MP के स्पेशल DG पुरुषोत्तम शर्मा का पत्नी को पीटने वाला वीडियो सोशल मीडिया पर हुआ वायरल, हनीट्रैप में आ चुका है नाम

मध्य प्रदेश के स्पेशल डीजी पुरुषोत्तम शर्मा का जो वीडियो सामने आ रहा है उस​के बारे में मीडिया में खबर है कि उन्होंने पत्नी को तब पीटा था, जब​ उनका कथित अफेयर सामने आया था....

Update: 2020-09-28 03:08 GMT

photo : twitter

जनज्वार। मध्य प्रदेश के स्पेशल डीजी पुरुषोत्तम शर्मा का विवादों से पुराना नाता रहा है। कभी हनीट्रैप में नाम आने के बाद फिलहाल वो फिर से चर्चा में हैं। चर्चा का कारण है उनका एक वीडियो, जिसमें वो अपनी पत्नी को पीटते हुए नजर आ रहे हैं। अब इस मामले की शिकायत पुरुषोत्तम शर्मा के बेटे ने डीजीपी से की है।

मध्य प्रदेश के स्पेशल डीजी पुरुषोत्तम शर्मा का जो वीडियो सामने आ रहा है उस​के बारे में मीडिया में खबर है कि उन्होंने पत्नी को तब पीटा था, जब​ उनका कथित अफेयर सामने आया था। कहा यह भी जा रहा है कि डीजी की बीवी ने दूसरी महिला के साथ उन्हें रंगे हाथों आपत्तिजनक स्थिति में पकड़ा था। इसी मामले में पुरुषोत्तम शर्मा के बेटे ने डीजीपी से शिकायत की है और वायरल हो रहा वीडियो भी भेजा है।

सोशल मीडिया पर जो वीडियो वायरल हो रहा है उसमें दिख रहा है कि पहले डीजी और उनकी पत्नी में बहस होती है और फिर मामला मारपीट तक पहुंच जाता है। वायरल वीडियो में बंगले पर मौजूद उनका स्टाफ बीचबचाव करता दिख रहा है। हालांकि वीडियो सही है या गलत इसकी प्रामाणिकता अभी सिद्ध नहीं हो पायी है और न ही जनज्वार इसकी सत्यता की पुष्टि करता है।

गौरतलब है कि एसटीएफ और साइबर सेल के डीजी रह चुके पुरुषोत्तम शर्मा तब भी चर्चा में आये थे, जब हनी ट्रैप केस में उनका नाम जुड़ा था। तब भी उनकी खूब छीछालेदर हुई थी तो पुरुषोत्तम शर्मा ने सभी आरोपों को सिरे से खारिज करते हुए तत्कालीन डीजीपी वीके सिंह पर कई गंभीर आरोप लगाए थे। पुरुषोत्तम शर्मा ने वीके सिंह के सुपरविजन में बनी एसआईटी और गाजियाबाद का फ्लैट खाली कराए जाने पर भी सवाल खड़े किये थे।

तब मीडिया को दिये बयान में पुरुषोत्तम शर्मा ने कहा था, 'हनी ट्रैप मामले के लिए बनाई गई एसआईटी के सुपरविजन से डीजीपी वीके सिंह को हटा देना चाहिए। पहले एसआईटी का मुखियाआईजी सीआईडी को बनाया गया था। इसके बाद एडीजी स्तर के अधिकारी को कमान सौंपी गई, फिर इसके भी सदस्य बदल दिए गए और ऐसा करने से डीजीपी की भूमिका विवाद में आ जाती है। एसआईटी की जिम्मेदारी किसी डीजी स्तर के अधिकारी को दी जाए।'

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