मध्यप्रदेश : प्रोटेम स्पीकर रामेश्वर शर्मा ने लव जिहाद का कनेक्शन पाकिस्तान व ISI से जोड़ा

मध्यप्रदेश विधानसभा के प्रोटेम स्पीकर ने लव जिहाद का कनेक्शन पाकिस्तान व वहां की खुफिया एजेंसी आइएसआइ से जोड़ा है...

Update: 2020-11-27 02:46 GMT

मध्यप्रदेश विधानसभा के प्रोटेम स्पीकर रामेश्वर शर्मा।

जनज्वार। उत्तर प्रदेश में लव जिहाद कानून लागू होने के बाद अब मध्य प्रदेश की भाजपा सरकार लव जिहाद पर कानून लाने ला रही है। शिवराज सिंह सरकार ने लव जिहाद रोकने के तहत धर्म स्वातंत्र्य विधेयक 2020 का ड्राफ्ट तैयार कर लिया है। इस प्रस्तावित कानून के तहत मध्यप्रदेश में भी धर्म छिपाकर किसी को धोखा देकर शादी करने पर 10 साल की सज़ा होगी। साथ ही धर्म गुरु अथवा मौलवी को भी सजा होगी। वहीं, इस मामले को लेकर मध्यप्रदेश विधानसभा के प्रोटेम स्पीकर रामेश्वर शर्मा लगातार सक्रिय हैं। उन्होंने लव जिहाद का कनेक्शन पाकिस्तान व आइएसआइ तक से जोड़ा है।

मध्य प्रदेश की सरकार भले ही इस कानून को किसी धर्म विशेष के खिलाफ मानने से इनकार कर रही हो, लेकिन राज्य के प्रोटेम स्पीकर इस मामले को पाकिस्तान और आईएसआई तक से जोड़ रहे हैं।

प्रोटेम स्पीकर रामेश्वर शर्मा ने कहा कि धर्म बदलकर हिन्दू बहन बेटियों को प्रलोभन देकर उनका फोटो लेना बाद में ब्लैक मेलिंग करना इसमें शामिल है, ये लव अकेला नहीं है, जिहाद है और कहीं ना कहीं पाकिस्तान और आईएसआई भी इसमें शामिल है।

कोरोना संक्रमण की वजह से पिछले पांच महीने से प्रोटेम स्पीकर रामेश्वर शर्मा के जिम्मे ही सदन का संचालन है। राज्य में सत्ता परिवर्तन के बाद अबतक स्थायी विधानसभा अध्यक्ष का चयन नहीं हो सका है।

उत्तरप्रदेश से अधिक सख्त होगा मध्यप्रदेश का लव जिहाद कानून 

शिवराज सरकार का कहना मध्यप्रदेश का लव जिहाद कानून उत्तरप्रदेश के इससे संबंधित कानून से भी सख्त होगा। है। इस कानून में मदद करने वाली संस्था का पंजीयन रद्द होगा। साथ ही बगैर आवेदन धर्मांतरण कराने वाले धर्मगुरु को भी 5 साल की सज़ा होगी। सूत्रों की माने तो दिसबंर के दूसरे हफ्ते में इस कानून को कैबिनेट में पेश कर मंजूरी ली जाएगी और दिसंबर के आखिरी हफ्ते में होने वाले शीतकालीन सत्र में इसे विधानसभा में पेश किया जाएगा।

एमपी के गृहमंत्री डॉ नरोत्तम मिश्रा ने गुरुवार 26 नवंबर को पुलिस और कानून विभाग के आला अधिकारियों के साथ बैठक की। इसमें धर्म स्वातंत्र्य अधिनियम 1968 के सहित उत्तराखंड और यूपी के कानूनों पर चर्चा हुई। बैठक में तय हुआ कि कानून में सज़ा 5 से बढ़ाकर 10 साल की जाएगी। गृहमंत्री ने कहा कि ऐसे विवाह कराने वाले धर्मगुरु, काजी या मौलवी को भी 5 साल सजा हो सकती है। उनका पंजीयन निरस्त हो जाएगा।


साथ ही उन्होंने कहा कि धर्मांतरण कराने से पहले एक माह पूर्व सूचना देनी होगी। धर्मांतरण और जबरन विवाह की शिकायत स्वयं पीड़ित, माता-पिता, परिजन या संरक्षक अभिभावक द्वारा की जा सकती है। यह अपराध संज्ञेय और गैरजमानती होगा। साथ ही ऐसे विवाह कराने वाली संस्थाओं पर भी कार्रवाई की जाएगी।


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