Mahant Narendra Giri Death Case: लग्जरी लाइफ जीने का शौकीन आनंद गिरी कौन है, जानिए पूरी हिस्ट्री
Mahant Narendra Giri Death : आनंद गिरि महंगी गाड़ियों में घूमने के शौकीन है, उन्हें ना सिर्फ लग्जरी गाड़ियों का शौक है बल्कि लग्जरी जिंदगी भी जीते हैं....
मोना सिंह की रिपोर्ट
जनज्वार। पूरा नाम, महंत स्वामी आनंद गिरि। जन्म-1980। स्थान-उत्तराखंड (Uttarakhand)। पढ़ाई में उच्च शिक्षित और संन्यासी। स्वामी आनंद गिरि (Swami Anand Giri) हरिद्वार (Haridwar) के एक आश्रम में 10 वर्ष की उम्र में स्वामी नरेंद्र गिरि को मिले और फिर उनके शिष्य बन गए। औपचारिक शिक्षा के साथ-साथ संन्यास की भी शिक्षा लेनी शुरू कर दी। साल 2007 में आनंद गिरि अखिल भारतीय निरंजनी अखाड़े (Akhil Bhartiya Niranjani Akhara) से जुड़े और फिर इसी के महंत बने थे। वर्तमान में बड़े हनुमान जी मंदिर प्रयागराज (Prayagraj) के छोटे महंत थे। मठ बाघंबरी गद्दी के व्यवस्थापक में से एक थे। स्वामी आनंद गिरि की जीवनी पर आधारित कार्यक्रम को अक्टूबर 2020 में गोल्डन बुक ऑफ अर्थ के वेबिनार में शामिल किया गया था।
इस वेबिनार में दुनिया के 101 प्रभावशाली लोग शामिल थे। जिनमें से भारत से केंद्रीय मंत्री नितिन गड़करी रविशंकर प्रसाद (Ravishankar Prasad), दिल्ली के उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया भी शामिल थे।
लग्जरी लाइफ के हैं शौकीन
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, आनंद गिरि महंगी गाड़ियों में घूमने के शौकीन है। उन्हें ना सिर्फ लग्जरी गाड़ियों का शौक है बल्कि लग्जरी जिंदगी भी जीते हैं। शायद ही किसी साधु, संत या महंत को कभी फ्रेंच कट में देखा हो। लेकिन आनंद गिरि वो शख्स हैं जो फ्रेंच कट दाढ़ी रखते हैं। इन्हें बुलेट की सवारी करना। प्लेन से विदेश जाना बेहद पसंद है।
इनके पास एप्पल के दो-दो मोबाइल फोन हैं। इनके संतो वाले कपड़े भी बेहद महंगे होते हैं। इनके कपड़ों की कीमत हैरान करने वाली है। इतना ही नहीं, गले में सोने की चेन और हाथ में सोने का कड़ा पहनने के भी शौकीन है। काफी समय पहले आनंद गिरि का एक विमान के बिजनेस क्लास में शाही अंदाज में बैठे हुए फोटो वायरल हुई थी। इस फोटो में सीट के होल्डर में एक कांच की गिलास में शराब होने का दावा किया गया था. हालांकि, बाद में आनंद गिरि ने दावा किया था कि उस गिलास में शराब नहीं बल्कि एपल जूस था. जिसे गलत ढंग से पेश किया गया था।
इसके अलावा ऑस्ट्रेलिया (Australia) में 2 महिलाओं से छेड़छाड़ और मारपीट के आरोप भी लग चुके हैं। लिहाजा, कभी शराब तो कभी महिलाओं से छेड़छाड़ के आरोपों को लेकर वो विवादों में रह चुके हैं। इसके अलावा नरेंद्र गिरि ने आनंद गिरि पर सीधे चोरी का आरोप भी लगाया था। जिसमें उन्होंने दावा किया था कि चढ़ावे का पैसा आनंद गिरि ने अपने परिवार पर खर्च किया है। इसी को लेकर उन्हें अखाड़े से बाहर कर दिया था। जिसके बाद आनंद गिरि ने पैरों में गिर कर माफी भी मांगी थी।
साल 2018 में आनंद गिरि पर लगा था छेड़छाड़ का आरोप
मीडिया रिपोर्ट्स में ये दावा किया गया है कि साल 2018 में आनंद गिरि पर ऑस्ट्रेलिया में कुछ लड़कियों से छेड़छाड़ और मारपीट का आरोप लगा था। उस समय वह न्यायिक हिरासत में भी रखे गए थे। इन आरोपों को लेकर काफी बदनामी भी हुई थी। उस घटना के बाद महंत नरेंद्र गिरि ने कहा था कि ऐसी हरकतों से मठ और मंदिरों की बदनामी हुई है। इस बात को लेकर नरेंद्र गिरि ने काफी आपत्ति भी जताई थी। जिसके बाद विवाद शुरू हुआ था।
आनंद गिरि खुद को कई बार घुमंतू योगी होने का दावा करते हैं। ऑस्ट्रेलिया (Australia) के सिडनी शहर में महिलाओं से उनके बेडरूम में मारपीट और छेड़छाड़ वाले मामले को लेकर सनातन धर्म (Sanatan Religion) ने गहरा आक्रोश भी जताया था। हालांकि, इस मामले में कोर्ट ने उन्हें बरी भी कर दिया था। आनंद गिरि ने हाल में ही स्वामी नरेंद्र गिरि के युवा शिष्यों आशीष गिरी और दिगंबर गंगापुरी की मौत पर सवाल उठाया था। दोनों की मौत को हत्या होने का दावा किया था। महंत नरेंद्र गिरि पर ये भी आरोप लगाया था कि उन्होंने अपने प्रभाव से हत्या को आत्महत्या का मामला बनवा दिया था।
इसके अलावा कुछ समय पहले ही उन्होंने महंत नरेंद्र गिरि का एक विवाह समारोह में पैसे लुटाते हुए वीडियो को वायरल किया था। जिसके बारे में नरेंद्र गिरि ने कहा था कि समारोह में उन्हें आमंत्रित करके पैसे आशीर्वाद स्वरूप लुटाने के लिए दिए गए थे। बता दें कि आनंद गिरि ने खुद को कुछ साल पहले ही महंत नरेंद्र गिरि (Mahant Narendra Giri) का उत्तराधिकारी घोषित कर दिया था। जिसके बाद बड़ा विवाद हुआ था। फिर मई 2021 में महंत नरेंद्र गिरि ने आनंद गिरि को अखाड़े से निष्काषित कर दिया था। हालांकि, बाद में गुरु पूर्णिमा के दिन आनंद गिरि ने महंत नरेंद्र गिरि के पैरों में गिरकर माफी मांग ली थी। इसके साथ ही अखाड़े और मठ में आनंद गिरि के एंट्री पर लगाई गई रोक भी हटा दी गई थी। हालांकि, आनंद गिरि का अखाड़े से निष्कासन वापस हुआ या नहीं ये अभी साफ नहीं है।
पेट्रोल पंप खुलवाने को लेकर भी हुआ था विवाद
बताया जाता है कि प्रयागराज के बाघंबरी गद्दी की जमीन पर आनंद गिरि के नाम से पेट्रोल पंप खोलने की तैयारी भी हो गई थी। ये भी पता चला था कि आनंद गिरि के नाम से ही 1200 वर्ग गज जमीन का एग्रीमेंट हो गया था। इसके लिए एनओसी भी मिल गई थी। इसकी जानकारी होने पर महंत नरेंद्र गिरि ने उसे निरस्त करा दिया था।