Mahant Narendra Giri case: हिरासत में लिए गए आनंद गिरी, किया था दावा- लिखना-पढ़ना नहीं जानते थे गुरुजी तो कैसे लिखा सुसाइड नोट
Mahant Anand Giri case: हिरासत में लिए जाने से पहले आनंद गिरि ने कई बातें कही थीं, आनंद गिरि ने यह भी कहा था कि महंत नरेंद्र गिरि को लिखना ही नहीं आता था तो उन्होंने आठ पन्नों की चिट्ठी कैसे लिखी?
Mahant Narendra Giri case : (जनज्वार)। अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष नरेंद्र गिरी (Narendra Giri) की मौत के मामले में उनके शिष्य आनंद गिरी को हिरासत में ले लिया गया है। नरेंद्र गिरी के कमरे से बरामद सुसाइड नोट (sucide note) में आनंद गिरी का नाम होने के आधार पर उनसे पूछताछ की जा रही है। बताया जा रहा है कि दिवंगत महंत ने आनंद गिरी पर परेशान करने की बात लिखी है।
हालांकि हिरासत (Police custody) में लिए जाने से पहले आनंद गिरी ने कई दावे किए थे। आनंद गिरी ने यह भी कहा था कि महंत नरेंद्र गिरी को लिखना ही नहीं आता था तो उन्होंने आठ पन्नों (Eight pages) की चिट्ठी कैसे लिखी? आनंद और नरेंद्र गिरी में पिछले साल विवाद हुआ था। नरेंद्र गिरि ने आनंद गिरी को मठ से निष्कासित भी कर दिया था। बाद में दोनों के बीच समझौता हो गया था।
अखाड़ा परिषद (Akhada Parishad) के अध्यक्ष नरेंद्र गिरी की मौत के बाद सवालों के घेरे में आए उनके शिष्य आनंद गिरी ने बड़ा दावा (Big claim) किया है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, महंत नरेंद्र गिरी की मौत के बाद मिले सुसाइड नोट और उसमें आनंद गिरी की ओर से मानसिक तौर पर प्रताड़ित (Mental torchure) की जाने की बात का खुलासा होने और हिरासत में लिए जाने के पहले आनंद गिरी ने कई बातें कहीं।
आनंद ने कहा कि गुरुजी (Guruji) आत्महत्या कर ही नहीं सकते। वहीं रही बात सुसाइड नोट की तो उन्होंने कहा कि महंत नरेंद्र गिरी (Mahant Narendra Giri) को लिखना पढ़ना ही नहीं आता था ऐसे में वे 8 पन्नों का सुसाइड नोट कैसे लिख सकते हैं। उन्होंने कहा कि इस मामले की पूरी जांच की जानी चाहिए।
आनंद गिरी ने कहा कि वो इस मामले में किसी भी तरह की जांच (Any type of enquiry) के लिए तैयार हैं। उन्होंने दावा किया कि उन्हें फंसाने की कोशिश की जा रही है। आनंद गिरी ने कहा कि लोग हमें रास्ते से हटाना चाहते थे और कुछ लोग लगातार गुरुजी को परेशान भी कर रहे थे।
उधर, यूपी के एडीजी (ADG) कानून व्यवस्था प्रशांत कुमार के अनुसार सुसाइड नोट में आनंद गिरि का नाम आने के बाद उन्हें हिरासत में लिया गया है। आनंद गिरि फिलहाल हरिद्वार (Anand Giru) में हैं। वहां की पुलिस ने आनंद गिरि को हिरासत में लिया है। यूपी से विशेष टीम आनंद को लाने के लिए भेजी जा रही है।
आईजी केपी सिंह (IG KP Singh) ने बताया कि नरेंद्र गिरि का शव जिस कमरे में मिला है, उसमें आठ पेज का सुसाइड नोट मिला है। जो हस्तलिखित (handwritten) है। इसे बहुत विस्तार से लिखा गया है। सुसाइड नोट पढ़ने से प्रथमदृष्ट्या ऐसा लग रहा है कि वह बहुत दुखी थे।
"महंत ने लिखा है कि मैं इतने सम्मान के साथ रहा हूं, मेरा कोई अपमान करेगा तो मैं बर्दास्त नहीं करूंगा।" आईजी ने स्पष्ट किया है कि सुसाइट नोट में उनके शिष्य आनंद गिरि का भी जिक्र है लेकिन उनका जिक्र किन संदर्भों में है, इस बारे में अभी कुछ कहना उचित नहीं होगा।
गौरतलब है कि आनंद गिरी का सुसाइड नोट में नाम आने के बाद उत्तराखंड पुलिस (Uttarakhand Police) ने हरिद्वार से हिरासत में ले लिया है और उनसे पूछताछ की जा रही है। आनंद गिरी का आरोप है कि मठ और मंदिर (Math and Temples) का पैसा हड़पने वालों ने महंत जी की हत्या की। इस साजिश में मठ के कई बड़े नाम शामिल हो सकते हैं। करोड़ों का खेल हैं। इसमें एक सिपाही (Policeman) भी है। यही लोग उनकी हत्या कर सकते हैं। आनंद गिरी का आरोप है कि इस घटना में पुलिस के अधिकारी भी शामिल हो सकते हैं।
आनंद गिरी ने दावा किया था कि गुरुजी कभी आत्महत्या नहीं कर सकते, उनकी हत्या (murder) हुई है। उन्होंने कुछ अधिकारियों पर ही गंभीर आरोप लगाकर साजिश करने की बात कही है। आनंद गिरी का आरोप है कि महंत नरेंद्र गिरी को मारकर मुझे फंसाने की साजिश है।
उन्होंने कहा कि उनके खिलाफ बहुत बड़ी साजिश की गई है। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि मनीष शुक्ला (Manish Shukla) जिनकी शादी महंत नरेंद्र गिरी ने कराई थी, उसे पांच करोड़ का मकान दिया। उन्होंने आरोप लगाया कि इसके आलावा अभिषेक मिश्र भी इस मामले में शामिल हो सकते हैं, जिनकी जांच होनी चाहिए।