MP के देवास में बच्चा पैदा करने के लिए खरीदी गई युवती, पत्नी के पेट पर तकिया बांध शख्स दे रहा था धोखा

Madhya Pradesh News: पीड़ित लड़की ने बताया कि जिस व्यक्ति ने उसे खरीदा था उसकी पत्नी ऑपरेशन के बाद बच्चे को जन्म नहीं दे सकती थी, इसलिए उसने पत्नी और घरवालों की सहमति से उसे बच्चा पैदा करने के लिए खरीदा था...

Update: 2021-11-11 12:46 GMT

बच्चे की चाह में महिला पुजारी के पास पहुंची(प्रतीकात्मक तस्वीर)

Madhya Pradesh News: मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) के काठबड़ौदा गांव में एक प्रभावशाली व्यक्ति संतान की चाहत में नागपुर से एक युवती को खरीदकर ले आया। गांव वालों को पता न लगे इसलिए युवती को 16 महीने तक घर में छिपाकर रखा, और उसका शारीरिक शोषण किया। व्यक्ति ने डिलीवरी के लिए देवास के एक प्राइवेट अस्पताल में अपनी पत्नी के नाम से भर्ती कराया, जहां ऑपरेशन (Operation) से बच्चे का जन्म हुआ। लेकिन बच्चे के पैदा होते ही उक्त व्यक्ति ने मां से बच्चा छीनकर भगा दिया।

मामला चार दिन पहले उस वक्त सामने आया जब 19 वर्षीय एक युवती शनिवार 6 नवंबर पुलिस को देवास गेट पर लावारिस हालत में मिली थी। पीड़ित महिला को थाना प्रभारी राममूर्ति शाक्य ने वन स्टॉप सेंटर भिजवा दिया था। पुलिस ने बताया कि ऑपरेशन से डिलीवरी होने के कुछ घंटे बाद युवती को भगा दिया गया था। इस वजह से उसकी हालत बिगड़ गई और बाद में पेट का इंफेक्शन हो गया।

अब महिला का वन स्टॉप सेंटर प्रभारी आभा शर्मा के माध्यम से इलाज कराया जा रहा है। पुलिस सहित महिला बाल विकास विभाग की टीम आरोपियों की जानकारी जुटा रही है। बुधवार 10 नवंबर को पुलिस व बाल विकास की टीम गांव पहुंची। अधिकारियों ने कहा कि यह खरीद-फरोख्त और शारीरिक शोषण का गंभीर मामला है। पुलिस ने यह भी बताया कि इसमें कई आरोपी बन सकते हैं।

डेढ़ साल तक घर में छिपाकर रखी गई युवती

वन स्टॉप सेंटर पहुंची युवती ने पुलिस को बताया की, 'वह नागपुर की रहने वाली है। उसके माता-पिता कुछ साल पहले गुजर चुके हैं। परिवार में मात्र 13 साल का एक भाई बचा है। उसने बताया कि नागपुर निवासी चंदा नामक महिला ने उसे शादी का भरोसा दिया और एक आदमी को बेचकर चली गई। जिसने उसे करीब डेढ़ साल घर में छिपाकर रखा। इस दौरान घर में उसे जो जानकारी मिली उसके मुताबिक, उस आदमी की पत्नी को दो बच्चे हुए थे इसके बाद उसने पत्नी की नसबंदी करवा दी थी। इस बीच बच्चे मर गए।

जिस व्यक्ति ने उसे खरीदा था उसकी पत्नी ऑपरेशन के बाद बच्चे को जन्म नहीं दे सकती थी, इसलिए उसने पत्नी और घरवालों की सहमति से मुझे बच्चा पैदा करने के लिए खरीदा था। युवती ने इस दौरान चौंकाने वाली बात बताते हुए कहा कि 'उक्त व्यक्ति की पत्नी उसकी चोटी पकड़कर मारती थी और पति के साथ रहने को कहती थी। जब मैं गर्भवती हुई तो वह व्यक्ति अपनी पत्नी के पेट पर तकिया बांधकर रखता था, ताकि लोगों को लगे कि उसकी पत्नी ही गर्भवती है।'

डिलिवरी के समय की ये चालाकी

पीड़िता ने बताया कि उसे वह व्यक्ति अस्पताल भी कार की सीट पर लिटाकर इस तरह ले जाता था कि कोई देख न पाए। इस तरह किसी को उसके बारे में पता नहीं चलने दिया। देवास के निजी अस्पताल में डिलीवरी के समय मेरी जगह पत्नी का नाम लिखाया ताकि बच्चे के जन्म प्रमाण पत्र में उसकी पत्नी का नाम रहे। दशहरे पर बच्चे को जन्म देते ही कुछ लोग कार से उज्जैन छोड़कर धमकी देकर चले गए कि अब दिखाई मत देना, यह बात किसी को बताई तो जान से मार देंगे।'

नोटरी से कराई थी खरीददारी

खरीद-फरोख्त करने वाला व्यक्ति बेहद प्रभावशाली बताया जा रहा जिसने बाकायदा नोटरी से खरीददारी की थी। सबसे पहले पीड़िता को पानबिहार के पास उज्जैनिया गांव में बहन के यहां रखा था। यहीं पर हुई सौदेबाजी के बाद उसे अगले दिन अपने साथ कार में कायथा लेकर गया था। गांव में सबसे बड़ा घर प्रभावशाली व्यक्ति का है, जिसके अंदर किसी को आने-जाने नहीं दिया जाता। बुधवार को टीम गांव पहुंची तो गांव के लोग भी उसके खिलाफ कुछ बताने को तैयार नहीं थे। इतना ही बोले कि वह बहुत दबंग है।

गंभीर है घटना

इस मामले में महिला बाल विकास विभाग के सहायक संचालक साबिर अहमद सिद्दिकी ने कहा कि हमारी प्राथमिकता युवती का इलाज और पुलिस सहायता दिलाना है। पुलिस को पत्र लिख रहे हैं, ताकि ठोस कार्रवाई हो सके। उधर, एडिशनल SP डॉ. रवींद्र वर्मा ने कहा कि युवती के साथ जो घटना सामने आई वह बेहद गंभीर है। CSP इस मामले की जांच कर रहे हैं, जिसने गलत किया है, उनका पता लगाकर सख्त कार्रवाई की जाएगी।


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