर्वनाश होगा, तो उसने मुझे गालियां दी थीं। जिस दिन मैं गई उसके घर पर सूतक लगा था और जब उसे आतंकियों ने मारा तो सूतक खत्म हो गया।'

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