Madras High Court News : मद्रास हाईकोर्ट ने महिला के घर के बाहर पेशाब करने के आरोपित एबीवीपी के पूर्व अध्यक्ष को दी अंतरिम जमानत

Madras High Court News : मद्रास हाईकोर्ट की जस्टिस जी. जयाचंद्रन ने अरजेंट मोशन के तहत यचिकाकर्ता के मामले पर सुनवाई की थी। याचिकाकर्ता की ओर से अपनी याचिका में पुलिस पर उसके अधिकारों का दुरुपयोग करने और याचिकाकर्ता के मौलिक अधिकारों का हनन करने का आरोप लगाया गया था।

Update: 2022-03-22 10:04 GMT

Madras High Court News : मद्रास हाईकोर्ट ने महिला के घर के बाहर पेशाब करने के आरोपित एबीवीपी के पूर्व अध्यक्ष को अंतरिम जमानत दे दी है।

Madras High Court News : मद्रास हाईकोर्ट (Madras High Court) ने सोमवार (21 मार्च) को अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (ABVP) के पूर्व अध्यक्ष डॉ. सुब्बैया सनमुगम (Dr. Subbaih Sunmugam)  को अंतरिम जमानत दे दी है। सनमुगम को एक महिला के घर के बाहर प्रयो​ग किए गए मास्क फेंकने और पेशाब करने के आरोप में शनिवार को गिरफ्तार किया गया था।

मद्रास हाईकोर्ट की जस्टिस जी. जयाचंद्रन (Justice G. Jayachandran) ने अरजेंट मोशन के तहत यचिकाकर्ता के मामले पर सुनवाई की थी। याचिकाकर्ता की ओर से अपनी याचिका में पुलिस पर उसके अधिकारों का दुरुपयोग करने और याचिकाकर्ता के मौलिक अधिकारों का हनन करने का आरोप लगाया गया था।

मामले में कोर्ट ने सरकार से भी जबाव मांगा है कि आखिर याचिकाकर्ता को सार्वजनिक अवकाश के दिन एक ऐसे मामले में क्यों गिरफ्तार किया गया जिसकी शिकायत डढ़ साल पहले की गयी थी।

वहीं याचिकाकर्ता की ओर कोर्ट को बताया गया कि उनके और शिकायतकर्ता के बीच काफी समय पूर्व ही समझौता हो चुका है। पर सत्ता में बैठे किसी व्यक्ति के दबाव में उनकी गिरफ्तारी की गयी है। कोर्ट को यह भी बताया गया कि याचिकाकर्ता निलंबित था और उनके निलंबन को रद्द करने के लिए भी एक याचिका डाली गयी। अब फिर उनके निलंबन को बनाए रखने के लिए उन्हें सार्वजनिक अवकाश के दिन गिरफ्तार किया गया। ताकि 48 घंटे से अ​धिक समय तक गिरफ्तार रहने पर कंडक्ट रूल के तहत उन्हें फिर निलंबित किया जा सके।

मामले की सुनवाई करते हुए जस्टिस जयाचंद्र ने कहा कि गिरफ्तारी के ऐसे मामले स्पष्ट रूप से हमाले संविधान के आर्टिकल 21 का उल्लंघन है। यह अपराध भी है और सामाजिक रूप से गलत भी है। कोर्ट ने सुनवाई के दौरान कहा कि चुंकि मामले में याचिकाकर्ता की गिरफ्तारी की गलत ढंग से की गयी है ऐसे में विभागीय कार्रवाई का कोई आधार ही नहीं बनता है।

उसके बाद कोर्ट ने 25 हजार रुपए के निजी मुचलके पर याचिकाकर्ता को मामले में जमानत दे दी है। अब इस मामले में अगली सुनवाई 24 मार्च को की जाएगी। इस मामले में याचिकाकर्ता की ओर से मे. आरसी पॉल कनगराज जबकि राज्य सरकार की ओर से एडिशनल पब्लिक प्रोशिक्यूटर जीबी कस्थूरी ने कोर्ट के सामने अपना-अपना पक्ष रखा। 

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