MP News : ब्यूरोक्रेट पर भड़के जबलपुर हाईकोर्ट के जज, कहा - ' संजय मिश्रा कलेक्टर के काबिल नहीं '

MP News : पन्ना के डीएम संजय मिश्रा ने नैसर्गिक सिद्धांतों को उल्लंघन करते हुए गुन्नौर जिला पंचायत चुनाव में उपाध्यक्ष पद के भाजपा प्रत्याशी को विजेता घोषित कर दिया।

Update: 2022-08-04 10:13 GMT

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MP News : हाल ही दहेज हत्या के दोषी को बहुत कम सजा देने की वजह से मध्य प्रदेश में एडीजे रहीं लीना दीक्षित को सुप्रीम कोर्ट ने पद से हटाने का फैसला सुनाया था, लेनिक उक्त घटना से न तो न्यायाधीश न ही डीएम जैसे जिम्मेदार पदों पर बैठे अधिकारी सबक लेने को तैयार हैं। एमपी ( Madhya Pradesh ) के पन्ना ( Panna ) जिले से गलत फैसला लेने एक और मामला सामने आया है। इस मामले में पन्ना के डीएम संजय मिश्रा ( District magistrate ) ने नैसर्गिक सिद्धांतों को उल्लंघन करते हुए गुन्नौर जिला पंचायत चुनाव ( Gunnaur Jila panchayat chunav ) में उपाध्यक्ष पद के भाजपा प्रत्याशी को विजेता घोषित कर दिया।

इस मामले में जबलपुर हाईकोर्ट बेंच ( jabalpur High court ) ने तीखी टिप्पणी की है। जबलपुर हाईकोर्ट के न्यायमूर्ति विवेक अग्रवाल ने कहा कि पन्ना के डीएम को नैसर्गिक न्याय के सिद्धांतों की कोई परवाह नहीं है। वह कलेक्टर बनने के लायक नहीं है। उन्हें पद से हटा दिया जाना चाहिए। कलेक्टर के रवैए को हाईकोर्ट ने गैर जिम्मेदाराना और लापरवाही वाला बताया है। पन्ना के डीएम पर राजनीतिक एजेंट की तरह काम करने का आरोप लगा है।

दरअसल मध्य प्रदेश ( Madhya Pradesh ) के पन्ना की गुन्नौर जिला पंचायत चुनाव में उपाध्यक्ष पद पर कांग्रेस प्रत्याशी परमानंद शर्मा को 13 वोट और भाजपा उम्मीदवार रामशिरोमणि मिश्रा को 12 वोट मिले थे। इस पर कांग्रेस नेता परमानंद शर्मा एक वोट से निर्वाचित घोषित कर दिए गए और उनको उपाध्यक्ष की जीत का सर्टिफिकेट भी दे दिया गया। बाद में भाजपा नेता रामशिरोमणि मिश्रा ने एक वोट के बैलेट पेपर पर स्याही बीच में लगी होने के चलते कलेक्टर के पास अपील की। इस पर कलेक्टर संजय कुमार मिश्रा ने वोट निरस्त कर दोनों को 12-12 वोट घोषित कर अगले दिन पर्ची उठवाकर जीत हार तय करने का फैसला किया। इस प्रक्रिया में राम शिरोमणि मिश्रा को सफलता मिली तो उन्हें उपाध्यक्ष घोषित कर दिया गया।

डीएम के इस फैसले को चुनौती देते हुए कांग्रेस नेता परमानंद शर्मा ने हाईकोर्ट में याचिका दायर कर न्याय की गुहार लगाई। परमानंद शर्मा ने आरोप लगाया कि जिला कलेक्टर संजय मिश्रा ने उन्हें सुनवाई का मौका दिए बिना चुनाव परिणाम को रद्द करते हुए एक पक्षीय आदेश पारित किया। याची का आरोप है कि डीएम को फैसला लेने से पहले उन्हें हमारी बात भी सुननी चाहिए थी। इसके बदलने उन्होंने पद का दुरुपयोग करते हुए अपनी मनमर्जी चलाई।

कांग्रेस प्रत्याशी परमानंद शर्मा की याचिका पर सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट के जज न्यायमूर्ति विवेक अग्रवाल ने कलेक्टर की कार्यप्रणाली पर उंगली उठाई और कड़ी टिप्पणी की। उन्होंने कहा कि डीएम संजय मिश्रा एक राजनीतिक एजेंट के रूप में काम कर रहे हैं। वह कलेक्टर बनने के लायक नहीं हैं। उन्हें कलेक्टर के रूप में पद से हटा दिया जाना चाहिए। न्यायमूर्ति विवेक अग्रवाल ने यह भी कहा कि अधिकारी को नैसर्गिक न्याय के सिद्धांतों की कोई परवाह नहीं है।

MP News : बता दें कि कुछ दिनों पहले ही मध्य प्रदेश में एडीजे रहीं लीना दीक्षित से उनका पद न्यायिक सिद्धांतों का पालन न करने की वजह से छिन गया था। एमपी हाईकोर्ट के फैसले पर सुप्रीम कोर्ट ने भी मुहर लगाते हुए एडीजे लीना दीक्षित को पद के अयोग्य करार दिया था। दरअसल, एडीजे के तौर पर लीना ने एक व्यक्ति को दहेज हत्या का दोषी ठहराते हुए केवल पांच साल की सजा सुनाई थी।

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