इंदौर में किसान संगठनों ने मनाया कॉरपोरेट विरोधी दिवस, कहा अडानी-अंबानी की दौलत बढ़ाने के लिए लाए गए हैं किसान कानून

वक्ताओं ने कहा कि मोदी सरकार जनविरोधी तथा कारपोरेट समर्थक सरकार है। तीनों कृषि कानून अडानी-अंबानी की दौलत बढ़ाने के लिए लाए गए हैं....

Update: 2020-12-28 13:12 GMT

इंदौर। अखिल भारतीय किसान संघर्ष समन्वय समिति और संयुक्त किसान मोर्चा के आह्वान पर इंदौर के किसान संगठनों ने आज कारपोरेट विरोध दिवस मनाया। इसके तहत छावनी अनाज मंडी में किसान संगठनों के कार्यकर्ताओं ने प्रदर्शन किया और प्रतिरोध सभा का आयोजन किया।

सभा को संबोधित करते हुए विभिन्न वक्ताओं ने कहा कि मोदी सरकार जनविरोधी तथा कारपोरेट समर्थक सरकार है। तीनों क्रृषि कानून अडानी-अंबानी की दौलत बढ़ाने के लिए लाए गए हैं। यदि सरकार किसानों को एमएससी की गारंटी देना चाहती है तो उसे कानून में शामिल क्यों नहीं करती।

दिल्ली में चल रहा किसान आंदोलन देशव्यापी हो गया है और यह तब तक चलेगा जब तक तीनों बिल वापस नहीं होते। सभा को रामस्वरूप मंत्री, एसके दुबे, अरुण चौहान, प्रमोद नामदेव, जयप्रकाश गुगरी, रूद्रपाल यादव सहित कई वक्ताओं ने संबोधित किया।

मंडी में उपस्थित अधिकांश किसानों का मानना था कि मोदी सरकार के रहते किसानों का जीना दूभर हो गया है और मध्यप्रदेश में भी किसान आंदोलन को संगठित किया जाना जरूरी है। प्रतिरोध सभा का आह्वान किसान संघर्ष समिति, किसान खेत मजदूर संगठन, अखिल भारतीय किसान सभा, एटक सहित विभिन्न किसान संगठनों ने किया था।

करीब 2 घंटे चली प्रतिरोध सभा में बड़ी संख्या में कार्यकर्ता और किसान शरीक हुए तथा मंडी में उपस्थित किसानों और व्यापारियों ने गंभीरता से सभा को सुना तथा किसान कानून की बारीकियों को समझा।

प्रदर्शन में मौजूद किसान संगठनों ने तय किया है कि वे इंदौर जिले के गांव-गांव में जाकर जागरूकता अभियान चलाएंगे।

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