Madhya Pradesh News: MP में सेंचुरी प्रबंधन और मंजीत कॉटन ने सांठगांठ कर शासन प्रशासन को लगाया करोड़ों का चूना, मजदूरों से किया धोखा

Madhya Pradesh News: खरगोन जिले के संत्राटी गांव स्थित आगरा मुंबई राजमार्ग पर सैंचुरी यार्न और सेंचुरी डेनिम कारखाने को अवैधानिक तरीके से विक्रीकर सैंचुरी प्रबंधन और खरीददार मंजीत कॉटन तथा मनजीत ग्लोबल ने जहां सरकार को करोड़ों की स्टांप ड्यूटी का चूना लगाया हैं

Update: 2022-02-22 06:40 GMT

Madhya Pradesh News: MP में सेंचुरी प्रबंधन और मंजीत कॉटन ने सांठगांठ कर शासन प्रशासन को लगाया करोड़ों का चूना, मजदूरों से किया धोखा

Madhya Pradesh News: खरगोन जिले के संत्राटी गांव स्थित आगरा मुंबई राजमार्ग पर सैंचुरी यार्न और सेंचुरी डेनिम कारखाने को अवैधानिक तरीके से विक्रीकर सैंचुरी प्रबंधन और खरीददार मंजीत कॉटन तथा मनजीत ग्लोबल ने जहां सरकार को करोड़ों की स्टांप ड्यूटी का चूना लगाया हैं, वही नियम कायदों के विपरीत मिल बेची है, जिससे मजदूरों के साथ भी धोखाधड़ी हुई है, साथ ही दोनों ने मिलकर सरकार को भी अंधेरे में रखा है। 25ओ के तहत राज्य सरकार से अनुमति भी नहीं लेते हुए मिल को अवैधानिक तरीके से 25एफ, 25 एफएफ के तहत बेचा है, जबकि बंद मिल को इस नियम के तहत बैचा ही नहीं जा सकता है।

पिछले 4 साल से श्रमिक जनता संघ के नेतृत्व में सैंचुरी के एक हजार से ज्यादा मजदूर शांतिपूर्ण तरीके से आंदोलन कर रहे हैं और मिल को चला कर मजदूरों को काम देने की मांग कर रहे हैं, लेकिन सैंचुरी ने सेंधवा के उद्योगपति मनजीत कॉटन से अवैधानिक तरीके से मिल की बिक्री करने का सौदा कर लिया और 426 करोड़ की मील केवल 62 करोड़ में बिक्री करना दर्शाया। नियमानुसार मील और उसकी पूरी भूमि औधोगिक डायवर्टेड भूमि है, लेकिन बिक्री में उसे कृषि भूमि बताया गया है।

जिला प्रशासन ने भी बगैर मौका मुआयना किये और संदर्भित जमीन के कागजात देखे रजिस्ट्री कर दी, जबकि बाजार मूल्य और संपत्ति की गाइडलाइन के हिसाब से स्टांप ड्यूटी ली जाना थी, लेकिन जिला प्रशासन ने इस ओर कोई ध्यान नहीं दिया। श्रमिक जनता संघ ने खरगोन कलेक्टर को भी इस संबंध में शिकायत की है तथा हाईकोर्ट और अन्य न्यायालयों में भी आवेदन दे कर इस फर्जी सौदे के खिलाफ न्यायिक कार्यवाही की है, लेकिन पूंजीपतियों के हक में शासन प्रशासन द्वारा निर्णय लेने में देरी की जा रही है।

गौरतलब है कि श्रमिक जनता संघ द्वारा पिछले 46 महीने से बंद मिल को चालू करने और श्रमिकों को रोजगार देने की मांग को लेकर आंदोलन चलाया जा रहा है। सुप्रीम कोर्ट ने भी मजदूरों के पक्ष में फैसला दिया है। बावजूद इसके राज्य शासन भी चुप्पी साधे हुए हैं और नियमों की अवहेलना और उल्लंघन के खिलाफ आंखें मूंदे हुए हैं।

श्रमिक जनता संघ की अध्यक्ष मेधा पाटकर सहित सभी श्रमिक नेताओं ने कहा है कि इस तरह से मजदूरों का हक तो छीना जा ही रहा है, बल्कि राज्य शासन को भी स्टांप चोरी कर करोड़ों रुपए का चूना लगाया जा रहा है । उद्योगपतियों से कुछ अधिकारी मिले हुए हैं, जिसके चलते मजदूरों को न रोजगार मिल रहा है न मध्यप्रदेश में उत्पादन हो रहा है। शांतिपूर्ण आंदोलन को भी दमन के जरिए कुचला जा रहा है।

मिल के अंदर मजदूरों की कॉलोनी में जो मजदूर परिवार रहते हैं, उनको भी तरह-तरह से परेशान किया जा रहा है। श्रमिक जनता संघ शांतिपूर्ण और अहिंसक आंदोलन में भरोसा करता है और उसी के तहत पिछले 4 साल से शांतिपूर्ण विरोध प्रदर्शन के जरिए अपनी आवाज बुलंद किए हुए हैं, लेकिन कानून और नियम कायदों को ताक पर रखकर सेंचुरी और मंजीत कॉटन के प्रबंधक मजदूरों, सरकार शासन और प्रशासन के साथ धोखाधड़ी भी कर रहे हैं और राजस्व की चोरी भी कर रहे हैं ।

इसके विरोध में श्रमिक जनता संघ ने प्रेस विज्ञप्ति जारी कर कहा है कि हम सड़क पर भी और अदालतों में भी इस अवैधानिक सौदे के खिलाफ और मजदूरों के अधिकारों के लिए सतत संघर्ष जारी रखेंगे।

Tags:    

Similar News