कुर्की से आहत किसान ने की खुदकुशी, सुसाइड नोट में लिखा-सरकार उसके अंगों को बेच बकाया बिजली बिल चुका दे

किसान मुनेंद्र ने फांसी लगा खुदकुशी कर ली, उसके आटा चक्की पर बिजली बिल का 88 हजार रुपये बकाया था, इसे लेकर बिजली कंपनी ने कुर्की की कार्रवाई की थी..

Update: 2020-12-31 17:34 GMT

(photo: social media)

जनज्वार। केंद्र सरकार के नए कृषि कानूनों के खिलाफ विभिन्न राज्यों के दिल्ली से लगे बार्डर पर किसान 36 दिन से आंदोलन कर रहे हैं।इस बीच मध्यप्रदेश के छतरपुर के मातगुवां कस्बे में बिजली कंपनी के बकाया वसूली अभियान के तहत आटा चक्की की जब्ती से आहत एक किसान ने गले में फंदा लगाकर खुदकुशी कर ली। अपने तीन पेज के सुसाइड नोट में उसने लिखा है कि सरकार उसके अंगों को बेचकर बिजली कंपनी का बकाया चुका दे।

मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार छतरपुर निवासी 35 वर्षीय किसान मुनेंद्र, पिता घनश्याम राजपूत ने फांसी लगा ली। बताया जा रहा है कि उसके आटा चक्की पर बिजली बिल का 88 हजार रुपये बकाया था। इसके बाद बिजली कंपनी ने कुर्की की कार्रवाई की थी।

मृतक मुनेंद्र के परिवार में उसकी पत्नी बिनोवा, तीन बेटियां और एक बेटा है। मुनेंद्र की मौत के बाद उसकी पत्नी बिनोवा और चारों बच्चों का रो-रोकर बुरा हाल हो गया है। घटना के बाद पूरा गांव भी शोक में डूबा हुआ है।

स्थानीय मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार मुनेंद्र कस्बे में ही आटा चक्की चलाता था। मुनेंद्र का शव खेत में आम के पेड़ पर फंदे पर लटका मिला। पास में ही तीन पेज का एक सुसाइड नोट मिला है। सुसाइड नोट में लिखा गया है कि उसका शरीर सरकार को सौंप दिया जाए और शरीर का अंग-अंग बेच कर बकाया कर्ज चुका दिया जाए।

उधर बिजली कंपनी के अधिकारियों का कहना है कि साल 2018 से उसका बिल बकाया था और उसे कई बार नोटिस दिया गया था। मुनेंद्र के नाम पर डेढ़ साल के बिजली बिल का 88 हजार रुपये बकाया था।

मीडिया रिपोर्ट्स में कहा गया है कि बिजली कंपनी के कर्मचारी बीते सोमवार को मुनेंद्र के यहां बकाया बिल वसूलने पहुंचे थे। बिल नहीं चुकाने पर उन्होंने मुनेंद्र की चक्की, 10 हॉर्सपावर की मोटर और उसकी बाइक जब्त कर ली। कहा जा रहा है कि इस बात से मुनेंद्र खुद को अपमानित महसूस कर रहा था।

उधर किसान के पेड़ से लटक कर सुसाइड करने की खबर मिलने पर पहुंची स्थानीय मातगुवां थाना की पुलिस को घटनास्थल से तीन पेज का सुसाइड नोट मिला है। सुसाइड नोट में लिखा गया है कि उसका शरीर सरकार को सौंप दिया जाए। वे मेरे शरीर का एक-एक अंग बेचकर कर्ज चुका दें।

नोट में कर्ज ना चुका पाने का कारण भी लिखा गया है कि लॉकडाउन में काम ठप होने, एक भैंस की करंट से मौत व तीन भैंस चोरी होने और खेती से भी आमदनी नहीं होने के कारण वह बिल नहीं चुका पाया।

वहीं गुरुवार दोपहर एसपी सचिन शर्मा और डीआईजी विवेकराज सिंह भी घटनास्थल व मृतक के गांव में पहुंचे। एसपी सचिन शर्मा ने मीडिया को बताया कि सभी बिंदुओं पर जांच की जा रही है। बिजली कंपनी के बकाया और सुसाइड नोट की जांच के बाद जो तथ्य सामने आएंगे, उसके अनुसार कार्रवाई की जाएगी।

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