शिवराज का कोरोना इलाज प्राइवेट अस्पताल में, लोग पूछ रहे सरकारी का क्या हुआ मामा?

राजनेता अगर आम लोगों में विश्वास बहाली के लिए सरकारी अस्पतालों में इलाज कराएं तो इससे पाॅजिटिव मैसेज जाएगा, लेकिन जब वे लग्जरी निजी अस्पताल में इलाज के लिए भर्ती होते हैं और यह भी बताते हैं कि वे भला-चंगा हैं तो सवाल उठना लाजिमी है...

Update: 2020-07-27 11:48 GMT

file photo

जनज्वार। करीब डेढ दशक के लंबे शासन में मध्यप्रदेश का कायापलट का दावा करने वाले शिवराज सिंह चौहान ने रविवार को जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का मासिक रेडियो कार्यक्रम मन की बात को टीवी पर देखते हुए अपना फोटो ट्वीट किया तभी से वे चर्चा में आ गए। शिवराज ने प्रधानमंत्री मोदी के संबोधन के महत्वपूर्ण बातों को ट्वीट किया और अपने पाॅलिटिकल बाॅस पीएम मोदी को टैग करते हुए उन्हें आश्वस्त किया कि वे उनके सपनों का मध्यप्रदेश बना रहे हैं।

शिवराज सिंह कोरोना वायरस से संक्रमित होने के बाद भोपाल के सबसे प्रतिष्ठित प्राइवेट अस्पताल चिरायु में भर्ती हैं। चिरायु अस्पताल का संचालन चिरायु टेरिटेबल फाउंडेशन करता है। शिवराज सिंह चौहान ने राज्य में जिस तरह राज्य में काम करने का दावा करते हैं ऐसे में वे भोपाल के सरकारी अस्पताल में भर्ती होकर इलाज करवा सकते थे, इससे जनता में सरकारी स्वास्थ्य सेवा के लिए एक पाॅजिटिव मैसेज भी जाता, लेकिन उन्होंने ऐसा नहीं किया। जिस तरह दिल्ली में बड़े राजनेता बीमार होते हैं तो वे सरकारी अस्पताल एम्स में भर्ती होते हैं।


 शिवराज सिंह चौहान के लिए अस्पताल में टेलीविजन सेट से लेकर सारी आधुनिक सुविधाएं उपलब्ध हैं। उन्होंने अस्पताल से प्रदेश के लिए संदेश जारी किया कि लोग कोरोना से डरें नहीं इससे ठीक हुआ जा सकता है, लेकिन उन्होंने यह अपील की कि कोशिश यह करें कि कोरोना हो ही नहीं। इसके लिए उन्होंने छह फीट की दूरी व मास्क पहनने की बात कही। हालांकि शिवराज जब खुद बोल रहे थे तो उनके चेहरे पर मास्क नहीं था।

ऐसे में शिवराज अब सोशल मीडिया पर ट्रोल किए जा रहे हैं। लोग कह रहे हैं कम से कम मास्क तो पहन लेते। लोग यह भी पूछ रहे हैं कि उनके सरकारी अस्पताल में उन्होंने इलाज क्यों नहीं कराया। शवराज सिंह ने मध्यप्रदेश में मामा के रूप में अपनी लोकप्रिय छवि गढी है।

शिवराज सिंह को कुछ लोगों ने कोरोना से निबटने के लिए भी सलाह दी है। राहुल तिवारी नाम के एक यूजर ने ट्विटर पर लिखा है कि वे मामाजी से आग्रह करते हैं कि सुबह में वे गौमूत्र लें, लंच में कोरोनिल पापड़ लें, शाम में 100 ताली बजा कर गो कोरोना गो बोलें और रात में डीनर में भाभीजी पापड़ खाएं। यह उन्हें सात दिन में बीमारी से ठीक होने में मदद करेगा।

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