Rewa Panchayat Election : सेंदहा-भमरिया के ग्रामीणों ने रखी अनोखी शर्त, वोट डालने के लिए हवाई जहाज मुहैया कराये सरकार

Rewa Panchayat Election : रीवा जिले के सेंदहा और भमरिया गांव के मतदाताओं ने पंचायत चुनाव से पहले एक अनोखी मांग प्रत्याशी और सरकार के सामने रख दी है। ऐसा लोगों ने गांव में पक्की सड़क की सुविधा न होने की वजह से की है।

Update: 2022-06-18 03:16 GMT

Rewa Panchayat Election : मध्य प्रदेश ( Madhya Pradesh ) के रीवा ( Rewa ) जिले में पंचायत चुनाव ( Rewa Panchayat Chunav ) में मतदान को लेकर एक अनोखा मामला सामने आया है। रीवा के सेंदहा और भमरिया गांव के लोगों ने जिला प्रशासन के समने मतदान ( Voting ) करने के लिए बड़ी शर्त रख दी है। खास बात ये है कि वर्षों से सड़क जैसी मूलभूत सुविधाओं से वंचित और कई मामलों में उपेक्षा के शिकार ग्रामीणों ने कहा है कि वो वोट तभी करेंगे जब सरकार मतदान केंद्र तक पहुंचने के लिए हवाई जहाज ( Aeroplane )  या हेलीकॉप्टर ( Helicopter ) की व्यवस्था करे।

सेंदहा और भमरिया ( Sendha and Bhamaria ) गांव के लोग ऐसा किसी सौदेबाजी के तहत नहीं बल्कि मजबूरी की वजह से कर रहे हैं। इन दिनों बरसात का मौसम है। मतदान केंद्र ( Polling Booth )  दूर बनाए गए हैं। वहां जाने के लिए सड़कें नहीं हैं। कच्ची सड़क बारिश की वजह से जाने लायक नहीं है। ऐसे में ग्रामीणों का कहना है कि वह दूर बने मतदान केंद्र तक नहीं जा सकते। हां, सरकार हवाई जहाज या हेलीकॉप्टर की व्यवस्था कर दे तो वो लोग वोटिंग कर सकते हैं। चुनाव जीतते ही पंचायत प्रधान, ​पार्षद, विधायक अपना वादा भूल जाते हैं। इसलिए उन्होंने इस बार यह शर्त रख दी है। ग्रामीणों ने सरकार से यह अनोखी मांग इसलिए की है क्योंकि गांव से पोलिंग बूथ तक पहुंच मार्ग की हालत बेहद खराब है। बारिश के दिनों में चुनाव के दौरान ग्रमीणों के लिए पोलिंग बूथ तक पहुंचना और भी मुश्किल होगा। सेंदहा से नेवरिया गांव के पोलिंग बूथ पहुंच कर वोट डालने के लिए हेलीकॉप्टर या हवाई जहाज की आवश्यकता पड़ेगी।

1 प्रत्याशी के दबाव में बूथ बदलने से नाराज हैं ग्रामीण

दरअसल, मामला केवल सड़क का ही नहीं है। राजनीतिक रसूख के चलते कुछ सरपंच प्रत्याशियों ने सेंदहा और भमरिया गांव के पोलिंग बूथ क्रमांक 97 को बदलकर नेवरिया में करवा दिया था। ऐसा एक प्रत्याशी के कहने पर किया गया। सेंदहा गांव में उक्त प्रत्याशी के समर्थक कम हैं। सेंदहा और भमरिया गांव के लोगों ने इसकी शिकायत वरिष्ठ अधिकारियों से की तो मनगवां के एसडीएम एके सिंह को जांच कर तीन दिन के अंदर रिपोर्ट देने को कहा गया है। एसडीएम जांच के लिए सेंदहा और भमरिया गांवों में गए ही नहीं। वे केवल नेवरिया गए और वहां के लोगों से ही पंचनामा पर हस्ताक्षर करवाकर रिपोर्ट दे दी कि पोलिंग बूथ नहीं बदला जाए। इससे दोनों गांवों के लोग नाराज हैं। ग्रामीणों का कहना है कि पोलिंग बूथ सेंदहा में बहाल किया जाए।

बरसात में गांव से निकलना दूभर

बता दें कि एमपी के रीवा जिले में कुछ ऐसी ग्राम पंचायतें हैं जो आजादी के 75 वर्ष बीत जाने के बाद भी मूलभूत सुविधाओं से वंचित हैं। चुनाव नजदीक आते ही क्षेत्र के नेता वोट मांगने जनता के बीच जाते हैं और तमाम वादे करते हैं। चुनाव सम्पन्न होते ही वे जनता से किया हुआ वादा भूल जाते हैं। सेंदहा ग्राम पंचायत के कई गांवों में आज भी आने-जाने के लिए पक्की सड़क नहीं है। हालात ऐसे हैं कि ग्रामीणों के लिए बरसात के दिनों में तीन से चार महीने तक गांव से बाहर निकला दूभर होता है। इसलिए, ग्रामीणों ने चुनाव से पहले ही अपनी शर्त सरकार के सामने रख दी है।

सेंदहा और भमरिया में हैं 409 मतदाता

रीवा जिले के सेंदहा और भमरिया में कुल 409 वोटर्स हैं जिनमें 85 प्रतिशत से ज्यादा हरिजन और आदिवासी हैं। वहीं नेवरिया में कुल 373 वोटर हैं जिनमें अधिकतर सामान्य वर्ग के हैं।

अपर कलेक्टर ने समस्या समाधान का दिया भरोसा

Rewa Panchayat Election : रीवा के अपर कलेक्टर शैलेंद्र सिंह का कहना है कि उन्हें मीडिया के जरिए गांव वालों की मांग के बारे में पता चला है। इसकी जांच कराई जाएगी। ग्रामीणों के साथ चर्चा कर उनकी समस्या का समाधान करने की कोशिश होगी।


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