MP News : संविधान की शपथ लेने वाले एमपी के राज्यपाल मंगू भाई का कारनामा, सरकारी कार्यक्रम में सभी से लगवाए ' जय श्री राम के नारे '
MP News : महामहिम यह भूल गए कि किसी भी शासकीय कार्यक्रम में किसी राज्यपाल को धर्म विशेष का नारा लगाना शोभा नहीं देता।
MP News : देश की राजनीति में ऐसा दौर चल रहा है जब संविधान की मर्यादा संरक्षित रखने शपथ लेने वाले खुलेआम उसी की धज्जियां उड़ाते नजर आते हैं। एक ऐसा ही मामला मध्य प्रदेश से सामने आया है। एमपी के गवर्नर मंगू भाई पटेल ( Governor mangu Bhai Patel ) ने एक दिन पहले एक सरकारी कार्यक्रम में पद की गरिमा के खिलाफ आचरण का परिचय देकर सबको चौंका दिया। गुरुवार की सुबह आगर मालवा जिले के दौरे के दौरान लहसुन लिया गांव में एक शासकीय कार्यक्रम में राज्यपाल मंगू भाई पटेल ने जब अपना भाषण शुरू किया तो मंच से उपस्थित जन समुदाय को जय श्री राम ( Jai Shri Ram ) का नारा लगवाया। महामहिम ने यह नारा एक नहीं दो नहीं तीन तीन बार मंच से दोहराया। सबसे अंत में ये भी पूछा कि किसने नहीं लगाए जय श्री राम के नारे।
ये मध्यप्रदेश के महामहिम राज्यपाल मंगू भाई हैं, गुरुवार को लहसुन लिया गांव में एक शासकीय कार्यक्रम में उद्बोधन से पहले जय श्रीराम का नारा लगवा रहे हैं. pic.twitter.com/4MXXaALOWx
— Anurag Dwary (@Anurag_Dwary) August 19, 2022
राज्यपाल मंगूभाई पटेल ( Governor mangu Bhai Patel ) ने जन समुदाय को जय श्री राम ( Jai Shri Ram ) का नारा धीमी आवाज में बोलने पर हिदायत भी दी कि कौन नहीं बोला यहां पर सब दिखाई देता है मुझे। भुलावे में मत रहना।
इस घटना को लेकर कार्यक्रम में शामिल लोगों का कहना है कि महामहिम यह भूल गए कि किसी भी शासकीय कार्यक्रम में किसी राज्यपाल को धर्म विशेष का नारा लगाना शोभा नहीं देता। या ये भी हो सकता है कि राज्यपाल मंगू भाई पटेल ( Governor mangu Bhai Patel ) भारत की सर्व धर्म समभाव की नीति का पालन करना शायद मुनासिब नहीं समझा हो। अब इस घटना को लेकर सवाल उठ रहे हैं। सवाल है भी वाजिब। संवैधानिक पद पर बैठे व्यक्ति के लिए नैतिक दृष्टि से ऐसा आचरण सही नहीं है।
बता दें कि भारत एक धर्मनिरपेक्ष राज्य है। नियमों के मुताबिक राज्य का अपना कोई धर्म नहीं है। चूंकि राज्यपाल एक संवैधानिक पद है, इसलिए उन्हें शासकीय कार्यक्रमों में न तो खुद जय श्री राम ( Jai Shri Ram ) बोलना चाहिए न हीं लोगों को किसी धर्म विशेष का नारा लगवाना चाहिए।