कमलनाथ जैसे कांग्रेस नेताओं ने संविधान की गरिमा का ध्यान नहीं रखा- भाजपा

मध्यप्रदेश के भाजपा प्रदेश अध्यक्ष शर्मा ने अपने पत्र में कहा है, 'कांग्रेस और कमलनाथ जैसे नेताओं ने न कभी लोकतांत्रिक मूल्यों का सम्मान किया, न संविधान की गरिमा का ध्यान रखा....

Update: 2020-07-24 16:42 GMT

भोपाल। मध्यप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ द्वारा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को लिखे गए पत्र का भाजपा के प्रदेशाध्यक्ष विष्णु दत्त शर्मा ने जवाब दिया है। शर्मा ने जवाब में लिखे खत में कहा है कि 'कमलनाथ जैसे नेताओं ने कभी भी संविधान की गरिमा का ध्यान नहीं रखा।'

कमलनाथ ने प्रदेश में दल-बदल का लगातार चल रहे सिलसिले के मद्देनजर गुरुवार को प्रधानमंत्री मोदी को पत्र लिखकर प्रजातंत्र की रक्षा के लिए आगे आने का आह्वान किया था। शर्मा ने इसका जवाब देते हुए कमलनाथ को सलाह दी है कि उन्हें पार्टी के योग्य नेताओं को अपनी जिम्मेदारियां बांट देनी चाहिए, क्योंकि उनके पास प्रदेश अध्यक्ष व नेता प्रतिपक्ष, दोनों की जिम्मेदारी है और वे पूर्व मुख्यमंत्री भी हैं।

शर्मा ने अपने पत्र में कहा है, 'कांग्रेस और कमलनाथ जैसे नेताओं ने न कभी लोकतांत्रिक मूल्यों का सम्मान किया, न संविधान की गरिमा का ध्यान रखा। क्षुद्र राजनीतिक लाभ के लिए कांग्रेस संवैधानिक मूल्यों को तिलांजलि देने से नहीं चूकी है, वहीं कांग्रेस शाही परिवार की सत्ता बनाए रखने के लिए लोकतंत्र का गला घोंटती रही है, जिससे स्वाभिमानी और योग्य नेताओं को पार्टी छोड़ने पर मजबूर होना पड़ा है।'

पत्र में आगे कहा गया है कि कांग्रेस का यह अलोकतांत्रिक व्यवहार कोई नई बात नहीं है, बल्कि आजादी के पूर्व से लेकर वर्तमान दौर तक सैकड़ों नेताओं को पार्टी छोड़ने पर विवश किया जाता रहा है। पूर्व मुख्यमंत्री कमल नाथ ने अपने पत्र में तो बाबा साहेब डॉ़ भीमराव अंबेडकर की दुहाई दी है, लेकिन वास्तव में कांग्रेस के शाही परिवार और उनके दरबारियों ने लगातार डॉ़ अंबेडकर का अपमान किया है और यहां तक कि उन्हें चुनाव हराने का षड्यंत्र भी रचा।

शर्मा ने कहा है कि लोकतंत्र की बात करने वाले कमल नाथ स्वयं कांग्रेस की उस मंडली के सदस्य रहे हैं, जिसने देश में आपातकाल की वकालत करके लोकतंत्र की हत्या की थी।

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