सिंधिया की जनसभा में हो गई बुजुर्ग किसान की मौत, एक मिनट के मौन के बाद भाषण देने लगे 'महाराज'

मध्यप्रदेश में 28 विधानसभा सीटों के लिए उपचुनाव हो रहा है जिससे मिनी विधानसभा चुनाव का माहौल बना हुआ है। इस चुनाव से सत्ता का संतुलन बन-बिगड़ सकता है। किसान की जनसभा में मौत के बाद कांग्रेस ने हमला बोला है...

Update: 2020-10-18 14:41 GMT

जनज्वार। मध्यप्रदेश के खंडवा में भाजपा नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया की सभा में रविवार को एक बुजुर्ग किसान की मौत हो गई। हालांकि इसके बावजूद खुद को किसानों का हमदर्द बताने वाले ज्योतिरादित्य सिंधिया की सभा चलती रही। जनसभा का कार्यक्रम अपने पूरे शिड्यूल के हिसाब से ही संपन्न हुआ। मालूम हो कि मध्यप्रदेश में इन दिनों 28 विधानसभा सीटों के लिए होने वाले उपचुनाव के लिए भाजपा व कांग्रेस के नेता जोर-शोर से चुनाव प्रचार कर रहे हैं।

इतनी बडी संख्या में उपचुनाव होने की वजह से मिनी चुनाव वाला माहौल मध्यप्रदेश में बना गया है। दोनों राष्ट्रीय दलों भाजपा व कांग्रेस के नेता धुआंधार प्रचार कर रहे हैं। इनमें अधिकतर सीटें सिंधिया समर्थक कांग्रेस विधायकों के इस्तीफे व उनका अपने नेता के साथ भाजपा में शामिल होने की वजह से रिक्त हुई हैं।


सिंधिया की चुनावी जनसभा में जिन बुजुर्ग किसान की मौत हुई है उनका नाम जीवन सिंह बताया जा रहा है। उन्होंने पंडाल में बैठे बैठे हार्ट अटैक के कारण दम तोड़ दिया। इसके बाद उनके शव को उनके बगल के एक किसान ने गमछे से ढंक दिया।

किसान की मौत होने के बाद हंगामा मच गया और मंच पर मौजूद सिंधिया को इसकी जानकारी मिली तो उन्होंने मंच से एक मिनट का सभी के साथ मौन रख कर श्रद्धांजलि दी और फिर अपना चुनावी भाषण जारी रखा। इस दौरान खंडवा के सांसद नंदकुमार सिंह चौहान भी मौजूद थे।

कांग्रेस ने सिंधिया के द्वारा किसान की मौत के बाद भी भाषण जारी रखने पर आलोचना की है। मध्यप्रदेश कांग्रेस ने ट्विटर पर लिखा है: सिंधिया की सभा में किसान की मौत, किसान की मौत के बावजूद बीजेपी नेताओं के भाषण जारी रहे। शवराज चरम पर है।


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