मप्र : शिवराज ने जिस सुभाष विश्वकर्मा के घर चाय पीने का किया था वादा, उसने खाया जहर
12 सितंबर को मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने पीएम आवास का वर्चुअल गृह प्रवेश कराया था, उड़दन गांव में सुभाष के घर प्रशासनिक अधिकारियों व जनप्रतिनिधियों का जमावड़ा लगा था, बड़े धूमधाम के साथ सुभाष व उसके परिवार का गृह प्रवेश कराया गया था...
बैतूल। मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने बैतूल जिले में प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत आवास बनवाने वाले जिस सुभाष विश्वकर्मा के घर चाय पीने का वादा किया था, उसने कर्ज के चलते कीटनाशक पी लिया। उसकी हालत गंभीर है और अस्पताल में इलाज जारी है।
बताया गया है कि जिला मुख्यालय से लगभग आठ किलोमीटर दूर फोरलेन के किनारे बसे ग्राम उड़दन में पीएम आवास के हितग्राही 26 वर्षीय सुभाष विश्वकर्मा ने पिछले दिनों ही आवास बनाया है।
दरअसल, सुभाष को पीएम आवास बनाने के लिए महज एक लाख 20 हजार रुपये ही मिले थे, जबकि उसने मकान बनाने में कर्ज लेकर करीब तीन लाख रुपये खर्च कर दोमंजिला मकान बना लिया था। अब कर्ज देने वाले उस पर राशि वापस करने के लिए दबाव बना रहे थे, इसलिए उसने कीटनाशक पी लिया।
पुलिस अधीक्षक सिमाला प्रसाद ने बताया कि ग्राम उड़दन गांव के सुभाष विश्वकर्मा ने जहरीला पदार्थ खा लिया था, जिसका इलाज जिला अस्पताल में चल रहा है। कर्ज की बात भी सामने आई है, जो जांच का विषय है। पीड़ित के मजिस्ट्रेट बयान होना बाकी है।
बताया गया है कि 12 सितंबर को मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने पीएम आवास का वर्चुअल गृह प्रवेश कराया था। उड़दन गांव में सुभाष के घर प्रशासनिक अधिकारियों व जनप्रतिनिधियों का जमावड़ा लगा था। बड़े धूमधाम के साथ सुभाष व उसके परिवार का गृह प्रवेश कराया गया था।
पुलिस अधीक्षक बैतूल सिमाला प्रसाद ने बताया कि सुभाष की पत्नी सुशीला विश्वकर्मा ने बताया कि उसके पति ने कर्ज से परेशान होकर जहर खा लिया है। मकान बनाने के लिए करीब ढाई लाख रुपये रिश्तेदारों व बैंक से कर्जा लिया था, अब वे परेशान कर रहे हैं।
सुशीला ने कहा है कि गृह प्रवेश के दिन तमाम बड़े अधिकारी से लेकर बहुत से लोग उनके घर आए थे। इस दौरान बताया गया था कि यह मकान कर्ज लेकर बनाया गया, जिस पर अधिकारियों ने कहा था कि कर्ज लेकर मकान बनाया है, ऐसा किसी को नहीं कहना यह बोलना की मेहनत मजदूरी कर मकान बनाया है।
वहीं जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी एम.एल. त्यागी का कहना है, "हितग्राही ने कर्ज लिया है, यह उसका व्यक्तिगत मामला है, हमें तो उसका आवास अच्छा लगा था, इसलिए उसका चयन किया गया था। हितग्राही ने कर्ज लेने की बात हमसे साझा नहीं की।"